ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ को नोटिस जारी कर पूछा है कि इंस्टिट्यूट ने कोरोना के वैक्सीन का ट्रायल रोकने की जानकारी क्यों नहीं दी? इस नोटिस के बाद सीरम इंस्टिट्यूट ने कहा है कि भारत में कोरोना वैक्सीन का ट्रायल रोक दिया है।
इससे पहले सीरम इंस्टिट्यूट की ओर से टि्वटर के माध्यम से यह जानकारी दी गई थी कि कोरोना वैक्सीन का ट्रायल जारी रहेगा। सीरम ने कहा है, "हम ब्रिटेन के परीक्षण पर टिप्पणी नहीं कर सकते, लेकिन उन्होंने आगे का ट्रायल रोक दिया है, जो जल्दी ही शुरू होने की उम्मीद है। जहां तक भारतीय परीक्षण की बात है तो वह जारी रहेगा। इसके बाद भी सुरक्षा से संबंधित डीजीसीए की चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
गौरतलब है कि 9 सितंबर को कोरोना वैक्सीन बना रही कंपनी एस्ट्राजेनेका ने अपने आखिरी चरण के वैक्सीन ट्रायल रोक दिया है। ऐसा ट्रायल में शामिल एक स्वयंसेवी कार्यकर्ता के बीमार होने के कारण किया गया है।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ दवा बना रही कंपनी एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन बनाने की वैश्विक दौड़ में सबसे आगे है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि इस स्टडी में कई जगहों पर एस्ट्राजेनेका और यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के रिसर्चर द्वारा विकसित किए जा रहे कोविड-19 वैक्सीन का परीक्षण किया जा रहा है। इसमें ब्रिटेन में किया जा रहा वैक्सीन ट्रायल भी शामिल है, जहां वैक्सीन के प्रतिकूल प्रभाव रिपोर्ट किए गए हैं।
भारत में दूसरे चरण को मंजूरी
भारत में अलग-अलग तीन वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। भारत बायोटेक द्वारा विकसित की जा रही देसी कोरोना वैक्सीन के ट्रायल का पहला चरण पूरा हो चुका है। ड्रग रेगुलेटर ने दूसरे चरण की मंजूरी दे दी है। इसे जाइडस कैडिला नाम दिया गया है। इसके अलावा सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार की जा रही एस्ट्राजेनेका कंपनी की वैक्सीन के ट्रायल का काम फिलहाल रोक दिया गया है।