एक कहावत मशहूर है की जरुरत से ज्यादा कुछ भी अच्छा नहीं होता, यहां तक की पानी और खाना भी नहीं। वैसे कहा भी गया है कि खाने में नमक की मात्रा तो कम ही होनी चाहिए। इसी कहावत को चरितार्थ करता है यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल बोन द्वारा किया गया यह अध्ययन। जिसमें माना गया है कि भोजन में नमक की अधिक मात्रा ने केवल ब्लड प्रेशर के लिए ख़राब है, साथ ही यह इम्यून सिस्टम को भी नुकसान पहुंचा सकती है। अध्ययन के अनुसार जो लोग हर दिन सामान्य से छह ग्राम अतिरिक्त नमक का सेवन करते थे, उनके इम्यून सिस्टम में कमी देखी गई। यह मात्रा लगभग दो फास्ट फूड चीजों के सेवन के बराबर है। इस शोध से जुड़े निष्कर्ष जर्नल साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन में प्रकाशित हुए हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ बोन के इंस्टीट्यूट ऑफ एक्सपेरिमेंटल इम्यूनोलॉजी में प्रोफेसर डॉ क्रिश्चियन कुर्ट्स ने बताया कि “अधिक मात्रा में नमक के सेवन से ब्लड प्रेशर में इजाफा हो जाता है, जिससे दिल का दौरा पड़ने या स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ जाता है। पर इसके साथ ही हमें यह भी पता चला है कि इसका अधिक मात्रा में सेवन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी कमजोर कर देता है।“
इस शोध के निष्कर्ष हैरान कर देने वाले हैं, क्योंकि अभी तक जो शोध किये गए हैं उनके अनुसार नमक इम्यून सिस्टम को बढ़ा देता है। पिछले शोधों के अनुसार इम्यून सेल्स जिन्हें मैक्रोफेज के नाम से जाना जाता है वो परजीवी पर हमला कर नष्ट कर देते हैं। और यह सेल्स विशेष रूप से नमक की उपस्थिति में सक्रिय होते हैं। इसलिए शोधकर्ताओं का मानना था कि सोडियम क्लोराइड आम तौर पर प्रतिरक्षा को बढ़ा देता है। पर इस शोध के अनुसार ऐसा नहीं है| वो इसके लिए दो वजह देते हैं। पहला तो शरीर रक्त और अन्य अंगों में नमक की मात्रा को स्थिर रखता है, यदि ऐसा नहीं होगा तो शरीर की महत्वपूर्ण जैविक प्रक्रियाओं पर इसका असर पड़ने लगेगा। हालांकि त्वचा जो शरीर का नमक भंडार भी होती हैं, में मौजूद अतिरिक्त नमक त्वचा सम्बन्धी रोगों को ठीक कर देता है। पर जब हम ज्यादा मात्रा में नमक लेते हैं तो वो हमारी किडनी द्वारा फ़िल्टर कर दिया जाता है और यूरिन के साथ शरीर से बाहर निकल जाता है। और यह सब किडनी में मौजूद सोडियम क्लोराइड सेंसर के कारण होता है। और यह सब किडनी में मौजूद सोडियम क्लोराइड सेंसर के कारण होता है। मगर इसका सबसे बड़ा साइड इफेक्ट यह होता है कि इसके कारण शरीर में ‘ग्लुकोकौरटिकौडस’ जमा होने लगता है। जोकि रक्त में मौजूद वाइट सेल्स 'ग्रेन्यूलोसाइट्स' को नुकसान पहुंचाने लगते हैं। यह वाइट सेल्स इम्यून सिस्टम के लिए बहुत जरुरी होते हैं। यह 'ग्रेन्यूलोसाइट्स' बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं, यदि वो ऐसा नहीं करते हैं तो शरीर में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
भारत में भी औसत रूप से हर व्यक्ति प्रति दिन 11 ग्राम नमक का सेवन करता है। यह मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा तय मानक से भी दोगुनी है। गौरतलब है कि डब्ल्यूएचओ ने हर व्यस्क व्यक्ति के लिए प्रति दिन अधिकतम 5 ग्राम नमक के सेवन की बात कही है। उनके अनुसार इससे ज्यादा नमक हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। आज भारत की एक बड़ी आबादी युवा है जो तेजी से फास्ट फूड की तरफ भाग रही है, जिनमें बड़ी मात्रा में नमक होता है। ऐसे में यह नमक ने केवल उनके शरीर में कई बीमारियों को आमंत्रित कर रहा है बल्कि उनके इम्यून सिस्टम को भी बिगड़ रहा है। जिससे उनमें बीमारियों के होने का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। यदि इस पर अभी से लगाम न लगायी गयी और सही नीतियां न बनायीं गयी तो यह ने केवल हमारे बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी घातक सिद्ध होगा।