फोटो : नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर ने राजस्थान के कोटपुतली में धरनारत ग्रामीणों को समर्थन दिया।
माधव शर्मा
राजस्थान के कोटपूतली क्षेत्र के 25 गांवों के लोग बीते 76 दिन से धरने पर हैं। इनकी मांग है कि क्षेत्र में अवैध खनन, ब्लास्टिंग, ओवर लोडिंग और वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाया जाए। नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर ने भी धरने पर पहुंच कर लोगों को सहयोग देने का वादा किया और सरकार से मांग की कि इस मुद्दे को गंभीरता से लिया जाए।
धरने पर बैठे ग्रामीणों का कहना है कि वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर तमाम संबंधित अधिकारियों को इन समस्याओं के बारे में कई बार ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इन गांवों में खनन के लिए हो रही ब्लास्टिंग से सैंकड़ों मकानों में दरार आ चुकी हैं और ओवर लोडिंग की वजह से अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है। धरने पर बैठे लोगों में शुक्लावास, करवास, बुचारा, दूदावास, पुरूषोत्तमपुरा आदि प्रमुख हैं।
इन 25 गांव में करीब 1.5 लाख मतदाता हैं। लोगों का कहना है कि यदि यही स्थिति रही तो लोकसभा चुनाव में इस बारे में एकजुट होकर फैसला लिया जाएगा।