अब लगभग दुनिया भर में कोविड-19 के टीके लगने शुरू हो गए हैं तथा करोड़ों लोगों का टीकाकरण भी हो चुका है। संक्रामक रोग विशेषज्ञों का कहना है कि टीका कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जरुरी है।
जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के विशेषज्ञों ने कहा कि इस बात को सुनिश्चित करना होगा कि लक्षणहीन संचरण चुपचाप संक्रमण को फैलता है इसे रोकना महामारी को समाप्त करने के लिए जरूरी है।
अध्ययनकर्ताओं द्वारा बताए गए सार्स-सीओवी-2 के प्रसार में लक्षणहीन और संक्रमण के पहले के कुछ लक्षणों का पता लगने से यह किस तरह फैलेगा इसके वास्तविक क्षमता का निर्धारण करना कठिन है।
पहले किए गए अध्ययनों से पता चलता है कि लक्षणविहीन मामलों में 30 से 80 फीसदी तक संक्रमित होते हैं, लेकिन हालिया आंकड़ो से पता चलता है कि लक्षणविहीन मामलों में संक्रमण की दर 17 से 30 फीसदी के बीच होने की बात कही गई है।
रासमुसेन कहते हैं हम महामारी को नियंत्रित करने के लिए केवल टीकाकरण पर भरोसा नहीं कर सकते। टीके बीमारी से लोगों की रक्षा करने में अहम योगदान देते हैं, लेकिन हम अभी तक यह नहीं जानते हैं कि संक्रमण फैलाने के खिलाफ सुरक्षा के लिए वे कितनी अच्छी तरह काम करते हैं।
रासमुसेन का कहना है कि एक जैविक दृष्टिकोण से, इस बात की संभावना बहुत कम है कि एक वैक्सीन जो बीमारी से आपको अच्छी तरह से बचाती है, यह संक्रमण से रक्षा नहीं करेगी। लेकिन जिस तरह बीमार होने पर टीके बीमारी के खिलाफ सौ प्रतिशत सुरक्षा की पेशकश नहीं करते हैं, उनकी भी संचरण के खिलाफ रक्षा करने के लिए पूरे सौ प्रतिशत की संभावना नहीं हैं। यह अध्ययन साइंस नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है
अध्ययनकर्ता पोपस्कु कहते है कि लक्षणविहीन और लक्षण से पहले (एसिंप्टोमेटिक और प्री-सिम्पटैमिक ट्रांसमिशन) प्रसार, लोगों के स्वास्थ्य और संक्रमण की रोकथाम संबंधी प्रयासों के लिए एक अनूठी चुनौती है। अंततः यह वह चीज़ है जिस पर हमें लगातार नज़र रखने की ज़रूरत होगी क्योंकि हम कोविड-19 महामारी के अगले चरण में जा रहे हैं और टीकाकरण से बीमारी में कमी आ सकती है।
रासमुसेन और पोपेस्कु ने अध्ययन के निष्कर्ष में कहा है कि जब तक कि मजबूत निगरानी और महामारी विज्ञान के उपायों को व्यापक तरीके से लागू नहीं किया जाता है, जब तक कि हम इस बिना धुंए की आग से बाहर नहीं निकल जाते हैं, अर्थात जब तक कोविड-19 महामारी पूरी तरह से समाप्त नहीं हो जाती तब तक हमें नियमों को अपनाना होगा।