तो क्या उसके बाद ये मामला सुलझ गया है? सच पूछिए तो नहीं, हालांकि सार्स-कोवी-2 के सीक्वेंस को आनलाइन डाटाबेस पर पब्लिक के लिए और प्राइवेट तौर पर शेयर किया गया, लेकिन हर बार माहामारी के दौरान यह मुद्दा सतह पर आ जाता है, खासकर पश्चिमी अफ्रीका में इबोला वायरस का हमला इस मामले में सबसे खौफनाक था।