संसद में आज यानी 29 जुलाई को जंगलों में लगने वाली आग को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में कहा कि जंगलों में आग लगने के मौसम (नवंबर 2023 से जून 2024) में भारतीय वन सर्वेक्षण द्वारा पता लगाई गई कुल आग लगने की घटनाओं की संख्या 2,03,544 है, जबकि पिछले साल जंगलों में आग लगने के मौसम (नवंबर 2022 से जून 2023) में भारतीय वन सर्वेक्षण द्वारा पता लगाई गई कुल आग लगने की घटनाओं की संख्या 2,12,249 थी, जो वनों में आग लगने के मौसम (नवंबर 2023 से जून 2024) में दर्ज की गई घटनाओं से अधिक है।
अरावली पर्वतमाला का संरक्षण
मॉनसून सत्र जारी है, आज सदन में, अरावली के संरक्षण को लेकर उठाए गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में बताया कि मंत्रालय ने अरावली ग्रीन वॉल परियोजना की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य देशी पेड़ों की प्रजातियों के साथ वनरोपण, जल संरक्षण के उपाय, प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा, एकल-उपयोग प्लास्टिक प्रतिबंध आदि जैसी विभिन्न पहलों के माध्यम से अरावली परिदृश्य को पुनर्स्थापित करना है, ताकि हरियाणा, गुजरात, राजस्थान और दिल्ली एनसीआर के कुछ हिस्सों में अरावली पर्वतमाला के आसपास के पांच किलोमीटर के बफर क्षेत्र को हरा-भरा बनाया जा सके।
मानव-हाथी संघर्ष
सदन में पूछे गए एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यों से प्राप्त जानकारी का हवाला देते हुए लोकसभा में बताया कि 2023-24 में हाथियों के कारण कुल 629 मानव हताहत हुए और 2023-24 में ट्रेन दुर्घटनाओं में 17 और बिजली के झटके लगने से 94 हाथियों की मृत्यु हुई।
पर्यावरण संरक्षण शुल्क
पर्यावरण संरक्षण शुल्क को लेकर सदन में उठाए गए एक और सवाल के जवाब में, राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में बताया कि पिछले पांच वर्षों 2019 से 31 मई 2024 के दौरान केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को पर्यावरण संरक्षण शुल्क (ईपीसी) के रूप में कुल 364.40 करोड़ रुपये प्राप्त हुए।
सिंह ने कहा कि पर्यावरण क्षतिपूर्ति (ईसी) के संबंध में, सीपीसीबी को 31 मार्च, 2024 तक एनजीटी ईसी 25 फीसदी खाते में कुल 126.76 करोड़ रुपये और एनजीटी ईसी 75 फीसदी खाते में बैंक ब्याज सहित 276.96 करोड़ रुपये जमा हुए हैं, जिनमें से 31 मार्च, 2024 तक क्रमशः 46.25 करोड़ रुपये और 15.69 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।
सतत विकास रिपोर्ट, 2022 में भारत की रैंक
आज सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में, वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में बताया कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी वैश्विक सतत विकास रिपोर्ट (जीएसडीआर) में देश-वार रैंकिंग नहीं दी जाती है। अमेरिका स्थित एक गैर-लाभकारी संगठन सतत विकास समाधान नेटवर्क (एसडीएसएन) द्वारा प्रकाशित सतत विकास रिपोर्ट, एसडीजी पर देशों की वैश्विक वार्षिक रैंकिंग प्रदान करती है। एसडीएसएन रिपोर्ट 2022 के अनुसार, भारत 163 देशों में से 121वें स्थान पर है। जबकि 2024 में भारत का रैंक 167 देशों में 109 हो गई है।
ताप विद्युत संयंत्रों का विस्तार
आज, एक प्रश्न का उत्तर देते हुए विद्युत मंत्रालय में राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने राज्यसभा में कहा कि साल 2031-32 तक अनुमानित बिजली की मांग को पूरा करने के लिए, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) द्वारा उत्पादन नियोजन अध्ययन किए गए हैं। अध्ययन के परिणामों के अनुसार, यह परिकल्पना की गई है कि 2032 में देश की आधार भार आवश्यकता को पूरा करने के लिए, आवश्यक कोयला और लिग्नाइट आधारित स्थापित क्षमता 217.5 गीगावाट की वर्तमान स्थापित क्षमता के मुकाबले 283 गीगावाट होगी। इसे ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार 2031-32 तक अतिरिक्त न्यूनतम 80 गीगावाट कोयला आधारित क्षमता स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है।
नाईक ने बताया कि राष्ट्रीय विद्युत योजना में किए गए विचार के अनुसार नई कोयला आधारित ताप विद्युत क्षमता की स्थापना के लिए अनुमानित पूंजी लागत 8.34 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट (2021-22 मूल्य स्तर पर) है। इसलिए, ताप विद्युत क्षमता वृद्धि में न्यूनतम 1.5 करोड़ रुपये का व्यय होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा 2031-32 तक 6,67,200 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है।
भारत में कुल ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी
सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने आज राज्यसभा में बताया कि वर्तमान में भारत में कुल ऊर्जा में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी 5.8 फीसदी है। सरकार ने 2030 तक ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को 15 फीसदी तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
देश में इथेनॉल 100 ईंधन बिक्री
वहीं सदन में पूछे गए एक और सवाल के जवाब में, राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने राज्यसभा में कहा कि जैव ईंधन के उत्पादन के लिए चीनी और स्टार्च युक्त कृषि फसलों पर आधारित बायोमास के उपयोग ने किसानों को खाद्य प्रदाताओं से ऊर्जा प्रदाताओं में बदल दिया है। इथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2022-23 (नवंबर 2022 से अक्टूबर 2023) के लिए, पेट्रोल में लगभग 509 करोड़ लीटर इथेनॉल मिलाया गया है, जिसके परिणामस्वरूप 24,300 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है और किसानों की आय में वृद्धि हुई है। इसके अलावा, ई-20 ईंधन बेचने वाली बहुत बड़ी संख्या में खुदरा दुकानों के अलावा, चुनिंदा खुदरा दुकानों में फरवरी और मार्च 2024 में इथेनॉल 100 ईंधन की बिक्री शुरू की गई है।
भारत में भूजल संसाधनों का दोहन
आज सदन में भूजल के दोहन को लेकर पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में, जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी ने राज्यसभा में बताया कि सरकार इस तथ्य से परिचित है कि भारत दुनिया में भूजल के सबसे बड़े उपयोगकर्ताओं में से एक है। चौधरी ने आगे कहा, देश में अपनी आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए दुनिया के ताजे पानी के भंडार का लगभग चार फीसदी है, जो दुनिया के कुल का लगभग 17 फीसदी है। साल 2023 की भूजल संसाधन मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार, देश के लिए कुल वार्षिक निष्कर्षण योग्य भूजल संसाधन 407.21 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) और कुल वार्षिक भूजल निष्कर्षण 241.34 बीसीएम आंका गया है।
देश में जनजातीय समुदाय के बेरोजगार लोग
सदन में आज, पूछे गए एक सवाल के जवाब में, श्रम और रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने लोकसभा में आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि जनजातीय समुदाय के लिए सामान्य स्थिति पर अनुमानित बेरोजगारी दर (यूआर) 2019-20 में 3.4 फीसदी, 2020-21 में 2.7 फीसदी, 2021-22 में 2.4 फीसदी और 2022-23 में 1.8 फीसदी थी। करंदलाजे ने कहा कि पीएलएफएस रिपोर्ट अखिल भारतीय स्तर पर विभिन्न सामाजिक समूहों के लिए अनुमान लगाती है।