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कोलिस्टीन पर प्रतिबंध, सीएसई ने कहा- समय पर उठाया सही कदम

स्वास्थ्य मंत्रालय ने 19 जुलाई को जारी अधिसूचना में कोलिस्टिन के वितरण, उत्पादन व बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है
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सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट ने स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा खाद्य पदार्थ उत्सर्जित करने वाले पशुओं में कोलिस्टिन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का स्वागत किया है। मंत्रालय ने 19 जुलाई को जारी अधिसूचना में कोलिस्टिन के वितरण, उत्पादन व बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है।

सीएसई ने कहा है कि सरकार के इस कदम से इन पशुओं और एंटीमाइक्रोबाइल प्रतिरोध एंटीबायोटिक और बैक्टीरिया प्रतिरोध एंटीबायोटिक प्रतिरोध के खिलाफ लड़ी जा रही लड़ाई को आगे मुकाम तक ले जाएगी। सीएसई के उप महानिदेशक चंद्र भूषण ने कहा कि हम स्वास्थ्य मंत्रालय के इस कदम का स्वागत करते हैं। यह एंटीबायोटिक प्रतिरोधक संक्रमण से लोगों की जान बचाने में कारगर सिद्ध होगा।

हाल ही में ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 के प्रावधानों के तहत यह प्रतिबंध लगाया गया है। दवा तकनीकी सलाहकार बोर्ड ने कोलिस्टीन को प्रतिबंधित करने की सिफारिश की की थी। कोलिस्टीन पशु चिकित्सा में चिकित्सीय उद्देश्य के लिए प्रयुक्त होनी वाली एक एंटीबायोटिक दवा है, जिसका दुरुपयोग पोल्ट्री उद्योग में जमकर किया जाता है। कोलिस्टीन एक महत्वपूर्ण जीवन रक्षक एंटीबायोटिक दवा है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में ऐसे भी रोगी भी पाए गए हैं, जिनमें इस दवा का का प्रतिरोध देखा गया है।

कोलिस्टीन का 95 फीसदी आयात चीन से किया जाता है, चीन ने अपने देश में उपभोग के लिए पाले गए किसी भी जानवर या मछली पर इसके उपयोग को प्रतिबंधित किया हुआ है।

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