सोलर रूफटॉप योजना: सोलर पैनल लगाने पर कितनी मिलेगी सब्सिडी, कैसे करें अप्लाई, यहां जानें

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार ग्रिड-कनेक्टेड रूफटॉप सोलर योजना (चरण- II) लागू कर रही है।
फोटो : विकिमीडिया कॉमन्स
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भारत में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने सोलर रूफ टॉप योजना भी शुरू की है। सोलर रूफटॉप सब्सिडी योजना देश में छतों पर सौर पैनलों को लगाने को बढ़ावा देने के लिए पहल की जा रही है। सोलर रूफटॉप योजना के माध्यम से देश में सौर ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

वहीं इस योजना के तहत सरकार उपभोक्ताओं को सोलर रूफटॉप लगाने के लिए सब्सिडी की सुविधा भी उपलब्ध करा रही है। इसके इस्तेमाल से बिजली की खपत कम होगी। सरकार का लक्ष्य 2022 तक 100 गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता हासिल करना है। इसमें से सरकार ने रूफटॉप सोलर पैनल से 40 गीगावाट ऊर्जा हासिल  करने का लक्ष्य रखा है।

सोलर रूफ टॉप योजना के तहत कितनी मिलेगी सब्सिडी?

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय रूफटॉप सोलर योजना के तहत घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाकर सौर ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए, मंत्रालय ग्रिड-कनेक्टेड रूफटॉप सोलर योजना (चरण- II) लागू कर रहा है। अगर आप 3 किलोवाट तक सोलर रूफटॉप पैनल लगाते हैं, तो आपको सरकार द्वारा 40 फीसदी सब्सिडी प्रदान की जाएगी और यदि आप 10 किलोवाट लगाते हैं तो आपको सरकार की ओर से 20 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी। यह योजना राज्यों में स्थानीय विद्युत वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) द्वारा कार्यान्वित की जा रही है।

सब्सिडी की राशि सोलर पैनल लगाने के 30 दिनों के भीतर डिस्कॉम द्वारा गृहस्वामी के खाते में जमा कर दी जाएगी।

सोलर रूफ टॉप लगाने में क्या ध्यान रखें?

मंत्रालय ने कहा है कि कुछ रूफटॉप सोलर कंपनियां/विक्रेता यह दावा करके रूफटॉप सोलर प्लांट लगा रहे हैं कि वे मंत्रालय द्वारा अधिकृत विक्रेता हैं। जबकि मंत्रालय द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि मंत्रालय द्वारा किसी भी विक्रेता को अधिकृत नहीं किया गया है। यह योजना राज्य में केवल डिस्कॉम द्वारा लागू की जा रही है। डिस्कॉम ने बोली प्रक्रिया के माध्यम से विक्रेताओं को सूचीबद्ध किया है और रूफटॉप सोलर लगाने के लिए दरें तय की हैं।

लगभग सभी डिस्कॉम ने इस उद्देश्य के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया जारी की है। एमएनआरई योजना के तहत रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने के इच्छुक आवासीय उपभोक्ता ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और सूचीबद्ध विक्रेताओं द्वारा रूफटॉप सोलर प्लांट लगवा सकते हैं। इसके लिए उन्हें वेंडर को निर्धारित दर के अनुसार मंत्रालय द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी राशि को कम करके रूफटॉप सोलर प्लांट की लागत का भुगतान करना होगा। जिसकी प्रक्रिया डिस्कॉम के ऑनलाइन पोर्टल पर दी गई है।

मंत्रालय द्वारा डिस्कॉम के माध्यम से विक्रेताओं को सब्सिडी राशि प्रदान की जाएगी। घरेलू उपभोक्ताओं को सूचित किया जाता है कि मंत्रालय की योजना के तहत सब्सिडी प्राप्त करने के लिए, उन्हें डिस्कॉम द्वारा अनुमोदन की उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए डिस्कॉम के पैनल में शामिल विक्रेताओं से ही रूफटॉप सोलर प्लांट लगवाने चाहिए।

पैनल में शामिल विक्रेताओं द्वारा लगाए जाने वाले सौर पैनल और अन्य उपकरण मंत्रालय के मानक और विनिर्देशों के अनुसार होंगे और इसमें विक्रेता द्वारा रूफटॉप सोलर प्लांट का 5 साल का रखरखाव भी शामिल होगा।

मंत्रालय ने सावधान करते हुए बताया है कि कुछ विक्रेता घरेलू उपभोक्ताओं से डिस्कॉम द्वारा निर्धारित दरों से अधिक कीमत वसूल रहे हैं, जो कि गलत है। उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे केवल डिस्कॉम द्वारा तय की गई दरों के अनुसार भुगतान करें। डिस्कॉम को ऐसे विक्रेताओं की पहचान करने और उन्हें दंडित करने का निर्देश दिया गया है।

सोलर रूफटॉप लगाने के लिए कैसे करें आवेदन?

सोलर रूफटॉप लगाने के लिए आपको इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा 

इसमें एक नया पेज खुलेगा जहां आपको अप्लाई फॉर सोलर रूफटॉप पर क्लिक करना है।

इसके उपरांत आपके सामने एक और नया पेज खुलेगा जहां आपको अपने राज्य के अनुसार लिंक का चयन करना होगा और उस पर क्लिक करना होगा।

इसके बाद आपके सामने फॉर्म खुल जाएगा, जिसमें सभी जरूरी जानकारियां भरनी होंगी।

सौर पैनल लगवाने के लाभ

सौर ऊर्जा को ऊर्जा का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है क्योंकि सौर पैनलों से ऊर्जा उत्पन्न करने में कोई प्रदूषण नहीं होता है।

सौरमंडल पूरी तरह से सूर्य के प्रकाश पर आधारित है।

सौर पैनलों से ऊर्जा बनाने के लिए कोयला, पेट्रोल और डीजल का उपयोग नहीं करना पड़ता है।

आप हर महीने बिजली बिल पर भी बचत कर सकते हैं।

कार्बन फुटप्रिंट कम करता है

सौर पैनल बिजली उत्पन्न करने के लिए सूर्य के प्रकाश का उपयोग करते हैं। इसलिए, वे ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों की तुलना में पर्यावरण के लिए कम प्रदूषण पैदा करते हैं। एक जनरेटर के विपरीत, वे बिना किसी शोर के चलते हैं और हानिकारक गैसों का कम उत्सर्जन करते हैं। इसके अलावा, यह ऊर्जा का एक अच्छा स्रोत है जो जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करता है। इस प्रकार, रूफटॉप सोलर आदर्श है क्योंकि यह कार्बन फुटप्रिंट्स को कम करता है।

भारतीय जलवायु के लिए उपयुक्त

रूफटॉप सोलर पैनल सूरज की रोशनी का इस्तेमाल इसे बिजली में बदलने के लिए करते हैं। भारत एक आदर्श भौगोलिक स्थिति में स्थित है और पर्याप्त उष्णकटिबंधीय धूप हासिल होती है। भारत में हर साल लगभग 300 धूप वाले दिन साफ आसमान होता हैं। इस प्रकार रूफटॉप सौर पैनल यहां उपयोग करने के लिए आदर्श हैं।

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