सिंगरौली में फिर से पावर प्लांट का बांध टूटा, लोग बहे और फसल बर्बाद

सिंगरौली में सासन पावर प्लांट के बांध से राख युक्त मलबे से लगभग हजार एकड़ फसल और खेत तबाह हो गया है। अबतक यहां दो लोगों की मौत हो गई और चार लापता हैं
बांध टूटने के बाद राख से भरा पानी इस तरह बहने लगा। फोटो: मनीष चंद्र मिश्र
बांध टूटने के बाद राख से भरा पानी इस तरह बहने लगा। फोटो: मनीष चंद्र मिश्र
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मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले के सिद्धकला गांव के भैया राम के परिवार पर सासन पावर प्लांट शुक्रवार को कहर बनकर टूटा। शाम में राखड़ बांध (फ्लाइ ऐश डैम) टूटने से उनकी झोपड़ी में में तेज बहाव के साथ राख युक्त पानी घुसा जिसके बाद से उनकी पत्नी चूनकुमार और बेटा अभिषेक (8) और बहन सीता कुमारी (9) लापता हो गए। इस हादसे के बाद से तीन वर्ष का अंकित कुमार और उनके पिता दिनेश भी नहीं मिल रहे हैं। इस हादसे में अबतक दो लोगों के मृत्यु की पुष्टि हुआ है और पांच लोग अभी भी लापता हैं।

सिंगरौली में पावर प्लांट की वजह से यह कोई पहला हादसा नहीं है। महज 6 महीने पहले इस जिले के एनटीपीसी का बांध टूटने से ऐसी ही तबाही मची थी। वर्ष 2019 में ही अगस्त में अस्सार पाव प्लांट का बांध टूटा था जिसमें 198 एकड़ फसल खराब हुई थी। अप्रैल 2014 में इस प्लांट से ही राख निकलने की वजह से जो खेत खराब हुए थे अब भी बंजर ही रह गए।

इसबार फिर बांध टूटने से राख से भरे पानी का सैलाब आसपास के रहवासी इलाके में घुस गया। सिंगरौली जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर सिद्धीकला गांव में बने इस प्लांट के आसपास हजारों एकड़ की खेती है। स्थानीय कार्यकर्ता संदीप शाह ने डाउन टू अर्थ से बाचतीच में कहा कि कम से कम एक हजार एकड़ की खड़ी फसल में टनों राख भर गया है। वहीं, लगभग दो दर्जन से ऊपर घरों में डैम का मलबा पूरी तरह भर चुका है। 3 से 4 फीट मलबे की परत जम गई है।

बांध के पास बह रहे गोहबइया नदी में भी राख युक्त पानी घुस गया। ग्रामीणों के मुताबिक ऐश डैम का मलबा नालियों से होते हुए रेणुका नदी पर बने रिहंद बांध में चला गया है। इस बांध से सिंगरौली-सोनभद्र के लगभग 20 लाख लोगों को पीने की पानी की सप्लाई होती है।

हालांकि मौके पर पहुंचे प्रशासन की टीम का कहना है कि 200 एकड़ की फसल और चार-पांच घरों पर इसका असर हुआ है। कलेक्टर केवीएस चौधरी ने बताया कि हादसे की जांच के आदेश दिए गए हैं। लापता लोगों को बनारस से आई एनडीआरएफ की टीम खोज रही है।

इस हादसे की आशंका ग्रामीणों को बीते कई महीनों से थी। संदीप शाह अक्टूबर 2019 में रिलायंस के इसी पावर प्लांट के मेन गेट के बाहर कई मांगों को लेकर धरने पर बैठे थे। उसमें एक मांग यह भी थी कि सिद्धीखुर्द में रिलायंस पावर प्रोजेक्ट के डैमेज ऐश डैम को ठीक कराया जाये अन्यथा इससे बहुत बड़ा हादसा हो सकता है। हालांकि, इसके बाद 25 अक्टूबर 2019 को सिंगरौली जिला लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, जिला लोक निर्माण विभाग, एसडीएम और तहसीलदार तकनीकी अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में इस राखड़ बांध को दुरुस्त बताया था और इसे टूटने की आशंका से इनकार किया था।

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