नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट बताती है कि साल 2018 में हुई कुल 1,34,516 आत्महत्याओं ने 17.7 प्रतिशत आत्महत्या बीमारियों के कारण हुईं। पारिवारिक कारणों के बाद बीमारियां आत्महत्या का दूसरा सबसे बड़ा कारण हैं।
एनसीआरबी के अनुसार, साल 2018 में बीमारियों के चलते कुल 23,764 लोगों ने जान दी। इनमें मानसिक रोगों के कारण जान देने वाले रोगियों के संख्या सबसे अधिक है। 2018 में कुल 10,134 लोगों ने मानसिक रोगों के कारण आत्महत्या की।
आयु वर्ग के अनुसार देखें तो 60 वर्ष के अधिक आयु में 1,398 लोगों, 45-60 आयु वर्ग में 2,263 लोगों, 30-45 आयु वर्ग में 3,122 लोगों, 18-30 आयु वर्ग में 2,859 और 18 साल से कम उग्र के 492 लोगों ने मानसिक रोगों के कारण जान दी।
लंबे समय तक विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे लोग भी परेशान होकर मौत को गले लगा रहे हैं। ऐसे 11,070 लोगों ने आत्महत्या की, जबकि कैंसर से कारण 1,297 लोगों, लकवे के कारण 1,121 लोगों और एड्स/एसडीटी के कारण 172 लोगों ने साल 2018 में जान दी।
पंजाब की दर सबसे अधिक
अगर राज्यों की बात करें तो पंजाब में बीमारियों के कारण आत्महत्या की दर सबसे अधिक है। बीमारियों के कारण आत्महत्या के राष्ट्रीय औसत 17.7 प्रतिशत के मुकाबले पंजाब में 42.1 प्रतिशत आत्महत्या बीमारियों के कारण हुईं।
दूसरे शब्दों में कहें तो पंजाब में बीमारियों के कारण आत्महत्या की दर राष्ट्रीय औसत से दोगुने से अधिक है। राज्य में कुल 1,714 आत्महत्या में 722 आत्महत्या बीमारियों के कारण हुई। पंजाब के बाद सिक्किम में 41.1 प्रतिशत, लक्षद्वीप में 33.3 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश में 30.3 प्रतिशत, पुद्दुचेरी में 30 प्रतिशत आत्महत्याओं की वजह बीमारियों बनीं। एनसीआरबी के आंकड़े के मुताबिक, 2001 से 2018 के बीच कुल 4,54,931 लोगों ने बीमारियों के कारण खुदकुशी कर ली।