क्या मास्क पहनने से रूक सकता है कोरोनावायरस का संक्रमण?

भारत में बाहर निकलते वक्त मास्क पहनना जरूरी कर दिया गया है, लेकिन क्या इससे फायदा होगा, क्या कहते हैं विशेषज्ञ
Photo: Pixabay
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विशेषज्ञों का कहना कि कोरोनावायरस जैसी महामारी को फैलने से रोकने के लिए, लोगों को एहतियात के तौर पर फेस मास्क पहनने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। यदि हमें अपने आपको और दूसरों को बचाना है तो यह करना ही होगा। भारत में भी बहुत सारे राज्यों की सरकारों ने लोगों के बाहर निकलने से पहले फेस मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है।

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर त्रिशा ग्रीनहॉग और सहकर्मियों का कहना है कि मास्क संक्रमण फैलने से रोक सकता है। हांलाकि इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि फेस मास्क पहनने से आम जनता में कोविड-19 के संक्रमण फैलने में कमी आएगी या नहीं। यह अध्ययन बीएमजे पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

हालांकि कोविड-19 के खिलाफ सुरक्षात्मक उपाय के रूप में फेसमास्क के व्यापक उपयोग पर परीक्षण करने की जरुरत है। दुनिया भर में एजेंसियां और सरकारें बड़ी संख्या में रोग नियंत्रण और रोकथाम के लिए लोगों को मास्क पहनने के लिए कह रही हैं। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मास्क के बारे में कोई सलाह नहीं दी है।

कुछ शोधकर्ताओं का तर्क है कि लोगों के ठीक तरीके से या लगातार मास्क पहनने की संभावना कम है। इससे लोग हैंडवाशिंग जैसे व्यापक संक्रमण नियंत्रण उपायों को अनदेखा कर सकते हैं। कुछ अन्य शोधकर्ताओं का कहना है कि आम जनता को मास्क नहीं पहनना चाहिए क्योंकि स्वास्थ्य कर्मचारियों को उनकी अधिक आवश्यकता है।

लेकिन ग्रीनहॉग और सहकर्मियों ने इन तर्कों को चुनौती देते हुए सुझाव दिए है। इसमें उन्होंने बताया है कि कोविड-19 के संदर्भ में, लोगों को मास्क का सही इस्तेमाल करना सिखाया जा सकता है। अन्य महत्वपूर्ण उपायों को छोड़े बिना लगातार ऐसा किया जा सकता है। 

शोधकर्ता कहते हैं कि अगर राजनीतिक इच्छाशक्ति हो तो, मास्क का पुन: उत्पादन करके इनकी कमी को दूर किया जा सकता है।

मास्क साधारण, सस्ते और संभावित रूप से प्रभावी होते हैं। संक्रण के लक्षण दिखने वाले व्यक्ति द्वारा मास्क को घर में पहना जाना चाहिए। 

घर के बाहर उन स्थितियों में भी पहना जाना चाहिए जहां दूसरों से मिलना हो, उदाहरण के लिए, खरीदारी करते समय, सार्वजनिक परिवहन आदि में। इस तरह मास्क पहने से संक्रण को फैलने से रोका जा सकता है।

एक संपादकीय में, बीजिंग के सिंघुआ विश्वविद्यालय में बाबक जाविद और सहकर्मीयों ने इस बात पर जोर दिया कि लोगों को फेस मास्क पहनना चाहिए। इससे संक्रण फैलने की संभावना कम हो जाती है। शोधकर्ता कहते हैं कि बिना मास्क के रहने से बेहतर है कपड़े का मास्क पहनना।  

हमारा सार्वजनिक रूप से मास्क पहनना कोरोनावायरस के खतरे के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। शोधकर्ताओं का सुझाव है कि स्वास्थ्य की देखभाल करने वाले कर्मचारियों को उचित श्वसन सुरक्षा के बिना कोविड-19 रोगियों के पास नहीं जाना चाहिए। कपड़े से बना मास्क स्वास्थ्य देखभाल करने वाले कर्मचारियों के लिए एक उपयुक्त विकल्प नहीं हैं।

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