तेलंगाना में सिजेरियन डिलीवरी की मदद से हुए थे 60 फीसदी से ज्यादा जन्म: सीएसडी

तेलंगाना के करीमनगर में सी-सेक्शन की मदद से जन्में बच्चों का प्रतिशत सबसे ज्यादा 82.4 था, जबकि इसके विपरीत कोमाराम भीम आसिफाबाद जिले में यह आंकड़ा 27.2 फीसदी दर्ज किया गया था
तेलंगाना में सिजेरियन डिलीवरी की मदद से हुए थे 60 फीसदी से ज्यादा जन्म: सीएसडी
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तेलंगाना में 2019-20 के दौरान करीब 60.7 फीसदी जन्म सी-सेक्शन या सिजेरियन डिलीवरी की मदद से हुए थे। एनएफएचएस -5 के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह आंकड़ा 58.4 फीसदी और शहरों में 64.3 फीसदी था। तेलंगाना के करीमनगर में सी-सेक्शन से पैदा हुए बच्चों का प्रतिशत सबसे ज्यादा करीब 82.4 फीसदी था, जबकि इसके विपरीत तेलंगाना के कोमाराम भीम आसिफाबाद जिले में इस तरह के जन्म का प्रतिशत सबसे कम करीब 27.2 फीसदी दर्ज किया गया था।

गौरतलब है कि सी-सेक्शन या सिजेरियन सेक्शन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें बच्चे की डिलीवरी सर्जरी द्वारा की जाती है। यह जानकारी हाल ही में कॉउन्सिल फॉर सोशल डेवलपमेंट (सीएसडी) द्वारा तेलंगाना पर जारी कम्पेंडियम में सामने आई है, जिसमें राज्य की स्वास्थ्य और जनसांख्यिकीय स्थिति की व्यापक समीक्षा की गई है। यह कम्पेंडियम राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) राउंड 4 (2015-2016) और राउंड 5 (2019-2020) के आंकड़ों पर आधारित है।

अपने इस कम्पेंडियम में सीएसडी ने तेलंगाना के उन जिलों की पहचान की है जिनका प्रदर्शन स्वास्थ्य और अन्य संकेतकों के सन्दर्भ में कैसा था। जिससे वहां सही स्थिति का पता चल सके। इस कम्पेंडियम में महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, शिशु जन्म, बाल टीकाकरण, शिशु और बाल मृत्यु दर, विवाह, वजन, मोटापे, पोषण, विटामिन ए जैसे जिला स्तर पर 99 संकेतकों को शामिल किया था। एनएफएचएस -5 के मुताबिक राज्य में पांच वर्ष या उससे कम उम्र के बालकों की मृत्यु दर 29.4 दर्ज की गई है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह आंकड़ा 32.4 फीसदी था। 

मोटापे और बढ़ते वजन से परेशान हैं हैदराबाद में 51 फीसदी महिलाएं

रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि तेलंगाना में 30.1 फीसदी महिलाएं मोटापे और बढ़ते वजन से परेशान हैं, जबकि हैदराबाद में यह आंकड़ा 51 फीसदी है। इन महिलाओं का बॉडी मास इंडेक्स 25 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर या उससे ज्यादा है। वहीं 14 फीसदी के साथ राज्य के कोमाराम भीम आसिफाबाद जिले में मोटापे और बढ़ते वजन से ग्रस्त महिलाओं का प्रतिशत सबसे कम था।

गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इससे ज्यादा बॉडी मास इंडेक्स को मोटापे का सूचक माना है। वहीं इसके विपरीत राज्य में करीब 19 फीसदी महिलाओं का बीएमआई सामान्य से कम दर्ज किया गया है। जहां जोगुलाम्बा गद्वाल जिले में 27.5 फीसदी के साथ ऐसी महिलाओं का प्रतिशत सबसे ज्यादा था, जबकि हैदराबाद में यह आंकड़ा 12.4 फीसदी दर्ज किया गया था।   

यदि महिला साक्षरता की बात की जाए तो 2019-20 के दौरान राज्य के हैदराबाद जिले में महिला साक्षरता दर सबसे ज्यादा 83.6 फीसदी थी। वहीं जोगुलाम्बा गद्वाल जिले में यह सबसे कम 45 फीसदी थी। यदि पूरे तेलंगाना की स्थिति को देखें तो महिला साक्षरता का प्रतिशत 64.8 दर्ज किया गया था। इतना ही नहीं एनएफएचएस - 5 में जारी आंकड़ों से पता चला है कि राज्य में 73.5 फीसदी महिलाओं ने कभी इंटरनेट यूज नहीं किया है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में यह प्रतिशत 84.2 है। 

रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के वानपर्ति जिले में प्रेगनेंसी रजिस्ट्रेशन 100 फीसदी था। जहां 2019-20 में इन महिलाओं को मातृ एवं बाल सुरक्षा कार्ड (एमसीपी) जारी किया गया था, वहीं पूरे राज्य में 96.7 गर्भवती महिलाओं के लिए यह कार्ड जारी किया गया था। 

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