कैलिफोर्निया के सैन डिएगो शहर में स्थित सेप्सिस एलायंस द्वारा किए गए 158 अस्पतालों के अधिकारियों के बीच किए गए एक नए सर्वेक्षण में 90 फीसदी ने माना कि रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) एक बड़ा खतरा बन गया है। वहीं 88 फीसदी सोचते हैं कि समस्या बद से बदतर होती जा रही है।
सेप्सिस एलायंस की ओर से सेज ग्रोथ पार्टनर्स द्वारा आयोजित सर्वेक्षण में अन्य संबंधित एएमआर मुद्दों पर अधिकारियों के विचारों की भी जांच की गई। निष्कर्षों की रिपोर्ट सेप्सिस एलायंस वेबसाइट पर प्रकाशित की गई हैं।
एक और सबसे बड़ी चिंता एएमआर के बारे में लोगों में जानकारी की कमी होना है, 59 फीसदी अधिकारियों का कहना है कि चिकित्सकों के साथ-साथ रोगियों की सार्वजनिक शिक्षा एंटीबायोटिक प्रबंधन में सबसे बड़ी बाधा है। उत्तरदाता सार्वजनिक सेवा घोषणाओं में शीघ्र उपचार की आवश्यकता, उपचार पूरा करने के महत्व और दवाओं को उचित तरीके से संग्रहीत करने संबंधी सुझावों को शामिल करने की बात करते हैं।
सर्वेक्षण में एएमआर पर अंकुश लगाने के लिए प्रमुख विधायी प्रयासों के बारे में जानकारी में भी कुछ कमी भी सामने आई है, जिसमें 72 फीसदी अधिकारी अग्रणी रोगाणुरोधी प्रतिरोध को समाप्त करने वाले अधिनियम के प्रावधानों से अनजान हैं।
एक सदस्यता-शैली भुगतान मॉडल बनाने का प्रस्ताव भी रखा गया है जिसमें संघीय सरकार खाद्य एवं औषधि प्रशासन-अनुमोदित एंटीबायोटिक दवाओं तक पहुंच के लिए अग्रिम भुगतान करेगी जो दवा प्रतिरोधी रोगजनकों को निशाना बनाती है और महत्वपूर्ण, अधूरी स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करती हैं।
इसके अलावा, सर्वेक्षण में अस्पतालों में एंटीबायोटिक प्रबंधन कार्यक्रमों की स्थिति का भी आकलन किया गया। लगभग सभी अधिकारियों या 98 फीसदी ने कहा कि उनके संगठन में एक है, लेकिन केवल 26 फीसदी ही अपनी सुविधा को प्रबंधन प्रयासों के लिए ग्रेड ए दिया, केवल 17 फीसदी ने कहा कि वे एएमआर के प्रबंधन के लिए अपने संगठन की रणनीतियों में बेहद आश्वस्त हैं।
बाधाओं में संक्रामक रोग चिकित्सकों और फार्मासिस्टों का कम उपयोग, नए एंटीबायोटिक दवाओं के लिए लागत का प्रबंधन सिफारिशों पर रोक और स्टाफ की कमी शामिल है।
सर्वेक्षण में जब पूछा गया कि, अस्पतालों को अपने एएमआर प्रयासों को बेहतर बनाने में क्या मदद मिलेगी, तो 54 फीसदी ने जवाब में तेजी से परीक्षणों की बेहतर उपलब्धता और 54 फीसदी ने कहा कि तेजी से जांच की बेहतर गुणवत्ता से मदद मिलेगी।
सर्वेक्षण को फार्मास्युटिकल उद्योग से संबंधित व्यापार समूह पीएचरमा के सहयोग से किया गया था। इसे विश्व रोगाणुरोधी जागरूकता सप्ताह के भाग के रूप में जारी किया गया है।