जी-20: विकसित देशों ने कोविड-19 वैक्सीन बांटने का आग्रह किया

वैक्सीन के असमान वितरण से दुनिया में हर मिनट जा रही सात लोगों की जान, उपयोग में न लाने पर अगले कुछ सप्ताह में खराब हो जाएंगी ये वैक्सीन
जी-20: विकसित देशों ने कोविड-19 वैक्सीन बांटने का आग्रह किया
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जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए रोम पहुंच रहे दुनिया के नेताओं को वैक्सीन के ‘अनैतिक’ वितरण से जान गंवाने वाले लाखों लोगों की चिंता सता रही है।

गौरतलब है कि प्राचीन रोम सभ्यता में अमीर व शासक वर्ग, गरीब लोगों का शोषण करता था। उस साम्राज्य के गणतंत्र में बदलने, जिसके बाद गरीबों को भी अमीरों के तरह अधिकार मिलना सुनिश्चित हुआ, के काफी समय बाद रोम एक समकालीन वैश्विक पुनरावृ़त्ति का गवाह बनने जा रहा है। यह और बात है कि इस बार यह एक महामारी के साये में और लोकतांत्रिक परिदृश्य मे होगा। इस बार ‘गरीब’ वे देश हैं, जो कोविड-19 से जान बचाने वाली वैक्सीन की कमी का सामना कर रहे हैं, और ‘अमीर व शासक’ जी-20 के ताकतवर देश हैं।

अमीर देशों के प्रमुख और उनके बुलाए मेहमान कल से दो दिन के लिए जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने को इटली की राजधानी रोम में जुटेंगे। इस बैठक में महामारी से उबरने, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक न्यूनतम कॉर्पोरेट कर सौदे पर चर्चा होगी। हालांकि इस बार बैठक में जी-20 के नेताओं को महामारी के बाद पैदा हुई हेल्थ इमरजेंसी की चुनौती का भी सामना करना पड़ेगा।

29 अक्टूबर को दुनिया के सौ से ज्यादा पूर्व प्रधानमंत्रियों, राष्ट्रपतियों और नेताओं ने जी-20 के देशों से अपील की कि वे अपनी अतिरिक्त वैक्सीन को गरीब और विकासशील देशों के साथ साझा करें। उन्होंने यह अपील पत्र के जरिए इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्राघी से की है।

पत्र में लिखा गया है कि अक्टूबर के अंत तक संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय देशों, ब्रिटेन और कनाडा के पास ऐसी 240 मिलियन वैक्सीन का स्टॉक होगा, जिनका इस्तेमाल नहीं किया गया है। इनमें से ज्यादातर वैक्सीन अगले कुछ सप्ताह में खराब हो जाएंगी।

पत्र के मुताबिक, ‘जब हर दिन कोविड-19 से दुनिया में दस हजार लोगों की जानें जा रही हों, और जिन्हें बचाया जा सकता है, तब इतनी मात्रा में वैक्सीन का बरबाद होना अनैतिक होगा। ’

इस अपील के अनुसार, अगर इस बची हुई वैक्सीन को देशों के बीच समान रूप से बांटा जाए तो साल के अंत तक दुनिया की 40 फीसद आबादी को वैक्सीन दी जा सकती है। गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साल के अंत तक दुनिया की 40 फीसद आबादी को वैक्सीन देने का लक्ष्य तय किया है।

भले ही आज की तारीख तक दुनिया भर में कोविड-19 की छह अरब वैक्सीन का प्रबंधन किया गया हो, लेकिन कम आय वाले देशों में महज दो फीसद आबादी को वैक्सीन मिल सकी है।

नीतियों पर असर डालने वालों से अलग दुुनिया के नेताओं पूर्व प्रधानमंत्रियों और राष्ट्रपतियों का आकलन है कि अगर विकसित देशों के पास मौजूद अतिरिक्त वैक्सीन को गरीब और विकासशील देशों में बांट दिया जाए तो फरवरी 2022 तक इन देशों के 1.1 अरब लोगों को वैक्सीन मिल सकती है। इससे अगले साल बसंत तक दुनिया के 70 फीसद वयस्कों को वैक्सीन देने का विश्व स्वास्थ्य संगठन का लक्ष्य भी पूरा किया जा सकेगा। 

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