भारत में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया है। पीड़ित 12 जुलाई, 2022 को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से केरल लौटा था। उस समय उसके शरीर पर मंकीपॉक्स के लक्षण थे।
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने 12 जुलाई को कहा कि पीड़ित को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी प्रोटोकॉल के अनुसार अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सैंपल को आगे की पुष्टि के लिए पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजा गया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पीड़ित एक पॉजीटिव व्यक्ति के संपर्क में तब आया था, जब वह संयुक्त अरब अमीरात में था, लेकिन भारत लौटने के बाद से कई लोगों के संपर्क में नहीं आया।
जॉर्ज ने कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। विशेषज्ञों ने कहा है कि लक्षणों के आधार पर इलाज किया जा रहा है और यह संक्रमित के निकट संपर्क से फैला है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की जांच के बाद हमें एक स्पष्ट तस्वीर मिलेगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय स्वास्थ्य मंत्रालय ने तब एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया था कि एक केंद्रीय टीम केरल सरकार को “ रोग की जांच करने और आवश्यक स्वास्थ्य उपायों को स्थापित करने में” सहयोग करेगी।
उधर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने भी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें मंकीपॉक्स का मामला सामने आने पर और कब किया जाना चाहिए के बारे में बताया गया है।
मई में, मंत्रालय ने देश में एक मामले के संदिग्ध होने के कारण व्यापक निगरानी शुरू कर दी थी। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, एक भी मामले का पता चलने को आउटब्रेक माना जाता है।
उल्लेखनीय है कि इस साल की शुरुआत से लेकर अब तक दुनिया भर में मंकीपॉक्स के तीन हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। जबकि एक मौत की सूचना है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले महीने एक आपातकालीन समिति की स्थापना की, ताकि यह तय किया जा सके कि क्या मंकीपॉक्स के प्रकोप को अंतर्राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया जाना चाहिए।
उस समय, इसे अंतर्राष्ट्रीय आपातकाल नहीं कहने का निर्णय लिया गया था। हालांकि, इस पर दोबारा से विचार करने के लिए समिति अगले सप्ताह फिर से बैठक कर रही है।
अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियमों के अनुसार, एक अंतर्राष्टीय स्वास्थ्य आपातकाल एक "असाधारण घटना है जो बीमारी के अंतरराष्ट्रीय प्रसार के माध्यम से अन्य देशों के लिए एक सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम का गठन करने के लिए निर्धारित है और जिसके लिए एक समन्वित अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया की आवश्यकता है।
मंकीपॉक्स् के प्रकोप से कई विशेषज्ञ चिंतित हैं। माना जा रहा है कि पिछले 50 वर्षों में मंकीपॉक्स का यह सबसे व्यापक प्रकोप है।
लेकिन अब तक जो मामले सामने आए हैं, वे काफी हद तक एक विशेष सोशल नेटवर्क तक ही सीमित हैं। खासकर ये उन पुरुषों में अधिक देखा जा रहा है, जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं।