एक नए अध्ययन के अनुसार पश्चिमी देशों में कोलेस्ट्रॉल का स्तर तेजी से घट रहा है, लेकिन निम्न और मध्यम आय वाले देशों में - विशेष रूप से एशिया में, वैश्विक कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ रहा है।
शोध में कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जांच करने के लिए 1980 से 2018 की अवधि के दौरान 200 देशों के, 39 साल तक के 10.26 करोड़ लोगों के आंकड़ों का उपयोग किया गया। अध्ययन नेचर पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
अध्ययन में पता चला कि दुनिया भर में होने वाली लगभग 39 लाख मौतों के लिए उच्च कोलेस्ट्रॉल जिम्मेदार है। इनमें से आधी मौतें पूर्व, दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया में होती हैं।
कोलेस्ट्रॉल रक्त में पाया जाने वाला एक मोम जैसा पदार्थ है। स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण के लिए शरीर को कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता होती है, लेकिन बहुत अधिक कोलेस्ट्रॉल रक्त वाहिकाओं में जमा हो सकता है। कोलेस्ट्रॉल विभिन्न प्रकार का होता है। उच्च-घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एचडीएल) 'अच्छा' कोलेस्ट्रॉल, जो 1 मिमी / एल या उससे ऊपर होना चाहिए, अतिरिक्त 'खराब' कोलेस्ट्रॉल को हटाने से दिल के दौरे और स्ट्रोक के खिलाफ एक सुरक्षा होती है।
गैर-एचडीएल 'खराब' कोलेस्ट्रॉल, जो 2 मिमी / एल के आसपास जितना संभव हो उतना कम होना चाहिए, यह रक्त की आपूर्ति को अवरुद्ध कर सकता है और दिल के दौरे और स्ट्रोक का कारण बन सकता है। इस प्रकार का कोलेस्ट्रॉल आमतौर पर सैचुरेटेड और ट्रांस फैट आहार में अधिक लेने से होता है, जो स्वस्थ असंतृप्त वसा (अनसैचुरेटेड फैट) के बजाय कई प्रसंस्कृत (प्रोसेस्ड ) खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। इसे स्टैटिन के उपयोग के माध्यम से प्रभावी ढंग से कम किया जा सकता है। स्टैटिन, जिसे एचएमजी-सीओए रिडक्टेस इनहिबिटर के रूप में भी जाना जाता है, लिपिड-कम करने वाली दवाओं का एक वर्ग है जो उन लोगों में बीमारी और मृत्यु दर को कम करते हैं जो हृदय रोग के अधिक खतरे में होते हैं।
नए अध्ययन के नतीजों से पता चला है कि उच्च और गैर-एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर में उच्च आय वाले देशों में तेजी से गिरावट आई है, खासकर उत्तरी-पश्चिमी यूरोप, उत्तरी अमेरिका और आस्ट्रेलिया में, जबकि निम्न और मध्यम आय वाले देशों में, विशेष रूप से पूर्व और दक्षिण - पूर्व एशिया में इसका स्तर बढ़ रहा है। चीन, जिसमें 1980 में गैर-एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के कुछ निम्नतम स्तर थे, 39 साल के अध्ययन की अवधि में गैर-एचडीएल में वृद्धि की सबसे बड़ी दर थी।
इंपीरियल स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर माजिद इज़्ज़ती ने कहा पहली बार, गैर-एचडीएल कोलेस्ट्रॉल का उच्चतम स्तर पश्चिमी दुनिया के बाहर हुआ है। इससे पता चलता है कि हमें अब दुनिया भर में मूल्य निर्धारण और नीतियों को स्थापित करने की आवश्यकता है जो आहार को संतृप्त (सैचुरेटेड) से गैर-संतृप्त वसा (अनसैचुरेटेड फैट) की और ले जाती है। प्रभावी दवाओं के साथ उन लोगों के इलाज के लिए स्वास्थ्य प्रणाली तैयार कर सकते हैं। इससे इन क्षेत्रों में गैर-एचडीएल कोलेस्ट्रॉल से होने वाली लाखों मौतों को बचाने में मदद मिलेगी।
गैर-एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के उच्चतम स्तर वाले देश, जो हृदय के खतरे के लिए जाने जाते थे, जो पश्चिमी यूरोप जैसे बेल्जियम, फ़िनलैंड, ग्रीनलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे, स्वीडन, स्विट्जरलैंड और माल्टा है। 1980 में यह बदलकर एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लोगों में बढ़ गया जैसे कि टोकेलौ, मलेशिया, फिलीपींस और थाईलैंड आदि में।
प्रोफेसर इज़्ज़ती ने कहा कि पश्चिमी देशों में गैर-एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी पश्चिमी देशों में स्टैटिन के बढ़ते उपयोग के कारण हुआ है, जो अभी तक कम और मध्यम आय वाले देशों में व्यापक रूप से उपयोग नहीं किए जाते हैं।
शोध जिसमें सभी 200 देशों के कोलेस्ट्रॉल की तुलना की और निम्नलिखित पाया :