पक्षियों की मौत का कारण बन रहे हैं विंड टरबाइन

अमेरिका के 36 राज्यों में 6 साल तक किए गए अध्ययन में पाया गया है कि कई जगह विंड टरबाइन की वजह से रोजाना 3 पक्षियों की मौत हो जाती हैं
Photo: Ankur Paliwal
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पवन ऊर्जा के लिए लगाई जाने वाली विंड टरबाइन पक्षियों के लिए खतरा बन गई हैं। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां पक्षी रहते हैं, अगर उससे 400 मीटर के भीतर विंड टरबाइन लगे हैं तो औसतन रोजाना तीन पक्षियों की मौत हो जाती हैं।

यह अध्ययन एनर्जी साइंस में प्रकाशित हुआ है। यह अध्ययन शिकागो की द यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनोइस के शोधार्थियों ने किया है। इस टीम में शामिल अर्थशास्त्र की प्रोफेसर मधु खन्ना बताती हैं कि अध्ययन के बाद कुछ ऐसे तरीके भी सुझाए गए हैं, जिससे इन पक्षियों का जीवन बचाया जा सके।

खन्ना कहती हैं कि हमने पाया कि जहां पक्षी रहते हैं, उसके 400 मीटर के दायरे में लगी विंड टरबाइन पक्षियों के लिए सुरक्षित नहीं हैं। रोजाना औसतन तीन पक्षियों की जान चली जाती है, साथ ही पक्षियों के व्यवहार में भी परिवर्तन आ जाता है। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि विंड टर्बाइनों के अकेले अमेरिका में हर साल लगभग 150,000 पक्षी प्रभावित होते हैं। इसमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह के प्रभाव शामिल हैं। जैसे कि, टरबाइन के कारण पक्षी जान गंवा देते हैं या घायल हो जाते हैं या अपनी जगह बदल देते हैं। हालांकि जमीन पर विचरने वाले या ज्यादा ऊंचाई तक न उड़ने वाले पक्षियों पर विंड टरबाइन का असर नहीं होता।

शोधकर्ताओं ने संयुक्त राज्य अमेरिका में लगातार छह साल तक अध्ययन किया। इसमें यह अध्ययन किया गया कि जहां विंड टरबाइन लगाया गया है, उसकी लोकेशन कैसी है, आसपास रहने वाले पक्षियों की स्थिति कैसी है और वहां का मौसम कैसा रहता है। इस दौरान 2008 से 2014 के दौरान 36 राज्यों में लगे 1670 विंड टरबाइन और पक्षियों के 86 उड़न मार्गों को निरीक्षण किया गया।

ऑबर्न विश्वविद्यालय में कृषि अर्थशास्त्र के सहायक प्रोफेसर रुइकिंग मियाओ बताते हैं कि अध्ययन के दौरान यह भी देखा गया कि विंड टरबाइन यदि पक्षियों के उड़न मार्ग से दूर हैं तो क्या उससे भी पक्षियों को नुकसान पहुंचता है।

बताया गया है कि विंड टरबाइन की वजह से पक्षियों को होने वाले नुकसान का आकलन पहले भी किया गया है, लेकिन यह अध्ययन छोटी अवधि और छोटे इलाके में किया गया था, इस वजह से ठोस नतीजे सामने नहीं आ पाए थे।

इस नए अध्ययन में पाया गया कि यदि विंड टरबाइल की लंबाई कम हो और ब्लेड छोटे हैं तो पक्षियों को नुकसान कम होता है। इसके अलावा यह सुझाव दिया गया कि जहां पक्षी रहते हैं, वहां से कम से कम 1600 मीटर से ज्यादा दूरी पर विंड टरबाइन लगाए जाने चाहिए, इससे पक्षियों को नुकसान नहीं होगा।

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