आखिरकार जॉनसन एंड जॉनसन बंद करेगा टाल्कम पाउडर का उत्पादन

इस पाउडर के इस्तेमाल का संबंध, फेफड़ों के कैंसर और महिलाओं में गर्भाशय के कैंसर से जुड़ा है
Photo: Flickr
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बिक्री में कमी ने जॉनसन एंड जॉनसन को अपने टाल्कम पाउडर के उत्पादन और बिक्री को स्थगित करने पर मजबूर किया है। इस पाउडर के इस्तेमाल का संबंध, फेफड़ों के कैंसर और महिलाओं में गर्भाशय के कैंसर से जुड़ा है।

पाउडर बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले टाल्क को खनन से तैयार किया जाता है। टाल्क एक खनिज है। यह खनिज बड़ा मुलायम होता है तथा साबुन की तरह चिकनाहट लिए रहता है। इसका रंग सफेद या हरा होता है।

कभी-कभी टाल्क की खदानें एस्बेसटस की खदानों के करीब होती हैं, जिनकी मौजूदगी पाउडर का विषैला बना देती हैं। टाल्कम पाउडर इंडस्ट्री का कारोबार 2021 में 2.8 अरब डालर था। सैकड़ों कंपनियां कॉस्मेटिक के उत्पाद बनाने के लिए इस खनिज का इस्तेमाल करती हैं।

दशकों से कंपनी इससे इंकार करती रही है कि उसका उत्पाद विषैला है। यहां तक कि उत्पादन और बिक्री को स्थगित करने के फैसले के ऐलान के समय भी कंपनी ने यही दोहराया। हालांकि 2019 में फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने अपने सैंपलों की जांच में एस्बेसटस पाया था।

एस्बेसटस को कैंसरकारी तत्व के तौर पर जाना जाता है, जिसका संबंध मीसोथिलोमा नाम की बीमारी से है। यह एक तरह का फेफड़ों का कैंसर है, जो खदानों में काम करने वालों को होता है। एफडीए के अध्ययन के बाद कंपनी को अपने बेबी पाउडर की बड़ी खेप को वापस लेना पड़ा।

बड़ी संख्या में अदालती मामलों का सामना करने के कारण कंपनी को इस टाल्क की बजाय मक्के के आटे में स्थानांतरित करने के लिए मजबूर होना पड़ा। फिलहाल विभिन्न अदालतों में 40,000 से अधिक मामले हैं, जिनमें महिलाओं ने अपने खराब स्वास्थ्य के लिए कंपनी पर मुकदमा दायर किया है। महिलाओं ने दावा किया कि टाल्कम पाउडर का लंबे समय तक इस्तेमाल उनके कैंसर के लिए जिम्मेदार था।

टाल्क की जगह बेबी पाउडर बनाने में अब मक्के के आटे का इस्तेमाल होगा। अमेरिका और कनाडा के बाजार में पिछले दो सालों से यह फार्मूला उपलब्ध है। यह बदलाव इस साल मई में भी प्रस्तावित था लेकिन साझेदारों ने इस बदलाव के खिलाफ वीटो का इस्तेमाल किया था।

फिर भी, मक्के के पाउडर के इस्तेमाल का यह बदलाव बिना जोखिम वाला नहीं है। इस पाउडर का उपयोग सर्जिकल दस्ताने पर भी किया जाता है और अगस्त 2009 में एनल्स ऑफ प्लास्टिक सर्जरी में प्रकाशित एक समीक्षा अध्ययन से संकेत मिलता है कि मक्के के आटे का घाव बंद करने की तकनीक पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है, यह पाउडर घाव के संक्रमण का कारण बन सकता है और रोगियों के लिए लेटेक्स एलर्जेन के रूप में वाहक के रूप में काम कर सकता है।

यूनाइटेड किंगडम और जर्मनी ने 1990 के दशक के अंत से मेडिकल दस्ताने पर मक्के के पाउडर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है।

जॉनसन एंड जॉनसन ने 2020 में पूरे अमेरिका और कनाडा में टाल्क आधारित बेबी पाउडर की बिक्री बंद कर दी थी, क्योंकि इसके उत्पाद के लंबे समय तक उपयोग का दावा करने वाले मुकदमों की बाढ़ आ गई थी। जिनमें कहा जा रहा था कि जिससे विषैले एस्बेस्टस के चलते गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो रही थीं। कंपनी का दावा है कि खराब प्रेस के कारण बिक्री में गिरावट आई है।

हालांकि एस्बेस्टस के नकारात्मक असर के संकेत लंबे समय से मिल रहे थे लेकिन आम-सहमति की कमी के चलते इस पर प्रतिबंध लगाना मुश्किल था। 

यह खनिज सभी टाल्क आधारित पाउडर में मौजूद रहता है। इन पाउडरों का उपयोग शिशुओं में लंगोटी के कारण पड़ने वाले चकत्तों को रोकने और महिलाओं द्वारा व्यक्तिगत स्वच्छता के लिए किया जाता है।

ऐसे कई कानूनी मामलों की वजह पाउडर का ज्यादा इस्तेमाल रहा है, जिनका सामना पिछले कुछ दशकों में जॉनसन एंड जॉनसन को करना पड़ा। तमाम मामलों में कंपनी केस हार गई। उसे मुआवजे के तौर पर 2021 से पहले तक करीब साढ़े तीन अरब डालर भुगतान करना पड़ा।

2018 में उसे 22 महिलाओं के एक समूह को दो अरब डालर से ज्यादा का भुगतान करना पड़ा। इन महिलाओं के गर्भाशय कैंसर के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी को दोषी माना था।

हालांकि कई ऐसे उदाहरण भी हैं, जिनमें कंपनी मुआवजा देने से बच गई। जुलाई 2022 में, न्यूयॉर्क सुप्रीम कोर्ट ने पहले के एक फैसले को उलट दिया था, जो पीड़ित के पक्ष में था। इसमें कंपनी को वादी को 120 मिलियन डालर के बराबर हर्जाना देना पड़ता लेकिन अदालत के अनुसार वादी, दावा किए गए प्रतिकूल स्वास्थ्य प्रभाव का कारण बनने के लिए किसी पदार्थ के पर्याप्त संपर्क को स्थापित करने में नाकाम रहा था।

जॉनसन एंड जॉनसन ने मुकदमेबाजी से अपने को बचाने के लिए, अक्टूबर 2021 में, टेक्सास में एक सहायक कंपनी, एलटीएल का गठन किया। टेक्सास राज्य के कानून में एक प्रावधान का उपयोग करके सभी कानूनी मुद्दों को इस कंपनी को स्थानांतरित कर दिया गया था।

एलटीएल ने तब उत्तरी कैरोलिना में दिवालियापन के लिए मुकदमा दायर किया था। इसके कारण, सभी अदालती मामलों को रोक दिया गया और  इसके चलते महिलाएं अनिश्चित अवधि के लिए अपनी स्थिति के बारे में अनिश्चित रह सकती हैं।

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