Photo: Wikimedia Commons
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रोजाना लाल मांस खाने से 15 प्रतिशत तक बढ़ सकता है टाइप 2 मधुमेह का खतरा

कैम्ब्रिज के शोधकर्ताओं ने लगभग 20 लाख प्रतिभागियों से प्राप्त वैश्विक डेटा का उपयोग करते हुए पाया कि प्रसंस्कृत और असंसाधित दोनों प्रकार के लाल मांस के सेवन से मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है
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प्रसंस्कृत (प्रोसेस्ड) मांस और अप्रसंस्कृत (अनप्रोसेस्ड) लाल मांस के खाने वाले लोगों को टाइप 2 मधुमेह का खतरा ज्यादा हो सकता है। एक वैश्विक अध्ययन में मांस की खपत, विशेष रूप से प्रसंस्कृत मांस और अप्रसंस्कृत लाल मांस और टाइप 2 मधुमेह के बढ़ते जोखिम के बीच एक मजबूत संबंध का खुलासा किया गया है। 

अध्ययन के निष्कर्ष में सिफारिश की गई है कि टाइप 2 मधुमेह को रोकने के लिए प्रसंस्कृत और अप्रसंस्कृत लाल मांस दोनों की खपत को सीमित की जानी चाहिए। 

कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने 20 देशों के लगभग 20 लाख प्रतिभागियों के आंकड़ों का विश्लेषण किया।  उनकी मांस खाने की आदतों और उसके बाद टाइप 2 मधुमेह के विकास की जांच की गई। 

द लैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी जर्नल में प्रकाशित शोधपत्र में बताया गया है कि कैसे अप्रसंस्कृत लाल मांस, प्रसंस्कृत मांस और पोल्ट्री मानकीकृत तरीकों के साथ वैश्विक डेटा का उपयोग करके मधुमेह के जोखिम को प्रभावित करते हैं। 

अध्ययन में शामिल 19.7 लाख वयस्कों में से 107,271 वयस्क टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित पाए गए। परिणामों से पता चला कि बिना प्रोसेस किए गए लाल मांस, प्रोसेस किए गए मांस और पोल्ट्री के अधिक सेवन और टाइप 2 मधुमेह के अधिक जोखिम के बीच एक संबंध है।

जिन व्यक्तियों ने प्रतिदिन 50 ग्राम प्रोसेस्ड मीट खाया, उनमें 10 वर्षों के भीतर टाइप 2 मधुमेह विकसित होने की संभावना उन लोगों की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक थी, जिन्होंने कम खाया। इसी तरह जो लोग प्रतिदिन 100 ग्राम बिना प्रोसेस किए गए लाल मांस का सेवन करते हैं, उनमें 10 प्रतिशत अधिक जोखिम था।

इस तरह के मामले उत्तरी अमेरिका, यूरोप और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में अधिक पाए गए। शोधकर्ताओं ने यह भी नोट किया कि पोल्ट्री और मधुमेह के बीच संबंध की और जांच की जरूरत है।

जबकि पिछले शोध ने मांस की खपत और टाइप 2 मधुमेह के जोखिम के बीच एक संबंध का सुझाव दिया है, इसका अधिकांश हिस्सा यूरोप और उत्तरी अमेरिका में लाल मांस पर केंद्रित है, जिसके मिश्रित और अनिर्णायक परिणाम हैं।

विश्लेषण ने अमेरिका, यूरोप और एशिया सहित विभिन्न क्षेत्रों में 31 अध्ययनों के डेटा को मिलाया। 

कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में मेडिकल रिसर्च काउंसिल महामारी विज्ञान इकाई की प्रोफेसर नीता फोरौही, जो अध्ययन की वरिष्ठ लेखिका हैं, ने एक प्रेस बयान में निष्कर्षों के महत्व पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि हमारा शोध संसाधित मांस और अप्रसंस्कृत लाल मांस खाने और टाइप 2 मधुमेह के भविष्य के उच्च जोखिम के बीच संबंध का अब तक का सबसे व्यापक सबूत प्रदान करता है। यह आबादी में टाइप 2 मधुमेह के मामलों को कम करने के लिए प्रसंस्कृत मांस और अप्रसंस्कृत लाल मांस की खपत को सीमित करने की सिफारिशों का समर्थन करता है।

इस अध्ययन के निष्कर्ष सार्वजनिक स्वास्थ्य दिशानिर्देशों के लिए और अधिक समर्थन प्रदान करते हैं जो प्रसंस्कृत और अप्रसंस्कृत लाल मांस की खपत को सीमित करने की सलाह देते हैं।

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