दुनिया में कैंसर के जितने नए मामले सामने आते हैं उनमें से करीब 4.1 फीसदी मामलों के लिए शराब जिम्मेवार है। यह जानकारी हाल ही में जर्नल लैंसेट ऑन्कोलॉजी में छपे एक शोध में सामने आई है। यदि जारी आंकड़ों को देखें तो 2020 के दौरान दुनिया भर में सामने आए कैंसर के 741,300 मामलों के पीछे शराब ही वजह थी।
इनमें से करीब 76.7 फीसदी या 568,700 मामले अकेले पुरुषों में सामने आए थे। वहीं महिलाओं में यह आंकड़ा 172,600 था। शराब की वजह से किस अंग में फैलने वाले कैंसर के मामले सबसे ज्यादा थे, इस लिहाज से देखें तो घेघा या घुटकी में होने वाले कैंसर के करीब 189,700 मामले सामने आए हैं, इसके बाद लिवर कैंसर के 154,700 और ब्रेस्ट कैंसर के करीब 98,300 मामले सामने आए हैं।
शराब कई तरह से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है उनमें से एक वजह कैंसर भी है। इसके बावजूद बड़े पैमाने पर इसका सेवन किया जाता है। यह तो सभी जानते हैं कि ज्यादा शराब पीने से कैंसर हो सकता है पर कितनी मात्रा कैंसर के लिए कितनी जिम्मेवार है यह भी इस शोध में स्पष्ट किया गया है|
47 फीसदी मामलों के लिए जिम्मेवार थी ज्यादा शराब पीने की लत
शराब के कारण सामने आने वाले कैंसर के लगभग 47 फीसदी मामलों के लिए ज्यादा शराब पीने की लत जिम्मेवार थी। आंकड़ों के अनुसार बहुत ज्यादा (60 ग्राम प्रति दिन से ज्यादा) शराब पीने से 346,400 मामले, स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मात्रा यानी 20 से 60 ग्राम प्रति दिन के सेवन के चलते 291,800 मामले (39.4 फीसदी) सामने आए थे। वहीं 10 से 20 ग्राम शराब का सेवन 14 फीसदी मामलों या 103,100 लोगों में कैंसर की वजह बना था जबकि जो लोग 10 ग्राम प्रति दिन से कम शराब का सेवन करते हैं उनमें कैंसर के 41,300 मामले सामने आए थे।
रिपोर्ट के मुताबिक एक तरफ जहां कई यूरोपीय देशों, विशेष रूप से पूर्वी यूरोप में प्रति व्यक्ति शराब की खपत में कमी आई है, वहीं इसके विपरीत चीन, भारत और वियतनाम जैसे एशियाई देशों और उप-सहारा अफ्रीका के कई देशों में शराब का उपयोग बढ़ रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक जहां मंगोलिया, चीन, मोल्दोवा और रोमानिया में सबसे ज्यादा मामले सामने आए थे। वहीं कुवैत, लीबिया और सऊदी अरब में शराब पीने के कारण कैंसर के सबसे कम मामले सामने आए थे।
यही वजह है कि जहां पूर्वी एशिया में शराब के कारण होने वाले कैंसर के सबसे ज्यादा करीब 5.7 फीसदी मामले सामने आए थे, वहीं अफ्रीका में यह आंकड़ा 0.3 फीसदी और पश्चिमी एशिया में 0.7 फीसदी दर्ज किया गया था।
ऐसे में शोधकर्ता बढ़ते कैंसर के मामलों में कमी लाने के लिए शराब की खपत को कम करने और उसके लिए प्रभावी नीति की वकालत करते हैं। हालांकि यह तभी मुमकिन हो सकेगा जब लोग इसके खतरों के बारे में समझेंगे और अपनी मर्जी से इसे छोड़ने या सेवन को कम करने का फैसला लेंगें।