रेगिस्तान में सौर पैनल बिजली के साथ-साथ जलवाष्प खींच कर फसलें भी उगाएंगे: शोध

प्रयोग के दौरान सौर पैनलों ने 1,519 वाट प्रति घंटे बिजली उत्पन्न की साथ ही दो सप्ताह की अवधि में हाइड्रोजेल से लगभग 2 लीटर पानी भी जमा किया
फोटो : सेल रिपोर्ट्स फिजिकल साइंस जर्नल
फोटो : सेल रिपोर्ट्स फिजिकल साइंस जर्नल
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दुनिया भर में लगभग 2 अरब लोगों को सुरक्षित पीने के पानी की कमी है। 80 करोड़ लोगों के पास बिजली तक पहुंच नहीं है और 70 करोड़ लोग भुखमरी में जी रहे हैं। 2030 तक संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) के लक्ष्यों को हासिल करना काफी हद तक इस बात पर निर्भर करेगा कि अरबों लोग जिनकी आजीविका बहुत कम है इसको कैसे बढ़ाया जाए। जिनमें से अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं और जिनमें से 30 करोड़ अफ्रीका, दक्षिण-एशिया और मध्य पूर्व में शुष्क या अर्ध-शुष्क जलवायु वाले इलाकों में रहते हैं। 

बिजली और पानी की समस्या को दूर करने के लिए अब वैज्ञानिक नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। इसी क्रम में वैज्ञानिकों ने सऊदी अरब में एक अनोखे हाइड्रोजेल का उपयोग करके, सौर ऊर्जा से चलने वाली प्रणाली बनाई है। यह प्रणाली बिजली पैदा करते समय हवा से खींचे गए पानी का उपयोग करके पालक उगाने में मदद करती है। यह प्रणाली शुष्क जलवायु वाले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए भोजन और पानी की सुरक्षा में सुधार के लिए एक स्थायी, कम लागत वाली सुविधा प्रदान करती है।

प्रोफेसर पेंगवांग कहते हैं कि दुनिया की आबादी के एक हिस्से के पास अभी भी स्वच्छ पानी या ऊर्जा तक पहुंच नहीं है। उनमें से कई शुष्क या अर्ध-शुष्क जलवायु वाले ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं। पेंगवांग किंग अब्दुल्ला विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में पर्यावरण विज्ञान और इंजीनियरिंग के प्रोफेसर हैं। उन्होंने कहा हमारा डिजाइन स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग करके हवा से पानी बनाता है जो रेगिस्तानी और समुद्री द्वीपों जैसे दूरस्थ इलाकों, छोटे स्तर पर खेती किए जाने के लिए उपयुक्त है।

यह जिसे जल-बिजली-फसल सह-उत्पादन प्रणाली (डब्ल्यूईसी2पी) कहा जाता है। यह हाइड्रोजेल की एक परत के ऊपर स्थित एक सौर फोटोवोल्टिक पैनल से बना होता है। जो पानी को इकट्ठा करने के लिए एक बड़े धातु के बक्से के ऊपर लगाया जाता है। वांग और उनकी टीम ने अपने पूर्व शोध में हाइड्रोजेल विकसित किया, यह परिवेशी वायु से जल वाष्प को प्रभावी ढंग से अवशोषित कर सकती है और गर्म होने पर पानी की मात्रा पीछे छूट जाती है।

शोधकर्ताओं ने हाइड्रोजेल से अवशोषित पानी को बाहर निकालने के लिए बिजली पैदा करते समय सौर पैनलों से अवशोषित अतिरिक्त गर्मी का उपयोग किया। नीचे दिया गया धातु का डिब्बा वाष्प को इकट्ठा करता है और गैस को पानी में बदलता है। वैकल्पिक रूप से, हाइड्रोजेल गर्मी को अवशोषित करके और पैनलों के तापमान को कम करके सौर फोटोवोल्टिक पैनलों की दक्षता को 9 फीसदी तक बढ़ा देता है।

टीम ने जून में जब मौसम बहुत गर्म था, दो सप्ताह के लिए सऊदी अरब में डब्ल्यूईसी2पी का उपयोग करके पौधे उगाने का परीक्षण किया। उन्होंने हवा से एकत्र किए गए पानी का इस्तेमाल प्लास्टिक के डिब्बे में लगाए गए पौधों को उगाने और सिंचाई के लिए किया। जिनमें पालक के 60 बीज लगाए गए। प्रयोग के दौरान, सौर पैनल, एक डेस्क के शीर्ष के समान आकार के साथ, कुल 1,519 वाट प्रति घंटे बिजली उत्पन्न की और 60 में से 57 पालक के बीज अंकुरित हुए। कुल मिलाकर, दो सप्ताह की अवधि में हाइड्रोजेल से लगभग 2 लीटर पानी जमा किया गया।  

वांग कहते हैं हमारा लक्ष्य स्वच्छ ऊर्जा, पानी और खाद्य उत्पादन की एक एकीकृत प्रणाली बनाना है। विशेष रूप से हमारे डिजाइन में पानी उत्पन्न करने वाले भाग, जो हमें वर्तमान एग्रोफोटोवोल्टिक्स से अलग करता है। प्रूफ-ऑफ-कॉन्सेप्ट डिजाइन को वास्तविक उत्पाद में बदलने के लिए, टीम एक बेहतर हाइड्रोजेल बनाने की योजना बना रही है जो हवा से अधिक पानी को अवशोषित कर सके।

वांग ने कहा कि यह सुनिश्चित करना कि पृथ्वी पर हर किसी के पास स्वच्छ पानी और सस्ती स्वच्छ ऊर्जा तक पहुंच होने संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्यों का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि हमारे डिजाइन घरों और फसलों के लिए पानी और बिजली की व्यवस्था हो सकती है। यह शोध सेल रिपोर्ट्स फिजिकल साइंस जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

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