
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (एनएफएसएच-5) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश के पुरुषों और महिलाओं दोनों के मोटापे में चार फीसदी का इजाफा हुआ है। पिछले सर्वेक्षण यानी राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 में देश की 20.6 फीसदी महिलाएं मोटापे या अधिक वजन का शिकार थीं। इस बार यह आंकड़ा बढ़कर 24 फीसदी हो गया है। यह अनुपात शहरी क्षेत्रों में ज्यादा यानी 33.7 फीसदी, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में कम, 19.7 फीसदी है।
पुरुषों के मोटापे में भी चार फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है। पिछले सर्वेक्षण में 18.9 फीसदी पुरुष मोटापे का शिकार थे जबकि ताजा सर्वेक्षण में 22.9 फीसदी पुरुष इससे पीड़ित हैं। महिलाओं की तरह पुरुषों में भी शहरी क्षेत्रों में गांवों की तुलना में मोटापा ज्यादा बढ़ा हुआ पाया गया है। शहरी क्षेत्रों के 29.8 फीसदी पुरुषों में जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 19.3 फीसदी पुरुषों में मोटापा बढ़ा है।
सर्वेक्षण में देश का कोई राज्य ऐसा नहीं पाया गया, जहां के पुरुषों और महिलाओं दोनों के मोटापे या वजन बढ़ने में कमी दर्ज की गई हो। मेघालय और नगालैंड की महिलाओं में ज्यादा वजन या मोटापे में मामूली कमी पाई गई लेकिन इन राज्यों के पुरुषों में मोटापा या भारीपन बढ़ा है। जबकि किसी अन्य राज्य में इस प्रवृत्ति में उलटफेर नहीं दर्ज किया गया।
गुजरात और महाराष्ट्र इस मोर्चे पर सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों के तौर पर उभरे हैं, जिनमें महिलाओं के अधिक वजन या मोटापे में मामूली कमी आई है। गुजरात में पिछले सर्वेक्षण में 23.7 फीसदी महिलाएं इस प्रवृत्ति का शिकार थीं जबकि इस बार 22.6 फीसदी महिलाएं इससे प्रभावित हैं। पुरुषों के मोटापे में इस राज्य में मामूली बढ़त हुई है। उनके लिए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 में यह आंकड़ा 19.7 फीसदी था, जो अब 19.9 फीसदी है। वहीं, महाराष्ट्र की महिलाओं में पिछले और वर्तमान दोनों सर्वेक्षणों में यह आंकड़ा बराबर यानी 23.4 फीसदी पाया गया। जबकि इस राज्य के पुरुषों के लिए पिछली बार के 23.8 फीसदी की तुलना में इस बार यह आंकड़ा 24.7 फीसदी रहा।
खराब प्रदर्शन करने वाले राज्यों में हरियाणा, कर्नाटक, मणिपुर और ओडिशा शामिल हैं, जहां की महिलाओं में सात से बारह फीसदी और पुरुषों में पांच से 11 फीसदी मोटापा या ज्यादा वजन दर्ज किया गया।
इन सबके बीच आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य इस श्रेणी में मध्यम प्रदर्शन करने वाले रहे, जहां महिलाओं और पुरुषों के मोटापे या वजन में तीन से सात फीसदी तक की वृद्धि पाई गई ।