
माइक्रोप्लास्टिक का प्रभाव
माइक्रोप्लास्टिक के बुरे असर को लेकर सदन में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में आज, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने राज्यसभा में बताया कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) - राष्ट्रीय पर्यावरण स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान (एनआईआरईऐच) ने मानव शरीर में माइक्रोप्लास्टिक की मौजूदगी पर अध्ययनों की एक व्यवस्थित समीक्षा की है। समीक्षा के निष्कर्षों के अनुसार, माइक्रोप्लास्टिक की खुराक प्रतिक्रिया और विषाक्तता खतरों के अध्ययनों का वर्तमान में अभाव है।
अलग से सीपीसीबी के समन्वय में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी ), आईसीएमआर, केंद्रीय पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआई पीटी), राष्ट्रीय सतत तटीय प्रबंधन केंद्र (एनसीएससीएम) की एक समिति ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें कहा गया कि मानव शरीर में माइक्रोप्लास्टिक की मौजूदगी के बारे में अध्ययन तो हैं, लेकिन मनुष्यों पर उनके शारीरिक या मनोवैज्ञानिक प्रभाव के बारे में कोई अध्ययन नहीं है।
पश्चिम बंगाल में वन क्षेत्र
सदन में उठाए गए एक और सवाल का लिखित जवाब देते हुए आज, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने राज्यसभा में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 का हवाला दिया। सिंह ने कहा पश्चिम बंगाल का वन क्षेत्र 16,832.33 वर्ग किलोमीटर बताया है, जबकि आईएसएफआर 2019 के अनुसार पश्चिम बंगाल का वन क्षेत्र 16,902.00 वर्ग किलोमीटर था।
आईएसएफआर, 2023 के अनुसार, पश्चिम बंगाल के 23 जिलों में से 13 जिलों में वन क्षेत्र में वृद्धि देखी गई है, जबकि 10 जिलों में आईएसएफआर 2021 की तुलना में वन क्षेत्र में गिरावट देखी गई है। पश्चिम बंगाल के जिन जिलों में वन क्षेत्र में कमी देखी गई है, वे हैं कूचबिहार, दक्षिण दिनाजपुर, दार्जिलिंग, हुगली, हावड़ा, मुर्शिदाबाद, उत्तर 24 परगना, पूर्व मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना और उत्तर दिनाजपुर हैं।
वायुमंडल में नाइट्रस ऑक्साइड का उत्सर्जन
आज सदन में पूछे गए एक और प्रश्न के उत्तर में, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने राज्यसभा में बताया कि 30 दिसंबर 2024 को जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) को सौंपी गई भारत की चौथी द्विवार्षिक रिपोर्ट (बीयूआर) के अनुसार, 2020 में भूमि उपयोग परिवर्तन और वानिकी (एलयूएलयूसीएफ) को छोड़कर कुल ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन 2,958.6 मिलियन टन सीओ2ई और एलयूएलयूसीएफ को शामिल करने के साथ 2,436.7 मिलियन टन सीओ2ई था।
नाइट्रस ऑक्साइड (एन2ओ) भारत के कुल जीएचजी उत्सर्जन में 5.1 प्रतिशत के लिए जिम्मेवार है। चीन, अमेरिका और ब्राजील के बाद भारत एन2ओ का चौथा सबसे बड़ा उत्सर्जक है।
कैंसर रोगियों के लिए टैबलेट
कैंसर रोगियों की दवा को लेकर संसद में उठे एक सवाल के जवाब में आज, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन तथा पीएमओ में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में बताया कि परमाणु ऊर्जा विभाग ने मेसर्स आईडीआरएस लैब्स प्राइवेट लिमिटेड, बेंगलुरु के साथ मिलकर एक खाद्य पूरक या न्यूट्रास्युटिकल ऑक्टोकैटे लॉन्च किया है। जिसका उद्देश्य रेडियोथेरेपी से गुजर रहे कैंसर रोगियों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना है।
भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, मुंबई, कैंसर में प्रशिक्षण अनुसंधान और शिक्षा के लिए उन्नत केंद्र, नवी मुंबई, टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुंबई और मेसर्स आईडीआरएस लैब्स के वैज्ञानिक टैबलेट बनाने में शामिल थे। यह उत्पाद भारत में कैंसर की सस्ती देखभाल की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
देश में 2025 तक सभी को स्वच्छ पेयजल
सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल ने लोकसभा में कहा कि जल जीवन मिशन के शुभारंभ के बाद से ग्रामीण घरों तक नल से पानी की पहुंच बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। अगस्त 2019 में जल जीवन मिशन की घोषणा के समय, देश में 3.23 करोड़ (16.71 फीसदी) ग्रामीण घरों में नल के पानी के कनेक्शन होने की जानकारी थी।
अब तक, जैसा कि 18 मार्च, 2025 तक राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा बताया गया है, लगभग 12.29 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण घरों को जेजेएम के तहत नल के पानी के कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। इस प्रकार, 18 मार्च, 2025 तक, 19.36 करोड़ ग्रामीण घरों में से, लगभग 15.53 करोड़ (80.20 फीसदी) घरों में नल से पानी की आपूर्ति होने की जानकारी है।
आज तक, आठ राज्य अर्थात गोवा, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम और तीन केंद्र शासित प्रदेश अर्थात पुडुचेरी, डीएंडडी और डीएंडएनएच, तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह ‘हर घर जल’ राज्य व केंद्र शासित प्रदेश बन गए हैं। यानी 100 फीसदी घरों में नल से पानी की आपूर्ति हो रही है।
यमुना नदी की सफाई
सदन में उठाए गए के सवाल के जवाब में आज, जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी ने लोकसभा में कहा कि भारत सरकार (जीओआई) ने गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों (यमुना सहित) के कायाकल्प के लिए 2014-15 में नमामि गंगे कार्यक्रम (एनजीपी) शुरू किया था, जो मार्च 2021 तक पांच साल के लिए था और इसे मार्च 2026 तक बढ़ा दिया गया है।
यमुना नदी के लिए एनजीपी के तहत, 5,911 करोड़ रुपये की लागत से 2,130 मिलियन लीटर प्रति दिन (एमएलडी) की सीवरेज उपचार क्षमता के निर्माण के लिए 33 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
देश में इलेक्ट्रिक बसों की तैनाती
इलेक्ट्रिक बसों को लेकर सदन में उठे एक प्रश्न के उत्तर में आज, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री तोखन साहू ने लोकसभा में बताया कि मंत्रालय के द्वारा आंकड़ों के प्रबंधन प्रणाली मांगी गई जानकारी को सही तरीके से नहीं रखी जाती है।
हालांकि मंत्रालय ने 16 अगस्त 2023 को “पीएमईबससेवा योजना” शुरू की है, जो एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसका उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में शहरी बस संचालन को बढ़ावा देना है, जिसमें पीपीपी मॉडल के तहत 10,000 इलेक्ट्रिक बसें तैनात करने के लिए 20,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता (सीए) शामिल है। अब तक मंत्रालय ने 14 राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 7,293 ई-बसों को मंजूरी दी है।