भारत के जंगलों में बन रही हैं सड़कें, बढ़ रहा है खनन, ऐसे हो रहा 'विकास'

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट और डाउन टू अर्थ के सालाना संस्करण स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट इन फिगर्स 2025 में देश में वन भूमि के उपयोग में बदलाव (डायवर्जन) की सच्चाई आंकड़ों में बयान की गई है
भारत की वन भूमि के उपयोग में परिवर्तन का सिलसिला जारी है। फोटो: विकास चौधरी/सीएसई
भारत की वन भूमि के उपयोग में परिवर्तन का सिलसिला जारी है। फोटो: विकास चौधरी/सीएसई
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भारत ने 2023-24 में गैर-वनीय गतिविधियों के लिए लगभग 29,000 हेक्टेयर वन भूमि के डायवर्जन को मंजूरी दी है जो एक दशक में सबसे अधिक है और यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में 66 प्रतिशत अधिक है। पिछले दशक (2014-15 से 2023-24) में चौंका देने वाले 1,73,397 हेक्टेयर वनों का डायवर्जन किया गया। ज्यादातर डायवर्जन सड़कों, खनन, बिजली लाइनों, सिंचाई, रेलवे और जल विद्युत परियोजनाओं के लिए हुआ। दूसरे शब्दों में कहें तो भारत ने एक दशक में हरियाणा के कुल वन क्षेत्र (1,61,426 हेक्टेयर) से अधिक वन भूमि को डायवर्ट किया है

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