आईआईटी दिल्ली ने कोरोना की जांच के लिए बनाई स्वदेशी रैपिड एंटीजन किट, कीमत है बेहद कम

आईआईटी दिल्ली ने कोरोना की जांच के लिए बनाई स्वदेशी रैपिड एंटीजन किट, कीमत है बेहद कम

पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से विकसित इस किट की कीमत काफी कम है, साथ ही इसके परिणाम बहुत जल्द पता चल जाते हैं, जोकि 98.99 फीसदी सटीक होते हैं
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आईआईटी दिल्ली ने कोरोना की जांच के लिए रैपिड एंटीजन किट बनाई है, जो पूरी तरह से स्वदेशी है। साथ ही इसकी कीमत भी अन्य के मुकाबले काफी कम है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि यह किट ग्रामीण भारत में तेजी से फैलते कोविड-19 की जांच में काफी मददगार साबित हो सकती है। इस जांच किट को संस्थान के सेंटर फॉर बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर डॉ. हरपाल सिंह के नेतृत्व में आईआईटी दिल्ली के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित किया गया है।

इस जांच किट की सबसे बड़ी विशेषता इसकी कम कीमत है, जो कि करीब 50 रुपए है। साथ ही यह किट पूरी तरह से स्वदेशी है, जिसे इंडियन कॉउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा भी प्रमाणित किया गया है। यही नहीं इस किट की मदद से केवल 5 मिनट में कोरोना की जांच कर रिजल्ट देख सकते है।

शोधकर्ताओं का दावा है कि यह किट संवेदनशीलता में 90 फीसदी, विशिष्टता में सौ फीसदी और और सटीकता में 98.99 फीसदी है। इसका शुरुआती सीटी मान (14 से 32 के लिए) के लिए यह परीक्षण उपयुक्त पाया गया है। इसके बारे में प्रोफेसर हरपाल सिंह ने जानकारी दी है कि इस किट द्वारा की जाने वाली जांच कोरोना वायरस एंटीजन के लिए विशिष्ट मोनोक्लोनल एंटीबाडी पर आधारित है। साथ ही इस किट का उपयोग सार्स-कोव-2 एंटीजन के इन विट्रो गुणात्मक अनुसंधान करने के लिए किया जाता है। उनके अनुसार चूंकि इस किट से प्राप्त परिणाम गुणात्मक आधारित हैं, ऐसे में खुली आंखों से देखने पर भी इसका अनुमान लगाया जा सकता है।

इससे पहले आइआइटी दिल्ली ने लांच की थी 399 की आरटीपीसीआर जांच किट

गौरतलब है कि इससे पहले आईआईटी दिल्ली ने जुलाई 2020 में 399 रुपये मूल्य की आरटीपीसीआर किट भी लॉन्च की थी। जिसकी मदद से आरटीपीसीआर जांच की लागत को कम करने में सहायता मिली थी। वहीं संस्थान में विकसित तकनीकों का उपयोग करते हुए अब तक 80 लाख से अधिक पीपीई किट की आपूर्ति की जा चुकी है।

इसके लांच के अवसर पर आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर वी. रामगोपाल राव ने कहा कि इस एंटीजन आधारित रैपिड परीक्षण किट के लॉन्च होने के साथ, हमें उम्मीद है कि इसकी मदद से ग्रामीण क्षेत्रों में जांच को आसान और सस्ता बनाया जा सकेगा।

इस किट को शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने द्वारा शुक्रवार को लॉन्च किया गया था। इस मौके पर आईआईटी दिल्ली के शोधकर्ताओं को बधाई देते हुए धोत्रे ने कहा कि "मुझे विश्वास है कि यह तकनीक देश में कोविड परीक्षण उपलब्धता में क्रांति लाएगी। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि इस किट को पूरी तरह से आइआइटी दिल्ली में आंतरिक संसाधनों का उपयोग करके विकसित किया गया है।"

साथ ही उन्होंने स्वदेशी रूप से विकसित तकनीकों और भारत में बने उत्पादों का उपयोग करके महामारी से लड़ने और देश को आत्मनिर्भर बनने में सहायता करने के लिए आईआईटी दिल्ली को भी धन्यवाद दिया है।

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