स्वस्थ लोगों के हृदय को भी नुकसान पहुंचा सकता है कोरोनावायरस: रिसर्च

शोध के अनुसार जिन लोगों को पहले से कोई हृदय सम्बन्धी विकार नहीं है, कोरोनावायरस उनके दिल को भी नुकसान पहुंचा सकता है
Photo: Rawpixel
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कोरोनावायरस जोकि दुनिया भर के लिए एक मुसीबत बना हुआ है। इसके चलते दुनिया के लाखों लोग अस्पताल में भर्ती हैं। जबकि दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी अपने घरों तक ही सीमित रहने को मजबूर है। उस कोविड-19 से ने केवल सांस सम्बन्धी बीमारी और फेफड़ों के संक्रमण का खतरा ज्यादा है। बल्कि हाल ही में छपे एक शोध से पता चला है कि यह वायरस ह्रदय को भी नुकसान पहुंचा सकता है। यहां तक कि जिन लोगों को पहले से कोई ह्रदय सम्बन्धी विकार नहीं हैं यह उनको भी अपना शिकार बना सकता है।

यह शोध यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास हेल्थ साइंस सेंटर के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है, जोकि जर्नल जामा कार्डियोलॉजी में प्रकाशित हुआ है। यह शोध जनवरी से फरवरी के बीच चीन के वुहान शहर में किया गया था। जिसमें कोरोनावायरस से संक्रमित 416 मरीजों का अध्ययन किया गया था| इसके अनुसार इन संक्रमित लोगों में से 19.7 फीसदी (82) लोगों के ह्रदय को नुकसान पहुंचा था। जिसके कारण उनमें संक्रमण का असर जानलेवा हो गया था।

वहीं इन 82 लोगों में से करीब 51.2 फीसदी (42) लोगों की मृत्यु हो गयी थी। जबकि जिन लोगों के ह्रदय को नुकसान नहीं पहुंचा था उनमें मृत्युदर केवल 4.5 फीसदी ही थी। जिसका सीधा मतलब है कि कोविड-19 से संक्रमित जिन लोगों को ह्रदय सम्बन्धी चोट पहुंची थी उनमें मृत्युदर कहीं ज्यादा थी।

गौरतलब है कि कार्डियक इंजरी जिसे मायोकार्डिअल इंजरी के नाम से भी जाना जाता है। तब होती है जब हृदय की मांसपेशियां क्षतिग्रस्त हो जाती है। आमतौर पर रक्त के प्रवाह की कमी के कारण ऐसा होता है। सामान्यतः ऐसी स्थिति तब बनती है जब किसी मरीज को दिल का दौरा पड़ता है।

पहले ही हृदय रोग से जूझ रहे लोगों को ज्यादा है कोविड-19 से खतरा

इस अध्ययन के प्रमुख लेखक और यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में कार्डियोलॉजी के सहायक प्रोफेसर मोहम्मद माजिद ने बताया कि "इसकी सम्भावना है कि जिन लोगों को पहले से कोई ह्रदय सम्बन्धी विकार नहीं है उनकी भी ह्रदय की मांसपेशी कोरोनावायरस से प्रभावित हो सकती है। "कुल मिलाकर हम यह कह सकते हैं कि कोविड-19 से संक्रमित किसी भी मरीज में हृदय की मांसपेशियों क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। पर इस बात का खतरा उन लोगों में ज्यादा होता है जो पहले से ही किसी ह्रदय रोग से जूझ रहे होते हैं।"

उनके अनुसार हालांकि कोविड-19 के चलते ह्रदय पर असर कितना घातक होगा और वो कितनी अवधि तक बना रहेगा यह ज्ञात नहीं है। जब तक उसका उपचार नहीं मिलता, ठीक-ठीक नहीं कहा जा सकता। यह अभी भी शोध का विषय है, जिस पर और ज्यादा अध्ययन करने की जरुरत है।

इसके अलावा जिन लोगों में कोरोना वायरस के कम लक्षण देखने को मिले हैं उनमें कार्डियक इंजरी की सम्भावना भी कम होती है। साथ ही यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कोविड-19 सीधे तौर पर हृदय पर प्रभाव डालता है या नहीं। पर इतना स्पष्ट है कि कोविड-19 से ह्रदय को नुकसान पहुंच सकता है। जिसके कारण रोगी की मृत्यु भी हो सकती है।

प्रोफेसर माजिद के अनुसार, न केवल कोविड-19 बल्कि इन्फ्लूएंजा और सार्स जैसी अन्य सांस की बीमारियां के चलते भी हृदय को नुकसान हो सकता है। चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीसीडीसी) द्वारा किये गए एक अन्य शोध से भी यही बात सामने आयी है। यह शोध 30 दिसम्बर 2019 से 11 फरवरी 2020 के बीच चीन में किया गया था। जिसके अनुसार कोविड-19 के 10.5 फीसदी मरीजों की मौत दिल की बीमारी के कारण हुई थी।

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