
संयुक्त राज्य अमेरिका में बर्ड फ्लू तेजी से फैलने के कारण कैलिफोर्निया राज्य सरकार ने आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस पर चिंता जताई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आगाह किया है कि बर्ड फ्लू की वजह से दुनिया भर में अब तक 30 करोड़ पक्षियों की मौत हो चुकी है और यह वायरस अब अन्य प्रजातियों में भी फैल रहा है। इस वायरस में तेजी से बदलाव आ रहे हैं, जोकि चिन्ता की वजह है।
संयुक्त राष्ट्र के न्यूज वेबसाइट में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के डॉक्टर मधुर धींगड़ा के हवाले से बताया गया है कि एच5एन1 वायरस में बदलाव आ रहे हैं और यह अब वन्यजीवों में फैल रहा है। पिछले तीन वर्षों में, पांच महाद्वीपों में स्थित 108 देशों में इसके संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं।
अब तक, पक्षियों की 500 से अधिक प्रजातियों और कम से कम 70 स्तनधारी प्रजातियों में इसके संक्रमण की जानकारी मिली है, जिनमें ध्रुवीय भालू और कैलिफोर्निया कोन्डोर भी हैं।
यूएन एजेंसी के अनुसार, जो क्षेत्र प्रोटीन के लिए मुर्ग़ीपालन स्रोत पर बहुत हद तक निर्भर है, वहां एवियन इन्फ्लूएंजा के कारण खाद्य व पोषण सुरक्षा के लिए गम्भीर खतरा होने की आशंका है।
डॉक्टर धींगड़ा ने चेतावनी दी है कि इस वायरस के कारण करोड़ों लोगों की आजीविकाएं प्रभावित हुई हैं। इससे किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ा है और जैविक सुरक्षा उपायों में पर्याप्त निवेश करने की उनकी क्षमता प्रभावित हो सकती है।
दुग्धपालन के लिए मवेशियों में एच5एन1 के संक्रमण मामले उभरने के बाद यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने फार्म केन्द्रों में निगरानी व्यवस्था व जैविक सुरक्षा को मजबूत बनाने का आग्रह किया है, ताकि पशुओं व लोगों की सुरक्षा सम्भव हो।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि इस वर्ष एच5एन1 के कारण 76 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें से अधिकांश खेतों या फार्म में काम करने वाले कर्मचारी हैं। इनमें 60 से अधिक मामले अमेरिका में सामने आए हैं, जहां वन्यजीवन और मुर्ग़ीपालन में भी एच5एन1 का प्रकोप है।
इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चीन, कम्बोडिया और वियतनाम में भी संक्रमण के मामलों की पुष्टि हुई है।
मनुष्यों के लिए जोखिम कम
विश्व स्वास्थ्य संगठन में महामारी प्रबन्धन के डॉक्टर मारिया वान कर्कहोव ने बताया कि नवीनतम वैज्ञानिक विश्लेषण के जरिये, आम लोगों के लिए मौजूदा जोखिम का आकलन किया गया है। और यह जोखिम फिलहाल कम है।
मगर, फार्म पर काम कर रहे और संक्रमित पशुओं के सम्पर्क में आने वाले लोगों के लिए यह जोखिम निम्न- से मध्यम-स्तर पर है। यह बचाव उपाय अपनाने पर भी निर्भर करता है।
फिलहाल, एच5एन1 वायरस में ऐसे बदलाव आने के साक्ष्य नहीं है, जिनसे इसके एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने की सम्भावना हो और ना ही ऐसा कोई मामला दर्ज किया गया है।
हालांकि, उन्होंने सचेत किया है कि इत्मीनान से बैठ जाने से बचा जाना होगा, चूँकि स्थिति में तेज़ बदलाव आ सकता है। वायरस तेजी से बदल रहा है और ऐसी किसी भी सम्भावना के लिए तैयार रहना होगा।
इसके मद्देनज़र, एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण फैलने के हर मामले की विस्तार से जाँच किए जाने का आग्रह किया गया है. साथ ही, पाश्चरीकृत दूध को पीना या फिर उसे गर्म करके इस्तेमाल में लाना अहम है