सरकार का जवाब, युवाओं में स्ट्रोक के बढ़ते मामलों व मौतों के आंकड़े नहीं हो रहे हैं एकत्र

संसद में आज देश में स्ट्रोक की वजह से हो रही मौतों के मामले में सरकार से जवाब मांगा गया
फोटो साभार: आईस्टॉक
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बजट सत्र के दौरान आज 11 फरवरी 2025 को देश में स्ट्रोक के बढ़ते मामलों को लेकर सदन में उठाए गए सवाल के जवाब में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने बताया कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने बताया है कि आईसीएमआर ने युवाओं में स्ट्रोक के बढ़ते मामलों और मौतों के रुझान पर आंकड़े एकत्र नहीं किए हैं।

हालांकि राष्ट्रीय रोग सूचना और अनुसंधान केंद्र ने लोगों में स्ट्रोक के मामलों का अनुमान लगाने के लिए मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सहयोग से लुधियाना, डिब्रूगढ़, कोटा, वाराणसी, कटक, कछार और तिरुनेलवेली में आबादी आधारित शहरी और ग्रामीण रजिस्ट्री की है।

राष्ट्रीय रोग सूचना और अनुसंधान केंद्र 38 अस्पताल-आधारित रजिस्ट्री भी कर रहा है। ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज अध्ययन के अनुसार, भारत में स्ट्रोक की घटना दर 1990 से 2019 तक 30.1 फीसदी (26.5 से 33.7) बढ़ी है।

देश में सौर ऊर्जा क्षमता

सदन में उठाए गए एक और सवाल के जवाब में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और बिजली राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने राज्यसभा में बताया कि केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) की मासिक नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2024 से दिसंबर 2024 की अवधि के लिए देश में कुल नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में सौर ऊर्जा की हिस्सेदारी 32.43 फीसदी है।

भारत में सौर ऊर्जा नीति और उसका क्रियान्वयन

एक अन्य सवाल के जवाब में नाइक ने कहा कि घरेलू उपयोग के लिए सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना (पीएम-एसजीएमबीवाई) की घोषणा की है।

इस योजना का लक्ष्य वित्त वर्ष 2026-27 तक आवासीय क्षेत्र के एक करोड़ घरों में रूफटॉप सोलर (आरटीएस) स्थापित करना है। छह फरवरी, 2025 तक देश भर में राष्ट्रीय पोर्टल पर कुल 1.71 करोड़ पंजीकरण, 45.15 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा इस योजना के तहत रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन के माध्यम से 8.86 लाख आवासीय घरों को लाभ पहुंचाया गया है।

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन

एक और सवाल के जवाब में नाइक ने कहा कि 31 दिसंबर 2024 तक, देश में कुल 209.44 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित की जा चुकी है। इसके अलावा लगभग 167.21 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं कार्यान्वयन के चरण में हैं और 79.27 गीगावाट की परियोजनाओं के लिए निविदाएं आमंत्रित की जा चुकी हैं।

देश में सौर ऊर्जा से बिजली

एक और जवाब में नाइक ने राज्यसभा में कहा, फिलहाल, देश के हर गांव में हर घर को सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली उपलब्ध कराने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

हालांकि एक करोड़ घरों के लिए छत पर सौर ऊर्जा स्थापित करने के लिए पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना, पीएम-कुसुम और नई सौर ऊर्जा योजना (आदिवासी और पीवीटीजी बस्तियों व गांवों के लिए) को लागू किया जा रहा है।

इसका उद्देश्य कर्नाटक सहित देश भर में घरों और खेतों में सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा सके। इन योजनाओं को संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की राज्य कार्यान्वयन एजेंसियों द्वारा लागू किया जा रहा है।

खुरपका और मुंहपका रोग (एफएमडी)

आज, सदन में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री ने लोकसभा में कहा कि पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एलएचडीसीपी) के तहत, संबंधित योजना यानी एलएचडीसीपी के परिचालन दिशा-निर्देशों के अनुसार गतिविधियों के लिए देश के किसी भी क्षेत्र के सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को एफएमडी के नियंत्रण और उन्मूलन के लिए 100 फीसदी सहायता प्रदान की जाती है।

जहां तक एफएमडी मुक्त क्षेत्र का सवाल है, यह केवल एक मध्यवर्ती चरण व उपाय है जिसका लक्ष्य जरूरतों के आधार पर गौर करना है। अब तक, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और उत्तराखंड जैसे नौ राज्यों को एफएमडी मुक्त बनाने के लिए विशेष ध्यान देने के लिए शामिल किया गया है।

देश के ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक वाहन

ग्रामीण इलाकों में इलेक्ट्रिक वाहन को लेकर सदन में उठाए गए एक सवाल के जवाब में आज, भारी उद्योग राज्य मंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने लोकसभा में बताया कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के ई-वाहन पोर्टल के अनुसार, आठ फरवरी 2025 तक कुल पंजीकृत ईवी 56.75 लाख और कुल पंजीकृत वाहन 3,897.71 लाख हैं।

वर्मा ने पीएम ई-ड्राइव योजना ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों सहित अखिल भारतीय स्तर पर ई-2डब्ल्यू और ई-3डब्ल्यू के लिए लक्षित सब्सिडी और मांग प्रोत्साहन के माध्यम से इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की पहुंच और सामर्थ्य सुनिश्चित की जाती है। इस योजना में देश भर में ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना के लिए 2,000 करोड़ रुपये का आवंटन भी किया गया है और ईवी खरीदारों के बीच रेंज की चिंता के मुद्दे को हल किया गया है।

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