
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) की ग्लोबल फॉरेस्ट रिसोर्सेज असेसमेंट 2025 (एफआरए 2025) रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक दशक में दुनिया के सभी क्षेत्रों में वनों की कटाई की रफ्तार धीमी हुई है।
यह रिपोर्ट हर पाँच वर्ष में जारी की जाती है। इसका 2025 का संस्करण 21 अक्टूबर 2025 को इंडोनेशिया के बाली में आयोजित ग्लोबल फॉरेस्ट ऑब्ज़र्वेशंस इनिशिएटिव प्लेनरी के दौरान प्रकाशित किया गया।
ताजा आंकड़ों के मुताबिक, वर्तमान में पृथ्वी की कुल भूमि का लगभग एक-तिहाई हिस्सा — यानी करीब 4.14 अरब हेक्टेयर में जंगल हैं। एफआरए 2025 रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जंगलों के संबंध में कुछ और सकारात्मक परिवर्तन हुए हैं, जैसे- अब आधे से अधिक वनों के लिए दीर्घकालिक प्रबंधन योजनाएं लागू हैं और लगभग पांचवें हिस्से के वन अब कानूनी रूप से स्थापित संरक्षित क्षेत्रों में आते हैं।
हालांकि, रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि विश्वभर का वन पारिस्थितिकी तंत्र अभी भी गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। वर्तमान में वनों की कटाई की दर 10.9 मिलियन (1.09 करोड़) हेक्टेयर प्रति वर्ष है, जो अब भी चिंताजनक रूप से अधिक है।
खाद्य सुरक्षा, स्थानीय आजीविका और नवीकरणीय जैविक पदार्थों तथा ऊर्जा के स्रोत के रूप में जंगल अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यहां विश्व की जैव विविधता का एक बड़ा हिस्सा रहता हैं। जंगल वैश्विक कार्बन और जल चक्र को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। और सूखा, मरुस्थलीकरण, बंजरपन, भूस्खलन तथा बाढ़ जैसे खतरों और उनके प्रभावों को कम करने में योगदान देते हैं।
एफएओ के महानिदेशक क्यू डोंगयू ने एफआरए 2025 की भूमिका में लिखा है: “एफआरए पूरी दुनिया के वनों की स्थिति, उनके संसाधनों, प्रबंधन और उपयोग का सबसे बड़ा और भरोसेमंद आकलन है। यह रिपोर्ट बताती है कि दुनिया में कितने वन हैं, उनकी हालत कैसी है, उनका इस्तेमाल कैसे हो रहा है और उन्हें कैसे संभाला जा रहा है। साधारण शब्दों में कहें तो यह रिपोर्ट वनों से जुड़ी हर जरूरी जानकारी एक जगह इकट्ठी करती है, ताकि सरकारें और समाज बेहतर फैसले ले सकें और वनों का टिकाऊ (सतत) तरीके से संरक्षण कर सकें।”
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
वन क्षेत्रफल:
दुनिया में कुल 4.14 अरब हेक्टेयर भूमि वन क्षेत्र के अंतर्गत आती है, जो पृथ्वी के कुल भूभाग का 32 प्रतिशत है। यह प्रति व्यक्ति औसतन 0.5 हेक्टेयर वन क्षेत्र के बराबर है। विश्व के लगभग आधे वन उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में स्थित हैं।
शुद्ध हानि में कमी:
वन क्षेत्र की वार्षिक शुद्ध हानि 1990 के दशक में 10.7 मिलियन हेक्टेयर प्रति वर्ष थी, जो 2015–2025 की अवधि में घटकर 4.12 मिलियन हेक्टेयर प्रति वर्ष रह गई है।
वन कटाई और विस्तार:
