ग्लियोब्लास्टोमा जागरूकता दिवस: क्या होता है यह, जानें इतिहास और महत्व

ग्लियोब्लास्टोमा रोगियों के पांच वर्ष तक जीवित रहने की दर केवल 6.9 प्रतिशत है तथा ग्लियोब्लास्टोमा रोगियों के लिए जीवित रहने की औसत अवधि केवल आठ महीने होने का अनुमान है।
ग्लियोब्लास्टोमा भी इलाज के लिए सबसे महंगे कैंसर में से एक है, जो अक्सर रोगियों और परिवारों को बीमारी के बोझ के अलावा बड़े आर्थिक संकट में डाल देता है।
ग्लियोब्लास्टोमा भी इलाज के लिए सबसे महंगे कैंसर में से एक है, जो अक्सर रोगियों और परिवारों को बीमारी के बोझ के अलावा बड़े आर्थिक संकट में डाल देता है।फोटो साभार: आईस्टॉक
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हर साल जुलाई महीने के तीसरे बुधवार को ग्लियोब्लास्टोमा (जीबीएम) जागरूकता दिवस मनाया जाता है। इस साल यह अहम दिन 17 जुलाई को पड़ रहा है। ग्लियोब्लास्टोमा जागरूकता दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को इस तरह के मस्तिष्क कैंसर की गंभीरता के बारे में जानकारी देना है।

क्या होता है ग्लियोब्लास्टोमा?

ग्लियोब्लास्टोमा (जीबीएम) एक प्रकार का कैंसर है जो मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी में विकसित होता है। यह एस्ट्रोसाइट्स नामक कोशिकाओं में शुरू होता है, वे कोशिकाएं जो तंत्रिका कोशिकाओं को सहारा देती हैं।

ग्लियोब्लास्टोमा बहुत तेजी से फैल सकता है और स्वस्थ ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकता है। ग्लियोब्लास्टोमा के सबसे आम लक्षण मतली, सिरदर्द, उनींदापन, दौरे, धुंधली दृष्टि और व्यक्तित्व में भारी बदलावों के आना हैं।

स्थिति की गंभीरता के आधार पर, उपचार प्रक्रियाएं - विकिरण, कीमोथेरेपी और सर्जरी - सुझाई जाती हैं। ग्लियोब्लास्टोमा के बारे में जागरूकता पैदा करना और जीवन बचाने के लिए इसका जल्दी पता लगाना जरूरी है।

ग्लियोब्लास्टोमा, हालांकि एक अनोखी स्थिति है, वयस्कों को प्रभावित करने वाले शुरुआती मस्तिष्क ट्यूमर के सबसे आम रूपों में से एक है। इसके बारे में जागरूकता पैदा करना अहम है ताकि शुरुआती पहचान और उपचार के विकल्प मिल सकें।

साल 2019 में, ग्लियोब्लास्टोमा जागरूकता दिवस का पहला उत्सव रोगियों के लिए उपचार सुविधाओं के शोध और सुधार के लिए समर्थन जुटाने के इरादे से मनाया गया था। तब से, हर साल ग्लियोब्लास्टोमा जागरूकता दिवस मनाया जाता है।

यह दिन ग्लियोब्लास्टोमा जागरूकता दिवस ग्लियोब्लास्टोमा से जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देने के लिए भी मनाया जाता है। ग्लियोब्लास्टोमा जागरूकता दिवस मनाने का सबसे अच्छा तरीका है इस बीमारी के बारे में और इस बीमारी से पीड़ित लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में अधिक जानना। हर कैंसर का एक खास रंग यााानी कोड होता है - ब्रेन कैंसर के लिए रंग कोड ग्रे है। हम अपना समर्थन और एकजुटता दिखाने के लिए इस दिन ग्रे रंग का बैंड पहन सकते हैं।

अमेरिका की नेशनल ब्रेन ट्यूमर सोसायटी के मुताबिक, ग्लियोब्लास्टोमा (जीबीएम) सबसे जटिल, घातक और उपचार-प्रतिरोधी कैंसरों में से एक है। ग्लियोब्लास्टोमा रोगियों के लिए पांच वर्ष की जीवित रहने की दर केवल 6.9 प्रतिशत है, तथा ग्लियोब्लास्टोमा रोगियों के लिए जीवित रहने की औसत अवधि केवल आठ महीने होने का अनुमान है।

1920 के दशक में वैज्ञानिक साहित्य में पहली बार पहचाने जाने के बावजूद, ग्लियोब्लास्टोमा के उपचार के लिए केवल चार दवाओं और एक उपकरण को ही अनुमोदित किया गया है।

इनमें से कोई भी उपचार रोगी के जीवन को कुछ अतिरिक्त महीनों से अधिक बढ़ाने में सफल नहीं हुआ है।

जीवन के लिए खतरा होने के अलावा, जीबीएम और इसके कठोर उपचार मस्तिष्क पर विनाशकारी प्रभाव डालते हैं, जो संज्ञान, मनोदशा, व्यवहार और प्रत्येक अंग और शरीर के हिस्से के प्रत्येक कार्य को नियंत्रित करता है।

ग्लियोब्लास्टोमा के चलते कई मरीज काम करने, गाड़ी चलाने और कई अन्य काम करने की क्षमता खो देते हैं, जो किसी व्यक्ति की आत्म-चेतना और स्वतंत्रता की भावना में योगदान करते हैं।

ग्लियोब्लास्टोमा भी इलाज के लिए सबसे महंगे कैंसर में से एक है, जो अक्सर रोगियों और परिवारों को बीमारी के बोझ के अलावा बड़ी वित्तीय कठिनाई में डाल देता है।

इन भयावह तथ्यों और आंकड़ों के बावजूद, वैज्ञानिकों को उम्मीद की किरण अभी भी है। विज्ञान तेजी से आगे बढ़ रहा है और आशाजनक शोध रणनीतियां आगे बढ़ रही हैं।

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