क्या कोरोनावायरस से लड़ने में मदद कर सकती है मौजूदा दवाएं

अब तक कोरोनावायरस करीब 2,858 जिंदगियों को लील चुका है। वहीं दुनियाभर के करीब 83,379 लोग आज भी इस बीमारी से जूझ रहे हैं
Photo: Flickr
Photo: Flickr
Published on

दुनिया पर कोरोनावायरस का खतरा दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इससे अब तक करीब 2,858 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि 83,379 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। और दिन प्रतिदिन यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। साथ ही लोगों के मन में इसका डर भी लगातार बढ़ रहा है। आज यह दुनिया के हर महाद्वीप में फैल चुका है| जबकि भारत सहित 50 से भी ज्यादा देशों में इसके मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। ऐसे में इससे कैसे निपटा जाये यह समस्या सारी दुनिया के सामने आ खड़ी हुई है। जिसका तोड़ किसी के पास भी नहीं है। अब तक सिर्फ किसी तरह डॉक्टर पीड़ित लोगों की देखभाल करने की कोशिश कर रहें है। जिससे उनकी बिगड़ती हालत पर काबू पाया जा सके और उनमें संक्रमण को फैलना रोका जा सके। ऐसे में यूरोपीय शोधकर्ताओं के एक दल ने उम्मीद की किरण जगाई है, जिनके अनुसार पहले से ही मौजूद दवाएं इस नए वायरस के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने इसके सन्दर्भ में एक अध्ययन इंटरनेशनल जर्नल ऑफ इन्फेक्शस डिजीज में प्रकाशित हुआ है।

इस अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता और नॉर्वेजियन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में एसोसिएट प्रोफेसर डेनिस कैनोव ने बताया कि "मौजूदा दवाओं को एक से अधिक बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रयोग किया जा सकता है। यह दवाएं जिन बीमारियों की रोकथाम के लिए बनी हैं उनके अतिरिक्त अन्य बीमारियों में भी कारगर हो सकती है। यही वजह है कि टेकोप्लानिन, ओरिटावैंसिन, डलाबावैंकिन और मोनेंसिन जैसी एंटीबायोटिक्स पर कोरोना और उसके जैसे अन्य वायरस की रोकथाम के लिए प्रयोगशाला में शोध किये जा रहे हैं। और यह उसमें कुछ हद तक सफल भी हो रही हैं।" यह देखते हुए की अब तक कोरोना वायरस का कोई इलाज मौजूद नहीं है। यह दवाएं इसको रोकने में मदद कर सकती है। चूंकि इन्हें पहले ही मनुष्य पर टेस्ट किया जा चुका है, और यह दवाएं सुरक्षित भी हैं। ऐसे में यह कोरोना की रोकथाम में भी अहम् भूमिका निभा सकते हैं। कोरोना के विषय में विश्व स्वस्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पहले ही आगाह कर चुका है कि यह वायरस गले में खराश, खांसी और बुखार सहित बहती नाक जैसे लक्षणों को लेकर आता है। इससे निमोनिया और सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। साथ ही यह वायरस उन लोगों के लिए अधिक खतरनाक हो सकता है, जो पहले ही मधुमेह और हृदय रोग जैसी बीमारियों से ग्रसित हैं।

मददगार हो सकती हैं 31 एंटीबायोटिक दवाएं

शोधकर्ताओं के अनुसार दवाओं के पुनः उपयोग का सबसे बड़ा फायदा यह है कि हमें इसके विकास के चरणों के बारे में पूरी जानकारी होती है, ऐसे में इन्हें सिर्फ दवा को नयी बीमारी के इलाज सम्बन्धी जांच की प्रक्रिया शेष रह जाती है। यही वजह है कि ये दवाएं संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए जल्द तैयार की जा सकती हैं। और इनमें नयी दवाओं और टीकों के विकास की तुलना में सफलता की अधिक सम्भावना होती है। साथ ही इनसे समय और पैसे की भी बचत होती है।

इन संभावनाओं को देखते हुए शोधकर्ताओं ने 120 दवाओं का विश्लेषण किया है और उसके विषय में जानकारी एकत्रित करके एक डेटाबेस बनाया है, जोकि सभी के लिए मुफ्त उपलब्ध है। उन्होंने इन दवाओं के संक्रामक रोगों की रोकथाम सम्बन्धी गुणों की समीक्षा भी की है। यह दवाएं दो या उनसे अधिक वायरस परिवारों की रोकथाम में कारगर सिद्ध हुई है। साथ ही यह मानव पर प्रयोग करने के लिए सुरक्षित भी है। शोधकर्ताओं ने सम्भावना व्यक्त की है कि इनमे से 31 दवाएं कोरोनावायरस के उपचार और रोकथाम में मददगार हो सकती हैं। साथ ही इस बीमारी से लड़ने के लिए इनमें से पांच दवाओं पर शोध और प्रयोग शुरू भी किया जा चुके हैं। ऐसे में हम सिर्फ उम्मीद करते हैं कि हमारे वैज्ञानिक इस बीमारी का जल्द ही निदान खोज लेंगे, जिससे बाकि जिंदगियों को बचाया जा सकेगा और पूरा विश्वास है की हम अपनी इस कोशिश में कामयाब भी होंगें।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in