राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस: एलईडी बल्ब और ट्यूब लाइट अपनाने से सालाना 12 करोड़ टन से ज्यादा सीओ2 पर लगाम लगी

पहला राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस 14 दिसंबर, 1991 को मनाया गया था, तब से, 14 दिसंबर ऊर्जा की बचत के बारे में जागरूकता बढ़ाने का दिन बन गया है।
राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस का एक मुख्य आकर्षण राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार (एनईसीए) है, जिसे विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीई ई ) द्वारा बनाया गया है।
राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस का एक मुख्य आकर्षण राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार (एनईसीए) है, जिसे विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीई ई ) द्वारा बनाया गया है। फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स, केनुओने
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ऊर्जा दक्षता किसी भी राष्ट्र के सतत विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारत में स्थिरता के प्रति इस समर्पण को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसे हर साल 14 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन इस बारे में जागरूकता बढ़ाने का दिन है कि ऊर्जा की बचत क्यों जरूरी है।

ऊर्जा संरक्षण का मतलब है बेहतर तरीकों और तकनीकों को अपनाकर ऊर्जा का कम उपयोग करना। यह एक ऐसी चीज है जिसमें सभी को भाग लेना चाहिए और इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हर दिन ऊर्जा का उपयोग कैसे किया जाता है। ऐसा करके भविष्य के लिए संसाधनों को बचाया जा सकता हैं और पर्यावरण की रक्षा में मदद की जा सकती है।

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस की शुरुआत 1991 में हुई थी जब भारत सरकार ने ऊर्जा को बचाने और बेहतर प्रबंधन की जरूरत पर गौर किया। ऊर्जा मंत्रालय ने लोगों और व्यवसायों को ऊर्जा को बचाने की तरीकों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए इस विचार को शुरू किया।

पहला राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस 14 दिसंबर, 1991 को मनाया गया था, तब से, 14 दिसंबर ऊर्जा की बचत के बारे में जागरूकता बढ़ाने का दिन बन गया है। इस दिन को ऊर्जा मंत्रालय के तहत ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) द्वारा समर्थित किया जाता है, जो ऊर्जा का सही से उपयोग करने के लिए देश की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस का एक मुख्य आकर्षण राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार (एनईसीए ) है, जिसे विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) द्वारा बनाया गया है। 1991 में शुरू किए गए ये पुरस्कार उन कंपनियों और संगठनों की कड़ी मेहनत का जश्न मनाते हैं जिन्होंने अपनी दक्षता को बनाए रखते हुए या उसमें सुधार करते हुए ऊर्जा के उपयोग को बहुत कम कर दिया है।

हर साल 14 दिसंबर को महत्वपूर्ण अतिथि ये पुरस्कार प्रदान करते हैं। समय के साथ, एनईसीए एक महत्वपूर्ण आयोजन बन गया है जो ऊर्जा संरक्षण को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के बीच प्रतिस्पर्धा और नए विचारों को प्रोत्साहित करता है।

साल 2024 के राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार 14 दिसंबर, 2024 को ऊर्जा संरक्षण दिवस समारोह के दौरान दिए जाएंगे। यह विशेष कार्यक्रम पूरे भारत से अभिनव और प्रभावी परियोजनाओं को सामने लाएगा, जो दिखाएगा कि कैसे संगठन ऊर्जा दक्षता में सुधार कर रहे हैं और पर्यावरण की मदद कर रहे हैं।

सभी के लिए किफायती एलईडी (उजाला) द्वारा उन्नत ज्योति

भारत सरकार के द्वारा पांच जनवरी 2015 को सभी के लिए किफायती एलईडी (उजाला) कार्यक्रम द्वारा उन्नत ज्योति का शुभारंभ किया गया। उजाला योजना के तहत, पारंपरिक और अकुशल वेरिएंट के प्रतिस्थापन के लिए घरेलू उपभोक्ताओं को एलईडी बल्ब, एलईडी ट्यूब लाइट और ऊर्जा कुशल पंखे बेचे जा रहे हैं।

पूरे भारत में, ईईएसएल द्वारा 36.87 करोड़ एलईडी बल्ब और 72 लाख एलईडी ट्यूब लाइट वितरित किए गए हैं। प्रकाश उद्योग के आंकड़ों के अनुसार, ईईएसएल द्वारा वितरित बल्ब और ट्यूब लाइट के अलावा, निजी उद्योग द्वारा लगभग 382 करोड़ एलईडी बल्ब और 151 करोड़ एलईडी ट्यूब लाइट बेची गई हैं।

इसके चलते हर 176.2 बिलियन किलोवाट ऊर्जा की बचत हुई है, हर साल 12.5 करोड़ टन सीओ 2, ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी आई है और उपभोक्ता बिजली बिलों में अनुमानित 70,477 करोड़ रुपये की सालाना बचत हुई है।

स्ट्रीट लाइटिंग राष्ट्रीय कार्यक्रम (एसएलएनपी)

भारत सरकार के द्वारा पांच जनवरी 2015 को जारी की गई एक और योजना, स्ट्रीट लाइटिंग नेशनल प्रोग्राम (एसएलएनपी) के तहत भारत भर में पारंपरिक स्ट्रीट लाइटों की जगह स्मार्ट और ऊर्जा कुशल एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाने की घोषणा की गई।

आज तक, ईईएसएल ने पूरे भारत में यूएलबी और ग्राम पंचायतों में 1.30 करोड़ से अधिक एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाई हैं। इसके चलते हर साल 8.76 बिलियन किलोवाट घंटे की ऊर्जा की बचत हुई है, जिससे 1,459 मेगावाट की पीक मांग कम हुई है, हर साल 60 लाख टन सीओ 2 की जीएचजी उत्सर्जन में कमी आई है और नगर पालिकाओं के बिजली बिलों में 6,130 करोड़ रुपये की सालाना बचत हुई है।

प्रदर्शन, उपलब्धि और व्यापार (पीएटी) योजना

प्रदर्शन, उपलब्धि और व्यापार (पीएटी) योजना ऊर्जा गहन उद्योगों में ऊर्जा में कमी लाने के लिए बनाई गई एक प्रणाली है और इसे विशिष्ट ऊर्जा खपत (एसईसी) में कमी लाने की अवधारणा पर बनाया गया है। इस कार्यक्रम से सालाना 55,000 करोड़ रुपये की ऊर्जा की बचत हुई है और करीब 11 करोड़ टन सीओ2 उत्सर्जन से बचा जा सका है।

“गो इलेक्ट्रिक” अभियान

विद्युत मंत्रालय ने 19 फरवरी 2021 को “गो इलेक्ट्रिक” अभियान शुरू किया। इस अभियान का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) अपनाने के फायदों के बारे में जनता के बीच जागरूकता पैदा करना है, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों और इलेक्ट्रिक कुकिंग की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा की गई विभिन्न पहल शामिल हैं।

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