कोविड-19: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने किया आगाह, दुनिया में एक बार फिर तेजी से पैर पसार रहा है संक्रमण

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आशंका जताई है कि निगरानी में कमी के चलते संक्रमण के वास्तविक मामले अनुमान से कहीं ज्यादा हो सकते हैं
दुनिया पर एक बार फिर मंडराता कोरोना का साया, नया वैरिएंट इस बात का सबूत हैं कि महामारी का खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है; फोटो: आईस्टॉक
दुनिया पर एक बार फिर मंडराता कोरोना का साया, नया वैरिएंट इस बात का सबूत हैं कि महामारी का खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है; फोटो: आईस्टॉक
Published on

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शुक्रवार को आगाह किया है कि दुनिया भर में कोविड-19 के मामलों में एक बार फिर उछाल दर्ज  किया गया है। इतना ही नहीं निगरानी में कमी के चलते संक्रमण के वास्तविक मामले अनुमान से कहीं ज्यादा होने की आशंका है।

इस बारे में डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी ताजा आंकड़ों से पता चला है कि 20 नवम्बर से 17 दिसम्बर 2023 तक चार सप्ताह की अवधि के दौरान, उससे पहले के 28 दिनों की तुलना में कोविड-19 के संक्रमण के मामलों में 52 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। स्वास्थ्य संगठन के अनुसार उत्तर के देशों में सर्दी के दौरान, संक्रमण के मामलों में और अधिक वृद्धि होने की आशंका है।

इस दौरान साढ़े आठ लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। हालांकि इस अवधि के दौरान होने वाली नई मौतों में आठ फीसदी की कमी दर्ज की गई है। इसके बावजूद इस दौरान 3,000 से ज्यादा लोगों की जान कोरोना ने ली है।

इस बारे में शुक्रवार को जिनीवा में पत्रकारों को जानकारी देते हुए डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता क्रिस्टियान लिन्डमायर ने कहा कि ये कोविड-19 संक्रमण के साढ़े आठ लाख मामलों को दर्शाता है।" हालांकि उनका कहना है कि वास्तविक आंकड़ा इससे कहीं अधिक होने की आशंका है।

उनके मुताबिक दुनिया भर में, कोविड-19 के संक्रमण के मामलों की रिपोर्टिंग में कमी आई है। इसी तरह निगरानी केन्द्रों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है, टीकाकरण केन्द्र भी घटे हैं, या उन्हें बन्द कर दिया गया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रवक्ता ने आगाह किया है कि इन हालात में अधूरी तस्वीर ही नजर आएगी। इसलिए हमें यह मानकर चलना चाहिए कि आधिकारिक रूप से जितने मामलों की पुष्टि हुई है संक्रमण उससे कहीं अधिक हो सकता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार संक्रमण के अधिकांश मामलों के लिए कोविड-19 का नया सब वैरिएंट जेएन.1 जिम्मेवार है।

इससे पहले 13 नवंबर से 10 दिसंबर, 2023 के बीच, कोविड-19 की वजह से 118,000 से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था। यह पिछली अवधि की तुलना में 23 फीसदी की वृद्धि को दर्शाता है।

वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए 1,600 से अधिक लोगों को आईसीयू में दाखिल करना पड़ा था। यह आंकड़ा पिछली अवधि की तुलना में करीब 51 फीसदी अधिक है। हालांकि 25 दिसंबर से 31 दिसंबर के आंकड़ों पर गौर करें तो इस दौरान कोविड-19 के 52,249 मामले रिकॉर्ड किए गए हैं। इनमें से 39 हजार से ज्यादा मामले सिंगापुर में सामने आए हैं।  

गौरतलब है कि जेएन.1 के सबसे पहले मामले अमेरिका में दर्ज किए गए थे, जिसके बाद यह सब वैरिएंट अन्य देशों में भी फैल गया है।

इसके बारे में विशेषज्ञों का मानना है कि यह नया सब वेरिएंट जेएन.1, ओमिक्रॉन से ही उभरा है, जोकि 2022 में कोविड-19 के मामलों में आए उछाल की एक बड़ी वजह था। गौरतलब है कि दुनिया में कोविड-19 का पहला मामला दिसम्बर 2019 में चीन के वूहान शहर में सामने आया था।

सीडीसी के अनुसार कोरोना के इस नए सबवेरिएंट जेएन.1 के अब तक तक कोई खास अलग लक्षण सामने नहीं आए हैं। ऐसे में यह कह पाना मुश्किल है कि इसके लक्षण कोरोना के दूसरे वैरिएंट से अलग हैं या नहीं।

आमतौर पर देखा जाए तो कोविड-19 के लक्षण सभी वैरिएंट में करीब-करीब के जैसे ही होते हैं। हालांकि इसके लक्षण और वो कितने गंभीर होंगें यह किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा और उसके स्वास्थ्य पर भी निर्भर करता है।

वैश्विक स्तर पर देखें तो अब तक कोरोना वायरस के 77,34,49,299 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं यह महामारी अब तक 69,91,842 लोगों की जिंदगियां निगल चुकी है। आंकड़ों के अनुसार 31 दिसंबर 2023 तक 1,359 करोड़ डोज दी जा चुकी हैं।

यदि भारत से जुड़े आंकड़ों को देखें तो देश में अब तक 4,50,17,378 लोग कोविड-19 की चपेट में आ चुके हैं, जबकि 5,33,387 लोगों की जिंदगियां यह महामारी लील चुकी है।

भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आंकड़ों को देखें तो देश में कोरोना के 4,187 मामले अभी भी सक्रिय हैं। वहीं पिछले 24 घंटों में कोरोना के 774 नए मामले सामने आए हैं, जबकि दो लोगों की मौत इस महामारी से हुई है। वहीं नए सब वेरिएंट जेएन.1 के भी देश में अब तक 619 मामले सामने आ चुके हैं। 

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in