कुंभ पड़ताल: लगातार बढ़ रहा है कोराना संक्रमण, खुली सड़कों पर घूमते मिले मरीज

डाउन टू अर्थ ने हरिद्वार में घूम कर कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर स्थितियों का जायजा लिया तो स्थिति काफी भयावह नजर आई
कुंभ मेले में पहुंचे साधू। फोटो मिधुन विजयन
कुंभ मेले में पहुंचे साधू। फोटो मिधुन विजयन
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देशभर में कोरोना संक्रमण के मामलों की रफ्तार बहुत तेजी से बढ़ रही है। वहीं, उत्तराखंड के हरिद्वार में कुंभ का आयोजन जारी है। 12 अप्रैल, 2021 को पहले शाही स्नान में जहां 31 लाख से ज्यादा लोगों ने गंगा स्नान किया, वहीं अब 14 अप्रैल को भी करीब इतनी ही संख्या गंगा स्नान के लिए पहुंच सकती है। लेकिन डाउन टू अर्थ ने हरिद्वार में घूम कर कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर स्थितियों का जायजा लिया तो स्थिति काफी भयावह नजर आई : 
केस नंबर एक 
हरिद्वार के मेला अस्पताल को एल-थ्री कोविड अस्पताल बनाया गया है। इसमें अभी 25 बेड है, जहां 22 मरीज भर्ती हैं। सैकड़ों मरीजों को यहां से एम्स ऋषिकेश के लिए रेफर किया जा चुका है। यहां जब हम पहुंचे तो एक स्थानीय युवा कोरोना पॉजिटिव मरीज पहुंचा (नाम-पहचान यहां जाहिर नहीं कर सकते) जिसे सांस की दिक्कत थी। वहां मौजूद चिकित्सक ने देखा और नजदीक के एक होटल को आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है। वहां उसे जाने के लिए कहा गया।
हमने मरीज का पीछा किया तो पाया कि वह अपनी स्कूटी से भीड़ वाले इलाके में होते हुए होटल की तरफ गया। किसी भी तरह का प्रोटेक्शन नहीं था। आस-पास मौजूद लोग पूरी तरह इस बात से अंजान थे। ऐसे में कोरोना संक्रमण के मरीज बिना एंबुलेंस और सुरक्षा के भीड़ वाले इलाकों से बिना सोशल डिस्टैंसिंग गुजर रहे हैं। 
वहीं एक साल पुराने अस्पताल में आरटीपीसीआर जांच की लैब बनाई जा रही है जिसका काम अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। इसलिए निर्माण कार्य के कारण बेडों की संख्या बढ़ने के बजाए घट गई है। यहां गंभीर मामले होते हैं। ऐसे में अस्पताल से एम्स रेफरल काफी ज्यादा है। 
केस नंबर 2  : 
हरिद्वार में कई अखाड़ों के टेंट-पंडाल वाली अस्थायी सुविधाएं बैरागी कैंप पर बनाई गई हैं। इनकी संख्या सैकड़ों में है। जहां पंडालों में 10 हजार से ज्यादा लोगों की चहलकदमी दिखाई दी।इस कैंप में एम्स ऋषिकेश की तरफ से कोरोना जांच और 50 बेड (25 महिला और 25 पुरुष बेड) वाला अस्थायी अस्तपाल स्थापित किया गया है। कोरोना जांच केंद्र पर लगातार मामले बढ़ रहे हैं। 
नाम न बताने की शर्त पर कोरोना जांच केंद्र के एक कर्मी ने बताया कि यहां पर रोजाना 200 से 250 कोरोना एंटीजन जांच की जा रही है। इसमें जो पॉजिटिव मिलता है सिर्फ उसी संक्रमित व्यक्ति की आरटीपीसीआर जांच हो रही है। बैरागी कैंप पर 11 अप्रैल को कुल 250 जांच की गई इसमें 6 लोग पॉजिटव आए। 12 अप्रैल को 208 जांच की गई जिसमें 17 पॉजिटिव आए। 13 अप्रैल को दोपहर तक 117 लोगों की जांच हुई और जिसमें 6 पॉजिटिव कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई। 
