हर साल जल जाता है 37 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्रफल में लगा जंगल, एफएओ ने जताई चिंता

जंगलों में आग की घटनाओं को रोकने के लिए एफएओ ने 20 साल बाद नए दिशानिर्देश जारी किए
बढ़ते तापमान के साथ धधकते जंगल, फोटो: आईस्टॉक
बढ़ते तापमान के साथ धधकते जंगल, फोटो: आईस्टॉक
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वर्तमान में हर साल पृथ्वी की सतह का लगभग 34 करोड़ से लेकर 37 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र जंगल की आग में जल जाता है और सदी के अंत तक इसमें 50 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने इस पर चिंता जताते हुए आग को प्रबंधित करने के लिए दिशा निर्देश जारी किए। 

आज जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में एफएओ ने कहा कि आने वाले समय में जलवायु परिवर्तन की वजह से सूखा, तापमान में वृद्धि और तेज हवाएं बढ़ेंगी। इससे जहां आग की विकरालता बढ़ेगी, वहीं आग लंबे समय तक रहने की भी आशंका है। इसके चलते सदी के अंत तक जंगलों में लगने वाले भयंकर आग (एक्सट्रीम फायर) की घटनाओं में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।

एफएओ के मुताबिक जंगल की आग जब भयंकर हो जाती हैं, तो वे सतत विकास को भी प्रभावित कर सकती हैं। जैसे कि समुदायों की आजीविका को खतरे में डाल सकती हैं और बड़ी मात्रा में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन उत्पन्न कर सकती हैं।

विज्ञप्ति में एफएओ के वानिकी प्रभाग के निदेशक झिमिन वू ने कहा, "हम जंगल की आग की चुनौती से कैसे निपटते हैं, अब यह बहुत महत्वपूर्ण हो गया है।" उन्होंने रोम में 9वें विश्व वन सप्ताह के दौरान दिशा-निर्देशों का नया संस्करण लॉन्च भी किया। 

नए दिशा निर्देशों में जंगल की आग से निपटने के लिए विज्ञान के साथ-साथ पारंपरिक ज्ञान को भी पूरी तरजीह दी गई है। साथ ही कहा गया है कि आग लगने से बहुत पहले, आग के दौरान और उसके बहुत बाद तक कार्रवाई करनी होगी। 

एफएओ ने देशों से सिफारिश की है कि जंगलों या उसके आसपास रहने वाले स्थानीय लोगों और उनके पांरपरिक ज्ञान का इस्तेमाल कर रणनीतिक कार्रवाई की जानी चाहिए और आग प्रबंधन के निर्णयों लिए जाने चाहिए। 

एफएओ ने यह भी कहा है कि जंगल की आग को रोकने, आग के प्रकोप को तुरंत रोकने और गंभीर रूप से जलने से तबाह हुए क्षेत्रों को बहाल करने के लिए स्थानीय लोगों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। एफएओ के दिशा-निर्देश में महिलाओं की भी भूमिका, विविध अग्नि ज्ञान को बढ़ावा देने, नए-नए विकल्प तलाशने की भी वकालत की गई है। 

एफएओ ने लगभग 20 साल पहले जंगलों की आग के प्रबंधन संबंधी दिशा निर्देश जारी किए थे। दावा किया गया है कि दुनिया भर के कई देशों ने सार्वजनिक नीतियों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को विकसित करने के लिए इन दिशानिर्देशों का उपयोग किया। 

एफएओ के ये दिशानिर्देश वैश्विक अग्नि प्रबंधन हब की पहली गतिविधि है, जिसे 2023 में एफएओ और यूएनएईपी द्वारा लॉन्च किया गया था। इस फायर हब का उद्देश्य वैश्विक अग्नि प्रबंधन समुदाय को एकजुट करना और एकीकृत अग्नि प्रबंधन रणनीतियों को लागू करने के लिए राष्ट्रीय क्षमताओं को बढ़ाना है। 

फायर हब को कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, पुर्तगाल, कोरिया गणराज्य और संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकारों द्वारा समर्थन प्राप्त है और अब तक इसके लिए 50 लाख डॉलर का वित्तपोषण किया गया है। 

यह वित्तपोषण उन प्रमुख साझेदारों से प्राप्त हो रहा है, जिन्होंने फायर हब के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इनमें कनाडाई वन सेवा, जर्मन संघीय खाद्य एवं कृषि मंत्रालय, एकीकृत जोखिम प्रबंधन (एएफएफआईआरएम) तंत्र के माध्यम से कोरिया वन सेवा, एकीकृत ग्रामीण अग्नि प्रबंधन के लिए पुर्तगाली एजेंसी, तथा अमेरिकी वन सेवा और यूएसएआईडी शामिल हैं।

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