भारत में लगभग एक सप्ताह से कोयले की कमी चिंता का विषय बनी हुई है। देश के ज्यादातर हिस्सों में त्योहारों का मौसम आने वाला है और इसी बीच ब्लैकआउट का डर सताने लगा है। सबसे ज्यादा चिंता उन किसानों को है, जिन्हें इसी दौरान अपनी खरीफ की फसलों की सिंचाई भी करनी है।
बिजली के लिए देश कोयले से चलने वाले अपने 135 बिजली-उत्पादन प्लांटों पर काफी हद तक निर्भर है। मीडिया रिपोर्टों के दावों के मुताबिक, इनमें से कुछ प्लांटों में केवल कुछ दिनों के लिए कोयले का स्टॉक बचा है।
राजधानी दिल्ली में बिजली संकट से बचने के लिए लोगों को सलाह दी गई है कि वेे बिजली की बर्बादी न करें। कई राज्य सरकारों ने भी केंद्र की मोदी सरकार से इस मामले पर गौर करने के लिए कहा है।
कोयले की कमी के लिए चीन के शंशी प्रांत में बाढ़ को जिम्मेदार बताया जा रहा है, जिसके चलते पूरी दुनिया में इसके दाम बढ़ गए। गौरतलब है कि चीन दुनिया का सबसे बड़ कोयला उत्पादक देश है, और उसके तीस फीसद कोयले का उत्पादन इसी प्रांत में होता है।
हालांकि कोयले के दाम उससे पहले से बढ़ने लगेे थे क्योंकि कोरोना के चलते लॉकडाउन के बाद उद्योगों के चालू होने से उसकी मांग बढ़ने लगी थी। यही वजह है कि कोयले की मांग और उसकी आपूर्ति में संतुलन डगमगाने लगा था।
आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले छह महीनों में अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कोयले के दाम चार गुना बढ़ गए हैं। केंद्रीय कोयला व खनन मंत्री प्रहलाद जोशी और बिजली मंत्री आरके सिंह ने दो दिन पहले कहा कि कोयले के कमी के चलते देश को किसी ब्लैकआउट का सामना नहीं करना पड़ेगा। जबकि जमीनी हकीकत और केंद्र के ही आंकड़े दूसरी कहानी बयां कर रहे हैं। पंजाब, बिहार और राजस्थान जैसे कई राज्यो में बिजली कटौती शुरू हो गई है।
दर्ज की गई कमी
पॉवर सिस्टम ऑपरेशन कोऑपरेशन, 2021 के आंकड़ों के मुताबिक, सात अक्टूबर 2021 को देश के उत्तरी क्षेत्र में 55.61, पश्चिमी क्षेत्र में 0.48, दक्षिणी क्षेत्र में 0.32, पूर्वी क्षेत्र में 23.7 और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में 0.21 मिलियन यूनिट यानी कुल 80.32 मिलियन यूनिट बिजली की कमी दर्ज की गई।
उसके अगले दिन आठ अक्टूबर 2021 को उत्तरी क्षेत्र में 78.67, पश्चिमी क्षेत्र में 2.66, दक्षिणी क्षेत्र में 1.31, पूर्वी क्षेत्र में 30.77 और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में 1.05 मिलियन यूनिट यानी कुल 114.46 मिलियन यूनिट बिजली की कमी दर्ज की गई।
नौ अक्टूबर 2021 को उत्तरी क्षेत्र में 84.7, पश्चिमी क्षेत्र में 3.09 दक्षिणी क्षेत्र में 4.11, पूर्वी क्षेत्र में 21.34 और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में 0.5 मिलियन यूनिट यानी कुल 113.74 मिलियन यूनिट बिजली की कमी दर्ज की गई।
जबकि दस अक्टूबर 2021 को उत्तरी क्षेत्र में 66.39, पश्चिमी क्षेत्र में 4.78, दक्षिणी क्षेत्र में 2.4, पूर्वी क्षेत्र में 12.52 और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में 0.61 मिलियन यूनिट यानी कुल 86.7 मिलियन यूनिट बिजली की कमी दर्ज की गई ।