तेजी से पांव पसार रहा कोविड, एक बार फिर आई चेतावनी

ओलंपिक में कोविड संक्रमण के बाद भी खेल रहे खिलाड़ी, भारत में कई जगहां कोविड संक्रमण की उच्च पॉजिटिविटी
एनोस्मिया, गंधहीनता या सूंघने की क्षमता में आई कमी, कोविड-19 के संभावित लक्षणों में से एक है; फोटो: आईस्टॉक
एनोस्मिया, गंधहीनता या सूंघने की क्षमता में आई कमी, कोविड-19 के संभावित लक्षणों में से एक है; फोटो: आईस्टॉक
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दुनियाभर में कोविड महामारी के फैलने का अंदेशा और बढ़ गया है। पूरी दुनिया में कोविड के मामलों में बढोत्तरी देखी जा रही है। खासतौर से अमेरिका, यूरोप और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में कोविड संक्रमण की नई लहरें दर्ज की गई हैं। गंभीरता का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की शीर्ष कोविड विशेषज्ञ ने कहा है "मैं बहुत चिंतित हूं।"

वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के कोविड 19 डैशबोर्ड के मुताबिक भारत में भी अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, महाराष्ट्र, मेघालय, राजस्थान, पश्चिम बंगाल में संक्रमण की सकारात्मकता प्रतिशत 5 फीसदी से ज्यादा है। 

जॉन हॉपकिंस ब्लूमबर्ग पब्लिक स्कूल ऑफ हेल्थ के मुताबिक सकारात्मक प्रतिशत जितना अधिक होगा, यह उतना ही अधिक चिंताजनक होगा। हालांकि, सामान्य नियम के अनुसार, सकारात्मक प्रतिशत के "बहुत अधिक" होने की एक सीमा 5 फीसदी है। उदाहरण के लिए, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मई में सिफारिश की थी कि कम से कम दो सप्ताह तक सकारात्मक प्रतिशत 5 फीसदी से नीचे रहने पर ही छूट से जुड़े फैसले लिए जाएं।

उच्च सकारात्मक प्रतिशत उच्च प्रसार की ओर इशारा करता है और इससे पता चलता है कि समुदाय में कोरोनावायरस से पीड़ित अधिक लोग होने की संभावना है, जिनका अभी तक परीक्षण नहीं हुआ है।

6 अगस्त, 2024 को संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी डब्ल्यूएचओ ने जारी अपने बयान में कहा कि वह इस बात से भी चिंतित है कि कोरोनावायरस के और भी गंभीर रूप जल्द ही सामने आ सकते हैं।

डब्ल्यूएचओ की डॉ. मारिया वान केरखोव ने जिनेवा में पत्रकारों से कहा, "कोविड-19 अभी भी हमारे साथ है," और सभी देशों में फैल रहा है।  उन्होंने  आगे कहा, "84 देशों में हमारे प्रहरी-आधारित निगरानी प्रणाली के डेटा से पता चलता है कि सार्स-सीओवी-2 के लिए सकारात्मक परीक्षणों का प्रतिशत पिछले कई हफ्तों से बढ़ रहा है। कुल मिलाकर, परीक्षण सकारात्मकता 10 प्रतिशत से अधिक है, लेकिन यह हर क्षेत्र में उतार-चढ़ाव करता है। यूरोप में, सकारात्मकता प्रतिशत 20 प्रतिशत से अधिक है।" 

बहरहाल बढ़ते और चिंताजनक कोविड प्रसार की ताजा मिसाल पेरिस में ओलंपिक के खेल हैं, जहां अब तक 40 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 6 अगस्त, 2024 को चेतावनी दी कि दुनिया भर में कोविड-19 संक्रमण बढ़ रहा है - जिसमें ओलंपिक भी शामिल हैं - और इसके जल्द ही कम होने की संभावना नहीं है।

इस गर्मी में पूरी दुनिया से करीब 11 हजार शीर्ष एथलीट पेरिस में ओलंपिक खेलों के लिए एकत्र हुए। इनमें से अब तक संक्रमित हुए 40 लोगों में 200 मीटर दौड़ प्रतिस्पर्धा के अंतिम चरण में भाग लेने वाले नूह लाइल्स भी थे। 

वह अपनी दौड़ पूरी करने के बाद फिनिश लाइन पार करते हुए पीठ के बल गिर गए और बाद में उन्होंने यह कहा कि "निश्चित ही उनकी दौड़ को कोविड संक्रमण ने प्रभावित किया है।" 

ओलंपिक खेलों में कोविड संक्रमित होने वालों में कई ब्रिटिश और ऑस्ट्रेलियाई तैराक भी शामिल हैं। बहरहाल संक्रमित खिलाड़ियों को खेलने का मौका दिए जाने को लेकर भी बहस चल रही है। 

अमेरिका में साइंस मैग्जीन साइंटिफिक अमेरिकन ने कहा कि पिछले दो ओलंपिक जो कि टोक्यो और बीजिंग में हुए उनकी तरह पेरिस में भाग लेने वाले एथलीटों के लिए कोई अनिवार्य परीक्षण नहीं हैं। न ही मास्क पहनना अनिवार्य है। 

वहीं, यू.एस. ट्रैक फेडरेशन ने एक बयान जारी कर कहा कि उसने और यू.एस. ओलंपिक और पैरालंपिक समिति ने ओलंपिक और रोग नियंत्रण केंद्र के सभी दिशा-निर्देशों का पालन किया है। इस बयान में कहा गया, "पूरी तरह से चिकित्सा मूल्यांकन के बाद, नूह ने प्रतिस्पर्धा करने का फैसला किया।" "हम उनके फैसले का सम्मान करते हैं और उनकी स्थिति पर बारीकी से नजर रखना जारी रखेंगे।"

संयुक्त राष्ट्र की वेबसाइट में कहा गया कि यूएस में अपशिष्ट जल के नमूनों की जांच से पता चलता है कि सार्स सीओवी-2 का प्रसार मौजूदा आंकड़ों से दो से 20 गुना अधिक है। वहीं वेबसाइट पर बताया गया कि "उत्तरी गोलार्ध के गर्मियों के महीनों में संक्रमण के इतने अधिक प्रसार दर श्वसन वायरस के लिए असामान्य हैं, जो ज़्यादातर ठंडे तापमान में फैलते हैं।"

डब्ल्यूएचओ ने कोविड के बढ़ते मामलों में यह चिंता भी जाहिर की है कि जैसे-जैसे वायरस विकसित और फैलता जा रहा है, वायरस के अधिक गंभीर स्ट्रेन का जोखिम बढ़ रहा है जो संभावित रूप से पहचान प्रणालियों से बच सकता है और चिकित्सा हस्तक्षेप के प्रति अनुत्तरदायी हो सकता है।

वहीं, कोविड से बचाव के लिए ज्यादा से ज्यादा परीक्षण और वैक्सीन का दायरा बढ़ाये  जाने की वकालत की जा रही है। 

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक नाक से दिए जाने वाले टीका अभी भी विकास के चरण में हैं। इस आगे के वेरिएंट, संक्रमण और गंभीर बीमारी के जोखिम को कम किया जा सकता है।

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