एमपी में अब तक कफ सीरप से 14 बच्चों की मौत, सीएम का दौरा

24 अगस्त को मध्यप्रदेश में पहली बार इस कफ सीरप से संदिग्ध मौत का मामला सामने आया था। 7 सितम्बर को किडनी फेल होने से बच्चों की मौत की पुष्टि की गई थी, इसके बाद लगातार यह संख्या बढ़ रही है
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-प्रशासन ने दवा लिखने वाले डॉक्टर और दवा कंपनी पर एफआईआर दर्ज की है। मामले की जांच के लिए जबलपुर आईजी ने एक एसआईटी का गठन किया है

-अब तक छिंदवाड़ा जिले के परासिया ब्लॉक के 11, छिंदवाड़ा में 2 और चौराई में एक बच्चे की मौत का मामला सामने आया है। बैतूल के एक बच्चे की मौत होना बताया जा रहा है

-मुख्यमंत्री के निर्देश पर कार्यवाही करते हुए आयुक्त लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा तरुण राठी ने डॉ. प्रवीण सोनी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं

-कोल्ड्रिफ कफ सिरप के कारण बच्चों की मृत्यु की घटना संज्ञान में आने पर कोल्ड्रिफ सिरप के सैम्पल जांच के लिए भेजे गए थे। शनिवार की सुबह जांच रिपोर्ट में नमूने अमान्य पाए गए

मध्यप्रदेश में कफ सीरप से बच्चों की मौत का आंकड़ा 14 तक पहुंच गया है। आठ बच्चे अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हैं। उधर प्रशासन ने दवा लिखने वाले डॉक्टर और दवा कंपनी पर एफआईआर दर्ज की है। मामले की जांच के लिए जबलपुर आईजी ने एक एसआईटी का गठन किया है। सोमवार को मुख्यमंत्री अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों को रद्द करके प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं। 

अब तक छिंदवाड़ा जिले के परासिया ब्लॉक के 11, छिंदवाड़ा में 2 और चौराई में एक बच्चे की मौत का मामला सामने आया है। बैतूल के एक बच्चे की मौत होना बताया जा रहा है, इसके बाद मृतकों का आंकड़ा अभी और बढ़ा सकता है। उल्लेखनीय है कि 24 अगस्त को मध्यप्रदेश में पहली बार इस कफ सीरप से संदिग्ध मौत का मामला सामने आया था। 7 सितम्बर को किडनी फेल होने से बच्चों की मौत की पुष्टि की गई थी, इसके बाद लगातार यह संख्या बढ़ रही है।

रविवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर सिविल अस्पताल परासिया, जिला छिंदवाड़ा में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सोनी को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही डॉक्टर सोनी और दवा निर्माता कंपनी के विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज की गई है।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर कार्यवाही करते हुए आयुक्त लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा तरुण राठी ने डॉ. प्रवीण सोनी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं। डॉ. सोनी द्वारा निजी प्रैक्टिस के दौरान उपचार के लिए आए शिशुओं के उपचार में गंभीर लापरवाही बरतने और अपने पदीय कर्तव्यों का निर्वहन पूर्ण निष्ठा से नहीं करने के आरोप में मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 (1) के अंतर्गत यह कार्यवाही की गई।

उल्लेखनीय है कि डॉ. सोनी द्वारा निजी प्रैक्टिस के दौरान शिशुओं को ऐसी दवाइयां पर्चे पर लिखी गई, जिसका सेवन करने के बाद शिशुओं को तेज बुखार और पेशाब में कठिनाई हुई तथा शिशुओं की किडनी पर विपरीत प्रभाव पड़ा। इससे कुछ बच्चों की मृत्यु हो गई।

इस मामले में छिंदवाड़ा के थाना परासिया में डॉ. प्रवीण सोनी और कांचीपुरम तमिलनाडु की दवा निर्माता कंपनी मेसर्स श्रीसन् फार्मास्युटिकल्स के संचालक के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 105,276 तथा औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा 27 ए के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की गई है।

कोल्ड्रिफ कफ सिरप के कारण बच्चों की मृत्यु की घटना संज्ञान में आने पर कोल्ड्रिफ सिरप के सैम्पल जांच के लिए भेजे गए थे। शनिवार की सुबह जांच रिपोर्ट में नमूने अमान्य पाए गए। इस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए कोल्ड्रिफ सिरप के विक्रय को पूरे प्रदेश में प्रतिबंधित किया गया, साथ ही इस दवा की प्रदेश में आवाजाही पर सख्त निगरानी के निर्देश भी दिए गए हैं। उधर मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने मृतक बच्चों के परिवारों को चार लाख रुपए मुआवजा राशि देने की घोषणा की है।

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