नर्मदा नदी के किनारे अंतिम संस्कार की पाबंदी, गांवों में ही करें अंत्येष्टि

उत्तर प्रदेश व बिहार में गंगा में शव पाए जाने की घटनाओं के बाद मध्य प्रदेश प्रशासन सचेत हो गया है
बाबरी गांव में लोगों ने नर्मदा तक जाने का रास्ता बंद कर दिया। फोटो: राकेश कुमार मालवीय
बाबरी गांव में लोगों ने नर्मदा तक जाने का रास्ता बंद कर दिया। फोटो: राकेश कुमार मालवीय
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गंगा में बहती लाशों को देखने के बाद अब मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी के किनारे अंतिम संस्कार पर पाबंदी लगा दी गई है। गांवों में मुनादी करवा दी गई है कि मृतकों का अंतिम संस्कार गांवों में बने शेड के अंदर ही किया जाए, यदि नर्मदा किनारे अंतिम संस्कार के लिए लाया गया, तो उन्हें वापस कर दिया जाएगा, इसके लिए बैरिकेडिंग भी कर दी गई है और प्रशासनिक कर्मचारियों की डयूटी भी लगा दी गई है। 

मामला होशंगाबाद जिले की तहसील सिवनी मालवा का है। इस तहसील में नर्मदा के तीन प्रमुख आंवली घाट, बाबरी घाट और भिलाड़ियाघाट हैं। नर्मदा पटटी में मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार नदी किनारे इन घाटों पर ही किया जाता है, इसकी अपनी धार्मिक मान्यता है। 

पिछले दिनों जिले में कोरोना से मृत्यु के मामले बढ़ने के बाद इन घाटों पर पर अंतिम संस्कारों की संख्या बढ़ गई है। नर्मदा किनारे बाबरी गांव के देवेन्द्र यदुवंशी ने बताया कि कुछ दिन पहले एक—एक दिन में आठ से दस शव आ रहे थे, कई बार दिन में आते थे और रात में भी, लोग लोग शवों को अधजला ही नदी में बहा रहे हैं। इससे नदी में गंदगी हो रही थी। गांवों में संक्रमण का भी भय लग रहा था, इसलिए उन्होंने गांव में बैरेकेडिंग करके अंतिम संस्कारों पर रोक लगा दी थी।  

सिवनी मालवा के जनपद सीईओ दुर्गेश भुम्मरकर ने बताया कि मछलियों के मरने का मामला सामने आने के बाद हमने सभी घाटों के किनारे अंतिम संस्कार को प्रतिबंधित कर दिया है। हर गांव में कोटवार ने मुनादी कर दी है कि यदि नर्मदा किनारे शवों को अंतिम संस्कार के लिए लाया गया तो उन्हें वापस कर दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि कोविड के बाद ही कलेक्टर ने न​दी किनारे अंतिम संस्कार पर पाबंदी लगाई है, लेकिन अब कोविड केस बढ़ने के बाद अब इसका कड़ाई से पालन करवाया जा रहा है। कई बार घाट पर एक साथ अनेक शव अंतिम संस्कार के लिए लाए जाते हैं, इससे संक्रमण फैलने का डर रहता है, इसके लिए ऐ​हतियातन यह कदम उठाया गया है। इसके लिए प्रशासन की टीम भी पूरे वक्त मौजूद रहेगी। 

उन्होंने बताया कि मछलियां बड़ी संख्या में क्यों मर रही हैं इसका पता लगाने के लिए मछली पालन विभाग की टीम जांच कर रही है। उल्लेखनीय है कि पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार नर्मदा का पानी ए ग्रेड की श्रेणी मं आता है।

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों गंगा में बड़ी संख्या में शव मिलने के बाद मध्यप्रदेश की नदियों में भी शव मिले थे। पन्ना जिले की केन नदी की सहायक नदी रुंझ में सात दिन पहले शव बहता हुआ पाया गया था। सात दिन पहले ही नर्मदा में नेमावर के पास भी पीपीई किट पहने हुए लोग एक शव को नदी में बहाते हुए देखे गए थे, इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

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