अच्छी नींद लेने से 42 फीसदी तक कम हो जाता है हृदयाघात का खतरा
एक नए शोध के अनुसार जिन लोगों को अच्छी तरह से नींद आती है उनमें सहीं से नींद न आने वालों की तुलना में हार्ट फेल होने का खतरा 42 फीसदी कम होता है। स्वस्थ नींद पैटर्न का मतलब सुबह उठना, 7-8 घंटे सोना दिन में सुस्ती न छाना या नींद न आना है।
दुनिया भर में हार्ट फेल हो जाने से 2.6 करोड़ से अधिक लोग प्रभावित होते हैं और मामले बताते हैं कि नींद की समस्याएं हार्ट फेल को बढ़ाने में एक अहम भूमिका निभाती है।
इस अध्ययन ने स्वस्थ नींद के पैटर्न और हार्ट फेल होने के बीच के संबंधों की जांच की, इसके लिए अध्ययनकर्ताओं ने 2006-2010 तक अस्पताल में नियुक्त किए गए यूके बायोबैंक के 4,08,802 प्रतिभागियों को चुना जिनकी आयु 37 से 73 वर्ष की थी। 1 अप्रैल, 2019 तक हार्ट फेल होने के बारे में जानकारी एकत्र की गई। शोधकर्ताओं ने 10 साल के दौरान हार्ट फेल के औसतन 5,221 मामले दर्ज किए।
शोधकर्ताओं ने नींद की गुणवत्ता के साथ-साथ पूरी नींद के पैटर्न का विश्लेषण किया। नींद की गुणवत्ता के उपायों में नींद की अवधि, अनिद्रा और खर्राटे और नींद से जुड़ी अन्य विशेषताएं शामिल हैं।
महामारी विज्ञान के प्रोफेसर और न्यू ऑरलियन्स में तुलाने विश्वविद्यालय के ओबेसिटी रिसर्च सेंटर के निदेशक लू आरई ने कहा हमने जो स्वस्थ नींद का स्कोर बनाया वह इन पांच नींद के व्यवहारों के स्कोरिंग पर आधारित था। हमारे निष्कर्ष हार्ट फेल को रोकने में मदद करने के लिए पूरे नींद पैटर्न में सुधार के महत्व को बताते हैं।
नींद के बारे में आंकड़े टचस्क्रीन प्रश्नावली के माध्यम से एकत्र किए गए थे। नींद की अवधि को तीन समूहों में रखा गया था- छोटा, या हर रात में 7 घंटे से कम, 7 से 8 घंटे एक की नींद, और लंबे समय तक या 9 घंटे या उससे अधिक समय तक नींद आना शामिल है। यह अध्ययन अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के प्रमुख जर्नल सर्कुलेशन में प्रकाशित हुआ है।
मधुमेह, उच्च रक्तचाप, दवा के उपयोग, आनुवांशिक विविधताओं के बाद भी स्वास्थ्यप्रद नींद पैटर्न वाले प्रतिभागियों में अस्वास्थ्यकर नींद पैटर्न वाले लोगों की तुलना में हार्ट फेल होने के खतरे में 42 फीसदी की कमी देखी गई।
उन्होंने यह भी पाया कि हार्ट फेल का खतरा निम्नलिखित से जुड़ा था :
सवेरे जागने वालों में हार्ट फेल होने का खतरा 8 फीसदी कम था
12 फीसदी खतरा उन लोगों में कम था जो रोजाना 7 से 8 घंटे सोते थे
उन लोगों में 17 फीसदी खतरा कम था जिन लोगों को लगातार अनिद्रा की समस्या नहीं थी
दिन में नींद न आने की रिपोर्ट करने वालों में 34 फीसदी खतरा कम था।