नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस हर साल 18 जुलाई को उस व्यक्ति के जन्मदिन के सम्मान में मनाया जाता है, जिनके कार्यों ने 20वीं सदी को बदल दिया।
आज हम शांति, स्वतंत्रता और समानता के लिए उनके आजीवन संघर्ष के सम्मान में इस दिन को मनाते हैं। यह दिन केवल मंडेला की उपलब्धियों को याद करने के बारे में नहीं है। यह सभी से बदलाव लाने और दुनिया को बेहतर बनाने के लिए कार्रवाई करने का आह्वान है।
इस दिन की घोषणा संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2009 में की गई थी, जिसमें शांति और स्वतंत्रता को बढ़ावा देने में मंडेला के अहम योगदान को सराहा गया था। यह दुनिया भर में एक व्यक्ति के प्रभाव की याद दिलाता है।
नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति थे और रंगभेद के कट्टर विरोधी थे। लोकतंत्र, समानता और शिक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता इस दिन के लिए अहम है। इसमें गरीबी से लड़ना, शांति को बढ़ावा देना और सांस्कृतिक विविधता को अपनाना शामिल है।
नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस मात्र चिंतन का दिन नहीं है, बल्कि यह कार्रवाई का दिन भी है। यह हमें अपने समय के 67 मिनट समर्पित करने की चुनौती देता है।
यह मंडेला की दूसरों की मदद करने के लिए सार्वजनिक सेवा के हर साल का एक मिनट है। यह पहल हमें मानवता की सेवा के लिए मंडेला की आजीवन प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, एक बड़ा बदलाव लाने की दिशा में छोटे कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करती है।
रंगभेद के खिलाफ लड़ाई से लेकर पर्यावरण की वकालत तक, मंडेला की विरासत हमें एक ऐसी दुनिया के लिए प्रयास करना सिखाती है जहां हर कोई स्वतंत्र, समान हो और प्रकृति के साथ सद्भाव में रह सके।
यह खास दिन नेल्सन मंडेला को जन्मदिन की शुभकामनाओं के साथ शुरू होता है, जो हमारे समय के एक सच्चे नायक थे जिन्होंने शांति का सपना देखा, स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी और अन्याय के खिलाफ मजबूती से खड़े हुए।
मंडेला दिवस के बीज 2009 में संयुक्त राष्ट्र के भव्य मंच पर बोए गए थे, जहां इस दिन की घोषणा की गई थी। साल 2010 में तेजी से आगे बढ़ते हुए, पहला आधिकारिक मंडेला दिवस समारोह शुरू हुआ। शिक्षा, कला और स्वयंसेवकों से भरे कार्यक्रम में सभी दुनिया को बदलने के लिए एक साथ आए।
हर साल, मंडेला दिवस की थीम हमें हमेशा चौकन्ना रखती है, गरीबी से लड़ने से लेकर शिक्षा, लैंगिक समानता और लोकतंत्र की सुंदरता को बढ़ावा देने तक।
यह हर साल याद दिलाता है कि हम सभी में बदलाव लाने की शक्ति है, चाहे वह बड़ा हो या छोटा। इसलिए, जब मंडेला दिवस आ रहा है, तो याद रखें, यह केवल पीछे मुड़कर देखने के बारे में नहीं है कि एक आदमी ने क्या हासिल किया, यह आईने में देखने और पूछने के बारे में है।
कब क्या-क्या हुआ?
आठ जुलाई 1918 को दक्षिण अफ्रीका के म्वेज़ो में रोलिहलाहला मंडेला का जन्म हुआ।
1940: छात्र विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व करने के कारण फोर्ट हरे विश्वविद्यालय से निष्कासित।
1942: दक्षिण अफ्रीका विश्वविद्यालय से बीए की डिग्री हासिल की।
1944: अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस (एएनसी) युवा लीग की सह-स्थापना की।
रंगभेद विरोधी सक्रियता
1948: एएनसी युवा लीग के राष्ट्रीय सचिव चुने गए।
1952: एएनसी विरोध प्रदर्शनों पर सरकारी प्रतिबंध की अवहेलना की, गिरफ्तार हुए और आरोप लगाए गए।
1956: देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार हुए, मुकदमा पांच साल तक चला।
1961: एएनसी की सशस्त्र शाखा के कमांडर-इन-चीफ बने।
1962: गिरफ्तार हुए और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
कारावास और रिहाई
1964: रिवोनिया मुकदमे के बाद आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
1990: 27 साल बाद जेल से रिहा किया गया।
राष्ट्रपति पद और विरासत
1991: एएनसी के अध्यक्ष चुने गए।
1993: एफ.डब्ल्यू. डी क्लर्क के साथ नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित।
1994: दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति चुने गए।
1999: राष्ट्रपति पद से हटे।
पांच दिसंबर 2013: 95 वर्ष की आयु में नेल्सन मंडेला का निधन हुआ।
मंडेला का जीवन समानता, न्याय और सुलह के लिए समर्पित था। उनकी विरासत दुनिया भर के लोगों को प्रेरित करती रहती है।