किन्नौर में बने पावर प्रोजेक्टों का दंश झेल रहे यहां के युवाओं ने भविष्य में प्रस्तावित पावर प्रोजेक्टों के खिलाफ एक आंदोलन शुरू किया है। भविष्य में बनने वाले बड़े-बड़े पावर प्रोजेक्ट के खिलाफ मुखर हो चुके किन्नौर के युवाओं ने हाल ही में मंडी लोकसभा के उपचुनावों के विरोध करने का फैसला लिया है।
पावर प्रोजेक्टों के खिलाफ चलाई जा रही "नो मीन्स नो" मुहिम के तहत युवाओं ने सरकार और राजनीतिक दलों को जंगी ठोपन में प्रस्तावित 960 मेगावाट की परियोजना को निरस्त करने की मांग की है।
यदि ऐसा तुरंत नहीं होता है तो युवा आगामी उपचुनावों में विरोध स्वरूप नोटा का बटन दबाने के लिए 23 अक्टूबर से एक जन जागरण अभियान शुरू करने जा रहे हैं।
रारंग ग्राम पंचायत समिति के उपाध्यक्ष सुंदर सिंह नेगी ने डाउन टू अर्थ को बताया कि किन्नौर में बने पावर प्रोजेक्ट से हमें बहुत नुकसान उठाना पड़ा है इसलिए अब हम इसे और नहीं सहेंगे। इसके लिए हम अब प्रस्तावित पावर प्रोजेक्ट का पूरजोर विरोध कर रहे हैं।
30 अक्टूबर को मंडी लोकसभा क्षेत्र में उपचुनाव प्रस्तावित हैं।
हमने हिमाचल के मुख्यमंत्री और सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं और प्रत्याशियों से मिलकर इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखने के लिए कोशिशें की गई लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला है। इसलिए अब हम इन उपचुनावों में विरोधस्वरूप नोटा का प्रयोग करेंगे।
गौरतलब है कि पावर प्रोजेक्ट के खिलाफ नो मीन्स नो मुहिम को चलाने वाले युवाओं ने चुनावों के प्रचार के लिए आने वाली राजनीतिक दलों और उनके प्रत्याशियों से पावर प्राजेक्ट के मुद्दों पर अपना पक्ष रखने की मांग की लेकिन दोनों की बड़ी पार्टियों की ओर से किन्नौर के लोगों को कोई स्पष्ट पक्ष नहीं रखा गया।
इसके अलावा युवाओं ने अपना ज्ञापन दोनों ही राजनीतिक दलों कांग्रेस और भाजपा के मुख्यालयों में भेजा लेकिन इसका भी कोई जवाब नहीं आया।
इसके चलते अब किन्नौर के युवाओं ने चुनावों में नोटा के पक्ष में अभियान चलाने का फैसला लिया है।
किन्नौर के युवाओं का कहना है कि वे लोगों के घरों में जाकर इन उपचुनावों में नोटा का प्रयोग करने की मांग करेंगे।
किनौर के जंगी ठोपन में प्रस्तावित पावर प्रोजेक्ट की वजह से मुख्यतः जंगी, रारंग, स्पीलो, आकपा मूरंग और कानम पंचायतों के हजारों लोग प्रभावित होंगे।
इन पंचायतों की ओर से पावर प्रोजेक्ट के खिलाफ संघर्ष समितियों का गठन किया गया है।
साथ ही किन्नौर में प्रस्तावित सभी नए पावर प्रोजेक्ट के खिलाफ जिले की 30 पंचायतों की ओर से ग्रामसभाओं के माध्यम से पावर प्रोजेक्टों के खिलाफ प्रस्ताव पास करके सरकार को भेजा गया है।
पावर प्रोजेक्टों के खिलाफ विरोध जताने के लिए चुनावों में नोटा का प्रयोग करने के लिए किन्नौर के युवाओं की ओर से शुरू की गई यह नई पहल पूरे देश में एक नई पहल सिद्ध होगी।