झारखंड: धनबाद के झरिया में खदान धंसने से दो की मौत, कई घायल

बताया जा रहा है कि झरिया के भौरा इलाके में अवैध तरीके से कोयला खनन किया जा रहा था। इसी दौरान चाल धंसने की घटना हुई
झारखंड के झरिया के भौरा इलाके में कोयला खनन करते वक्त चाल धंसने से कई लोग दब गए। फोटो: आनंद दत्त
झारखंड के झरिया के भौरा इलाके में कोयला खनन करते वक्त चाल धंसने से कई लोग दब गए। फोटो: आनंद दत्त
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झारखंड के जिला धनबाद के झरिया में एक बार फिर कोयला खदान धंसने की घटना सामने आई है। इसमें दो लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों में एक दस साल का बच्चा भी शामिल है। वहीं कई अन्य लोगों के घायल होने की बात कही जा रही है।

बताया जा रहा है कि झरिया के भौरा इलाके में अवैध तरीके से कोयला खनन किया जा रहा था। इसी दौरान चाल धंसने की घटना हुई, जिसमें मदन प्रसाद (25 साल) और जितेंद्र यादव (10 साल) की मृत्यु हो गई। वहीं घायलों के नाम अभी सामने नहीं आ पाए हैं।

घटना से नाराज मृतकों के परिजन भौरा इलाके के भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) एरिया कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। वह प्रबंधन से मुआवजे की मांग कर रहे हैं।

धनबाद एसएसपी संजीव कुमार ने बताया कि भौरा में बीसीसीएल के ओपन कास्ट माइंस हैं। ऐसे में हमने बीसीसीएल प्रबंधन से पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी है। पुलिस ने फिलहाल एक डेड बॉडी रिकवर की है और तीन लोगों के घायल होने की सूचना हमें मिली है।

उन्होंने यह भी बताया कि फिलहाल जांच चल रही है। रिपोर्ट आने के बाद यह देखा जाएगा कि किसकी लापरवाही से यह घटना घटी है। दोषियों के खिलाफ पुलिस एफआईआर दर्ज करेगी।

वहीं, घटना स्थल पर मौजूद स्थानीय पत्रकार राजेंद्र बोरा के मुताबिक कुल तीन लोग मरे हैं और पांच घायल हुए हैं। मृतकों में एक महिला भी शामिल है, लेकिन उसके परिजन उसकी बॉडी लेकर फरार हो गए हैं।

उन्होंने आगे बताया कि पुलिस के सामने डेड बॉडी निकाली गई, घायलों को निकाला गया, लेकिन कोई एफआईआर या पोर्स्टमार्टम नहीं हुआ। हमेशा से यही होता आया है।

भौरा कोल माइंस भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) के भौरा कोलियरी क्षेत्र में है। ग्रामीणों के अनुसार सैकड़ों की संख्या में लोग सुबह इस इलाके में अवैध खनन करते हैं। अवैध खनन के दौरान आज जोरदार आवाज के साथ चाल धंस गई। अवैध खनन कर रहे लोग भागने लगे। इसी दौरान तीन लोगों की मौत हो गई। डीएसपी अभिषेक कुमार ने कहा, मारे गए लोगों की सही संख्या और घायलों की संख्या का पता लगाया जा रहा है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि जब खदान धंसी तो इलाके के कई लोग यहां अवैध खनन में लगे थे। स्थानीय लोगों की मदद से तीन लोगों को मलबे से बाहर निकाला गया और अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया भौरा थाने के इंस्पेक्टर बिनोद उरांव ने कहा कि बचाव कार्य जारी है। अभी घायल और मृतकों की संख्या के विषय में कुछ कहना जल्दबाजी होगी।

क्यों धंस रही है जमीन ?
जमीन धंसने के पीछे की बड़ी वजह है खनन वाले क्षेत्र पर खनन के बाद भी उन सारी प्रक्रियाओं का पालन नहीं करना जिसका कोल कंपनियां दावा करती हैं। कोयला निकालने का काम बंद होने के बाद उसे बालू या फ्लाई ऐश से भरा जाना चाहिए। खदान को उसी तरह खुला छोड़कर खनन कंपनियां वहां से निकल जाती हैं। इन जगहों पर फिर कब्जा होता है, अवैध खनन करने वाले गिरोह का।

इससे पहले बीते साल 18 नवंबर को धनबाद के निरसा में ईसीएल मुगमा क्षेत्र अंतर्गत कापासारा आउटसोर्सिंग कोलियरी में भी इसी तरह का हादसा हुआ था। पहले खबर आई कि वहां 25 से 30 मजदूर फंसे हैं। पुलिस ने जांच के बाद कहा, यहां कोई नहीं है और खदान को ऊपर से भर दिया गया।

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