विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और संयुक्त राज्य रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) की रिपोर्ट के मुताबिक भारत समेत दुनिया भर में बच्चे खसरे की जद में हैं। इसका कारण कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से खसरे के टीकाकरण में लगातार गिरावट आना बताया जा रहा है।
2021 में, लगभग 4 करोड़ बच्चें खसरे के टीके की खुराक लेने से चूक गए। 2.5 करोड़ बच्चे अपनी पहली खुराक नहीं ले पाए, वहीं 1.47 करोड़ बच्चे दूसरी खुराक से चूक गए।
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि यह गिरावट खसरे के उन्मूलन को हासिल करने के रास्ते में एक बहुत बड़ा झटका है और इसके कारण लाखों बच्चे संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं।
इन देशों में खसरे का भारी प्रकोप
2021 में दुनिया भर में खसरे के अनुमानित 90 लाख मामले सामने आए और 1,28,000 मौतें हुईं। 22 देशों में खसरे के भारी प्रकोप देखे गए। टीकाकरण में लगातार गिरावट, खसरे की सही से निगरानी न होना और कोविड-19 के कारण टीकाकरण गतिविधियों में रुकावट और देरी से दुनिया भर में खसरे का खतरा बढ़ गया है।
कैसे फैलता है खसरा?
डब्ल्यूएचओ के अनुसार खसरा लोगों में फैलने वाले सबसे संक्रामक विषाणुओं में से एक है, यह अधिकतर संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने अथवा हवा से फैलता है। खसरा होने पर बुखार आना, मांसपेशियों में दर्द होना, चेहरे और त्वचा पर दाने जैसे लक्षण दिखते हैं। अधिकतर खसरे से होने वाली मौतों में दिमाग में सूजन आने तथा पानी की कमी सहित अलग-अलग जटिलताओं के कारण होती हैं।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों और 30 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों में जटिलताएं सबसे खतरनाक होती हैं। खसरे से होने वाली अधिकतर मौतें विकासशील देशों में होती हैं, इनमें अफ्रीका और एशिया सबसे ऊपर हैं।
क्या खसरे की रोकथाम हो सकती है?
डब्ल्यूएचओ ने बताया कि टीकाकरण के द्वारा खसरे को लगभग पूरी तरह से रोका जा सकता है। लोगों को खसरे से बचाने और इसके उन्मूलन को हासिल करने के लिए टीके की 95 फीसद या 2 से अधिक खुराक की आवश्यकता होती है।
जबकि दुनिया भर केवल 81 फीसदी बच्चों को खसरे के पहले टीके की खुराक मिल रही है और मात्र 71 फीसदी बच्चों को खसरे के टीके की दूसरी खुराक मिल रही है। 2008 के बाद से खसरा टीकाकरण की पहली खुराक की ये सबसे कम वैश्विक कवरेज दरें हैं, हालांकि कवरेज अलग-अलग देशों के अनुसार भिन्न है।
2021 में, 18 देशों के टीकाकरण अभियानों में कोविड-19 के कारण देरी होने से लगभग 6.1 करोड़ खसरे के टीके की खुराक छूट गई थी। टीकाकरण में देरी से खसरे के प्रकोप का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए टीकाकरण के प्रयासों में तेजी लाने और निगरानी को मजबूत करने का समय आ गया है।
सीडीसी और डब्ल्यूएचओ ने दुनिया भर में, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर सभी भागीदारों से कार्रवाई का आग्रह किया है ताकि पिछले दो वर्षों के दौरान छूटे हुए बच्चों सहित सभी बच्चों को खोजने और उनका टीकाकरण करने के प्रयासों को प्राथमिकता दी जा सके।
डब्ल्यूएचओ द्वारा टीकाकरण एजेंडा 2030 तक दुनिया भर में टीकाकरण रणनीति के तहत, टीकाकरण में तेजी लाने तथा प्रकोपों का पता लगाने, तत्काल प्रतिक्रिया देने और उन सभी बच्चों का टीकाकरण करने, निगरानी को मजबूत करने में निवेश करने की बात कही गई हैं।