कैंप के अस्पताल में मौजूद वरिष्ठ चिकित्सक विशाल पाटिल ने बताया कि सामान्य मरीजों की संख्या भी यहां काफी ज्यादा बढ़ रही है। इनमें डायरिया, डिहाइड्रेशन शामिल है। रोजाना 200 से 250 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। ज्यादातर यहां भी मामलों को आइसोलेशन के लिए रेफर किया जा रहा है।  
केस नंबर 3 
हरिद्वार में एक और मुसीबत सामने आई है। मसलन यहां कई साधु पॉजिटिव केस होने के बाद भी आइसोलेशन से इनकार कर रहे हैं। एक ऐसा मामला सामने भी आया है। साधु को पॉजिटिव केस पता चलने पर वह भाग निकला। मुख्य चिकित्सा अधिकारी एसके झा ने डाउन टू अर्थ को बताया कि बाद में उसे पकड़ा गया। ऐसा मामला संज्ञान में आया था। वहीं, फील्ड रिपोर्टिंग के दौरान नाम न बताने की शर्त पर भी जांच केंद्रों पर कर्मियों ने बताया कि ऐसा हो रहा है। इसका मतलब है कि हम जिस भीड़ में हैं उसमें नहीं मालूम है कि कौन कोरोना संक्रमित है।
कुंभनगरी में बढ़ता कोरोना का बढ़ता ग्राफ :
10 अप्रैल, 2021 को कुल 30,638 जांच हुई कुल 205 कोरोना संक्रमित थे। 
- इनमें एंटीजन टेस्ट 22610  में 54 संक्रमित मिले
- आरटीपीसीआर टेस्ट 8028  में 151 संक्रमित मिले
11 अप्रैल, 2021 को 55,430 जांच हुई, कुल 369 संक्रमित मिले
- 49929 एंटीजन जांचें हुई इनमें 98 कोरोना संक्रमित पाए गए। 
- 5501 आरटीपीसीआर जांच हुई इनमें 271 कोरोना संक्रमित मिले।
12 अप्रैल, 2021 को  66203 जांच हुई और 387 पॉजिटिव मिले
- 61810 एंटीजन जांचे हुई इनमें 171 पॉजिटिव मिले। 
- 4393 आरटीपीसीआर 215 पॉजिटिव मिले। 
- सभी जांचे और कोरोना संक्रमितों की पुष्टि का यह आंकड़ा रात 12 बजे से अगली रात 12 बजे तक का है। कुल 24 घंटे का यह आंकड़ा है। उदाहरण के लिए 10 अप्रैल  का आंकड़ा रात 12 बजे से रात 12 बजे तक का है। 
14 अप्रैल को शाही स्नान, स्थिति संवेदनशील 
मुख्य चिकित्सा अधिकारी एसके झा ने डाउन टू अर्थ से बताया कि हमारी तैयारी है और हम बचाव की पूरी कोशिश कर रहे हैं। एंटीजन टेस्ट हम ज्यादा जांच इसलिए कर रहे हैं क्योंकि यहां जो भी आ रहे हैं वह निगेटिव रिपोर्ट के साथ आ रहे हैं और उनमें लक्षण नहीं होते हैं। रैंडम टेस्टिंग में यदि कोई एंटीजन पॉजिटिव मिलता है तो उसका हम आरटीपीसीआर टेस्ट भी करते हैं।हरिद्वार में अब कुल 6 कंटेनमेंट जोन बन चुके हैं। 73 साइटों पर टीम रैंडम जांच के लिए मौजूद है। हमारे पास 10 हजार बेडों की व्यवस्था है। बॉर्डर इलाकों पर ज्यादा पॉजिटिव केस मिल रहे हैं। इनमें दिल्ली की तरफ से आने वाला नानसर बॉर्डर भी है। 
भगदड़ के डर से नियमों में ढील 
वहीं, मेला आईजी संजय गुंज्याल ने  स्थानीय लोगों से परेशानी होने के कारण माफी मांगा। उन्होंने कहा कि यहां भगदड़ की घटनाएं हो चुकी हैं। ऐसे में यदि सोशल डिस्टैंसिंग और मास्क नियमों की सख्ती घाटों पर की जाएगी तो संभव है कि भगदड़ हो जाए। ऐसे में इन नियमों का पालन नहीं हो पा रहा है

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