वनों की कटाई की दर 1990–2000 के दौरान 17.6 मिलियन हेक्टेयर प्रति वर्ष से घटकर 2015–2025 में 10.9 मिलियन हेक्टेयर प्रति वर्ष हो गई है। हालांकि, इसी अवधि में वनों के विस्तार की दर भी घटी है। 2000 से 2015 के दौरान यह 9.88 मिलियन हेक्टेयर प्रति वर्ष थी, जो 2015 से 2025 में घटकर 6.78 मिलियन हेक्टेयर प्रति वर्ष रह गई।
प्राकृतिक रूप से पुनर्जीवित वन:
ये कुल वन क्षेत्र के 92 प्रतिशत (3.83 अरब हेक्टेयर) हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं। 1990 से 2025 के बीच ऐसे वनों में 324 मिलियन हेक्टेयर की कमी आई है, लेकिन शुद्ध हानि की दर अब काफी धीमी हो गई है।
पिछले दशक में प्राकृतिक रूप से पुनर्जीवित वनों में सबसे अधिक गिरावट अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में दर्ज की गई है, जबकि यूरोप में ऐसे वनों में वृद्धि हुई है।
प्राथमिक वन:
प्राथमिक या मूल वनों का क्षेत्रफल कम से कम 1.18 अरब हेक्टेयर है — यह दुनिया के कुल रिपोर्ट किए गए वन क्षेत्र का लगभग एक-तिहाई हिस्सा है।
हालाँकि इन वनों का नुकसान जारी है, लेकिन 2000 के शुरुआती वर्षों की तुलना में इसकी दर अब आधी रह गई है।
रोपित वन:
रोपित या कृत्रिम रूप से उगाए गए वन कुल वन क्षेत्र के लगभग 8 प्रतिशत हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल अनुमानतः 312 मिलियन हेक्टेयर है।
1990 के बाद से इन वनों का विस्तार सभी क्षेत्रों में हुआ है, लेकिन पिछले दशक में इसकी वृद्धि की गति धीमी पड़ी है।
जैव-पदार्थ और कार्बन:
विश्व के वनों में मौजूद कुल वृद्धि योग्य लकड़ी का अनुमान लगभग 630 अरब घन मीटर लगाया गया है।
वनों में कार्बन भंडार में भी वृद्धि हुई है, जो अब 714 गीगाटन तक पहुंच गया है।
संरक्षित क्षेत्र:
विश्व के लगभग 20 प्रतिशत वन (813 मिलियन हेक्टेयर) अब कानूनी रूप से स्थापित संरक्षित क्षेत्रों में आते हैं।
1990 से अब तक यह क्षेत्र 251 मिलियन हेक्टेयर बढ़ा है।
प्रबंधन योजनाएं:
दुनिया भर के आधे से अधिक वन, लगभग 2.13 अरब हेक्टेयर (कुल वन क्षेत्र का 55 प्रतिशत) अब प्रबंधन योजनाओं के अंतर्गत आते हैं।
1990 के बाद से यह क्षेत्र 365 मिलियन हेक्टेयर बढ़ा है।
वनों को हो रहा नुकसान:
हर साल औसतन 261 मिलियन हेक्टेयर भूमि आग से प्रभावित होती है, जिनमें से लगभग आधा हिस्सा वन क्षेत्र होता है।
साल 2020 में कीट, बीमारियाँ और चरम मौसमी घटनाओं के कारण लगभग 41 मिलियन हेक्टेयर वनों को नुकसान पहुंचा, जो मुख्यतः समशीतोष्ण और उपध्रुवीय क्षेत्रों में स्थित हैं।
स्वामित्व:
विश्व के 71 प्रतिशत वन सार्वजनिक (सरकारी) स्वामित्व में हैं, जबकि 24 प्रतिशत निजी स्वामित्व में आते हैं। शेष वन क्षेत्र या तो अन्य श्रेणियों में है या स्वामित्व की स्थिति अज्ञात है।
प्रबंधन का उद्देश्य:
लगभग 1.20 अरब हेक्टेयर (कुल वनों का 29 प्रतिशत) क्षेत्र मुख्यतः उत्पादन के लिए प्रबंधित किया जाता है, जबकि 616 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र बहुउद्देशीय उपयोग के लिए प्रबंधित है।
इसके अतिरिक्त,
482 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र जैव विविधता संरक्षण के लिए
386 मिलियन हेक्टेयर मृदा और जल संरक्षण के लिए,
और 221 मिलियन हेक्टेयर सामाजिक सेवाओं के लिए नामित किए गए हैं।