राज्य सभा में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में रसायन और उर्वरक मंत्रालय में राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने बताया कि सरकार ने देश में 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को ड्रोन देने का निर्णय लिया। इसके लिए भारत सरकार ने 'नमो ड्रोन दीदी' योजना शुरू की। इस योजना के तहत उर्वरक कंपनियों द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों की नमो ड्रोन दीदियों को 1094 ड्रोन उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे ड्रोन के माध्यम से नैनो उर्वरकों का अधिक से अधिक उपयोग सुनिश्चित हो रहा है।
उन्होंने बताया कि देश में 26.62 करोड़ बोतलों (500 मिलीलीटर प्रत्येक) की वार्षिक क्षमता वाले छह नैनो यूरिया संयंत्र और 10.74 करोड़ बोतलों (500/1000 मिलीलीटर प्रत्येक) की वार्षिक क्षमता वाले चार नैनो डीएपी संयंत्र स्थापित किए गए हैं। साथ ही, देश में नैनो यूरिया के उत्पादन को बढ़ाने के उद्देश्य से उर्वरक विभाग ने अपने राष्ट्रीय उर्वरक लिमिटेड (एनएफएल) और राष्ट्रीय रसायन और उर्वरक लिमिटेड (आरसीएफ) को नैनो यूरिया संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया है।
भारत में रूफटॉप सोलर की स्थिति
संसद के मॉनसून सत्र के दूसरे हफ्ते का दूसरे दिन देश में रूफटॉप सोलर को लेकर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा और बिजली राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने राज्यसभा में बताया कि पीएम-सूर्य घर के तहत मुफ्त बिजली योजना 13 फरवरी, 2024 को शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य एक करोड़ घरों में छत पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करना है। इस योजना के लिए कुल वित्तीय परिव्यय 75,021 करोड़ रुपए है।
नाइक ने बताया कि इस योजना के पोर्टल् पर 26 जुलाई 2024 तक 1.29 करोड़ उपभोक्ता पंजीकरण करा चुके हैं और इनमें से 15.27 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं।
नाइक ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सौर कार्यक्रम के दूसरे चरण के अंतर्गत घरों में ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सौर प्रणालियां स्थापित करने के लिए मंत्रालय द्वारा कुल 3,135.39 करोड़ रुपये की केंद्रीय वित्तीय सहायता जारी की गई है।
पवन और सौर ऊर्जा का विस्तार
एक और सवाल के जवाब में, श्रीपद येसो नाइक ने राज्यसभा में कहा कि देश ने विशेष रूप से सौर और पवन ऊर्जा के क्षेत्रों में अक्षय ऊर्जा स्थापित क्षमता के विस्तार में उल्लेखनीय प्रगति की है। सौर ऊर्जा स्थापित क्षमता 2014 में 2.82 गीगावाट से बढ़कर 30, जून 2024 तक 85.47 गीगावाट हो गई है। पवन ऊर्जा क्षमता 2014 में 21.04 गीगावाट से बढ़कर 30, जून 2024 तक 46.66 गीगावाट हो गई है।
राजस्थान में पीएम-कुसुम योजना
सदन में आज एक और प्रश्न के उत्तर में, राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने राज्यसभा में बताया कि प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) के तहत, आज तक, योजना के हिस्से 'बी' के तहत राजस्थान में कुल 74,131 सौर पंप स्थापित किए गए हैं।
नाइक ने कहा, योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार, केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) द्वारा अधिसूचित डार्क जोन या ब्लैक जोन या अति-दोहित वाले इलाकों में नए पंप स्थापित करने की अनुमति नहीं है। हालांकि मौजूदा स्टैंडअलोन डीजल पंपों को इन क्षेत्रों में स्टैंडअलोन सोलर पंपों के साथ बदलाव किया जा सकता है, बशर्ते वे पानी बचाने के लिए सूक्ष्म सिंचाई तकनीकों का उपयोग करें।
क्या देश में बढ़ रही हैं गंभीर बीमारियां?
आज, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने राज्यसभा में बताया कि 2017 में प्रकाशित आईसीएमआर की अध्ययन रिपोर्ट “भारत: राष्ट्र के राज्यों का स्वास्थ्य” से पता चला था कि भारत में गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) के कारण होने वाली मौतों का अनुपात 1990 में 37.9 फीसदी से बढ़कर 2016 में 61.8 हो गया है।
देश में कितने एचआईवी रोग?
सदन में एचआईवी को लेकर पूछे गए एक अन्य प्रश्न के उत्तर में आज, राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने राज्यसभा को बताया कि एचआईवी के साथ जी रहे वे लोग जिनकी सीडी4 गिनती 200 सेल या एमएम3 से कम है या डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित क्लिनिकल स्टेज तीन या चार है) की पहचान एडवांस एचआईवी रोगी (एएचडी) के रूप में की जाती है, ताकि उन्हें तत्काल देखभाल या उपचार मुहैया कराए जा सके।
जाधव ने बताया कि देश में जून 2024 तक 3.17 एचआईवी मरीजों को एएचडी की श्रेणी में रखा गया है। बिहार में इनकी संख्या लगभग 5,600 है।
देश में जीका वायरस के मामले
सदन में आज उठाए गए एक सवाल के जवाब में, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने राज्यसभा में बताया कि देश में 2017 से 22 जुलाई, 2024 तक कुल 537 जीका वायरस के मरीज सामने आए।
पटेल ने कहा, भारत सरकार ने ‘जीका वायरस रोग के प्रबंधन के लिए कार्य योजना’तैयार की है। इस योजना में बीमारी के प्रकोप से निपटने के लिए उठाए जाने वाले विभिन्न सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यों पर विस्तृत मार्गदर्शन दिया गया है। पटेल ने कहा कि इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया है और इसे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट पर भी उपलब्ध कराया गया है।