हर दिन एक घंटे तक स्क्रीन देख रहे हैं तो हो जाएं सावधान, निकट दृष्टि दोष बढ़ सकता है 21 फीसदी

एक नए शोध में निकट दृष्टि दोष और स्क्रीन के उपयोग को लेकर 45 से अधिक जांच-पड़ताल के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया, जिसमें बच्चों से लेकर वयस्कों तक 3,35,524 प्रतिभागी शामिल थे।
आंखों पर पड़ने वाले तनाव को कम करने के लिए, हर 20 मिनट में 20 सेकंड तक दूर रहें और 20 फीट दूर किसी भी चीज को देखें।
आंखों पर पड़ने वाले तनाव को कम करने के लिए, हर 20 मिनट में 20 सेकंड तक दूर रहें और 20 फीट दूर किसी भी चीज को देखें। फोटो साभार: आईस्टॉक
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वर्तमान में बच्चों और युवा पीढ़ी में कमजोर नजर एक नई महामारी बनकर उभर रही है। निकट दृष्टि दोष का प्रचलन बढ़ रहा है तथा इस बात का अनुमान लगाया गया है कि 2050 तक दुनिया की लगभग आधी जनसंख्या इससे ग्रस्त हो जाएगी। हालांकि ऐसा ज्यादातर आनुवंशिक कारणों से होता है, लेकिन बहुत ज्यादा स्क्रीन देखने से निकट दृष्टि दोष या मायोपिया का खतरा बढ़ सकता है।

एक नए अध्ययन से पता चलता है कि टैबलेट या स्मार्टफोन जैसी डिजिटल स्क्रीन पर हर दिन एक घंटा से चार घंटे तक का समय बिताने से निकट दृष्टिदोष का खतरा 21 प्रतिशत बढ़ सकता है। एक नए शोध में 45 जांच-पड़ताल के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया, जिसमें बच्चों से लेकर युवा वयस्कों तक के 3,35,000 से अधिक प्रतिभागी शामिल थे।

अध्ययन में सिग्मोइडल खुराक-प्रतिक्रिया पैटर्न पाया गया, जो स्क्रीन को देखने के हर दिन एक घंटे से कम की संभावित सुरक्षा सीमा का सुझाव देता है। स्क्रीन देखने के समय के एक से चार घंटे के बीच निकट दृष्टि दोष का खतरा काफी बढ़ जाता है। शोध पत्र के हवाले से शोधकर्ताओं का कहना है कि ये निष्कर्ष निकट दृष्टि दोष के खतरों के बारे में चिकित्सकों और शोधकर्ताओं को अहम जानकारी प्रदान कर सकते हैं।

यह विश्लेषण निकट दृष्टि दोष के मामलों में वृद्धि के बीच आया है, जिसका मुख्य कारण डिजिटल स्क्रीन का बढ़ता उपयोग है। एक घंटे से कम समय तक संपर्क में रहने से कोई संबंध नहीं पाया गया, जो चिकित्सकों को शोधकर्ताओं द्वारा "निकट दृष्टि दोष महामारी" कहे जाने वाले मामले से निपटने में मदद कर सकता है।

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आंखों पर पड़ने वाले तनाव को कम करने के लिए, हर 20 मिनट में 20 सेकंड तक दूर रहें और 20 फीट दूर किसी भी चीज को देखें।

शोध में कहा गया है कि स्क्रीन पर अधिक समय बिताने से ध्यान अवधि कम होने के कारण मस्तिष्क के संज्ञानात्मक कार्यों पर असर पड़ सकता है। लंबे समय तक स्क्रीन के इस्तेमाल में अक्सर बिस्तर या सोफे पर असहज मुद्रा में बैठना शामिल होता है। स्क्रीन के लंबे समय तक संपर्क में रहने से मोटापा, शरीर में दर्द, रीढ़ की हड्डी की समस्या और पीठ दर्द सहित कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

यह शोध डिजिटल युग में निकट दृष्टि दोष की बढ़ती चिंता को दूर करने के लिए काम कर रहे स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और शोधकर्ताओं के लिए अहम जानकारी प्रदान करता है। निष्कर्ष विशेष रूप से युवा लोगों के बीच स्क्रीन समय की निगरानी और सीमित करने के महत्व पर जोर देते हैं।

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आंखों पर पड़ने वाले तनाव को कम करने के लिए, हर 20 मिनट में 20 सेकंड तक दूर रहें और 20 फीट दूर किसी भी चीज को देखें।

जामा नेटवर्क ओपन नामक पत्रिका में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि स्क्रीन से आंखों पर पड़ने वाले खतरनाक असर को रोकने के लिए 20-20-20 नियम का इस्तेमाल करें, आंखों पर पड़ने वाले तनाव को कम करने के लिए, हर 20 मिनट में 20 सेकंड तक दूर रहें और 20 फीट दूर किसी भी चीज को देखें।

शोध पत्र में शोधकर्ताओं के हवाले से कहा गया है कि हर दिन कम से कम दो घंटे बाहर बिताकर आंखों की थकान को कम कर सकते हैं और निकट दृष्टि दोष को बढ़ने से रोका जा सकता है।

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आंखों पर पड़ने वाले तनाव को कम करने के लिए, हर 20 मिनट में 20 सेकंड तक दूर रहें और 20 फीट दूर किसी भी चीज को देखें।

स्क्रीन सेटिंग में बदलाव करने से तनाव को कम किया जा सकता है, नीली रोशनी वाले फिल्टर का उपयोग किया जा सकता है, फ़ॉन्ट को बड़ा किया जा सकता है और स्क्रीन को अधिकतम चमक स्तर पर रखा जाना चाहिए। सुरक्षित दूरी बनाए जाने, कम रोशनी में डिवाइस का उपयोग करने से बचें और स्क्रीन को कम से कम एक हाथ की दूरी पर रखा जाना चाहिए।

नियमित आंखों के परीक्षण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। वे निकट दृष्टि दोष के शुरुआती लक्षणों की पहचान करने और नजरों के कमजोर होने को रोकने में मदद कर सकते हैं।

शोध में अध्ययन की सीमाओं का भी जिक्र किया गया हैं। सबसे जरूरी, कुछ अध्ययनों ने निकट दृष्टि दोष का आकलन करने के लिए वस्तुनिष्ठ उपायों का उपयोग नहीं किया। इसके अलावा अध्ययन में डिजिटल स्क्रीन उपयोग में लंबे समय से उतार-चढ़ाव या अस्थायी भिन्नताओं का विश्लेषण नहीं किया, क्योंकि अधिकांश प्राथमिक अध्ययनों में बार-बार माप की कमी देखी गई।

अधिक विस्तृत खुराक-प्रतिक्रिया पैटर्न स्थापित करने के लिए डिजिटल स्क्रीन समय और निकट दृष्टि दोष के लिए लगातार आकलन करते हुए भविष्य में और अधिक शोध करने पर जोर दिया गया है। दूसरा, जबकि विश्लेषण किए गए अधिकांश अध्ययनों ने निकट दृष्टि दोष के खतरों से जुड़े भ्रामक कारणों को ध्यान में रखा। निकट दृष्टि दोष कई तरह के खतरों से प्रभावित होता है, जिसमें आनुवंशिक, पर्यावरणीय और जीवन शैली जैसे कारण शामिल हैं

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