जिम्मेदार तरीके से की जाएंगी हसदेव वन क्षेत्र में सभी कोयला खनन गतिविधियां: सरकार

साल 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में लगभग 30 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा
छत्तीसगढ़ का हसदेव जंगल बचाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं आदिवासी। फाइल फोटो: सीएसई
छत्तीसगढ़ का हसदेव जंगल बचाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं आदिवासी। फाइल फोटो: सीएसई
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आज 18 दिसंबर 2024 को संसद में हसदेव के जंगलों में खनन की इजाजत देने का मामला उठा। इस बाबत पूछे गए सवाल के जवाब में कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने लोकसभा में जानकारी देते हुए कहा कि सरकार, कोयला मंत्रालय के माध्यम से केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के साथ समन्वय में, यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि हसदेव वन क्षेत्र में सभी कोयला खनन गतिविधियां पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ और सामाजिक रूप से जिम्मेदार तरीके से की जाएं।

रेड्डी ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय कर रही है कि कोयला खनन कार्य से पर्यावरणीय प्रभाव कम से कम पड़े और जैव विविधता और वन क्षेत्र की उचित सुरक्षा की जाए। खनन योजना, ईसी और एफसी की अनुमति के अनुसार खनन किए गए क्षेत्र को जैविक रूप से फिर से हासिल करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा किकि जैविक आधार पर दोबारा हासिल करने के दौरान देशी पौधे और झाड़ियां उगाने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और राज्य वन विभाग खदान को फिर से हासिल करने वाले क्षेत्र का हर तिमाही निरीक्षण करते हैं।

देश में जैव ऊर्जा

देश में जैव ऊर्जा के संबंध में उठाए गए एक सवाल के जवाब में आज, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और बिजली राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने लोकसभा में बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में राष्ट्रीय जैव ऊर्जा कार्यक्रम (एनबीपी) के तहत 30 नवंबर, 2024 तक कुल 3044 छोटे बायोगैस संयंत्र स्थापित किए गए

हरियाणा के गोरखपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र का प्रभाव आकलन

आज सदन में पूछे गए के प्रश्न के उत्तर में, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन तथा प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में बताया कि हरियाणा के गोरखपुर में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना (गोरखपुर हरियाणा अणुविद्युत परियोजना - जीएचएवीपी) का एक व्यापक पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) किया गया है। जिसमें स्थानीय जल आपूर्ति पर पड़ने वाले प्रभाव को शामिल किया गया, जो कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय और पर्यावरण मंत्रालय से परियोजना के लिए पर्यावरणीय मंजूरी हासिल करने के एक हिस्से के रूप में किया गया। वर्तमान में जीएचएवीपी में कुल 3080 लोग कार्यरत हैं, जिनमें से 1339 हरियाणा राज्य के हैं।

पहाड़ों में बर्फबारी को प्रभावित करने वाले भूगर्भीय कारण

पहाड़ों में बर्फबारी को लेकर सदन में उठाए गए एक सवाल के जवाब में आज, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में बताया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) वैश्विक और क्षेत्रीय मॉडल के आधार पर पूर्वानुमान प्रदान करता है। ये सभी मॉडल स्थानीय भूगर्भीय कारणों पर विचार करते हैं।

जितेंद्र सिंह ने कहा, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) देश में मौसम के पूर्वानुमान को लेकर सटीकता हासिल करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है, जिसमें पर्वतीय क्षेत्र भी शामिल हैं।

नेट जीरो उत्सर्जन

सदन में उठाए गए एक सवाल के जवाब में, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा और बिजली राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने लोकसभा में बताया कि भारत द्वारा जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) सचिवालय को प्रस्तुत राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान के हिस्से के रूप में, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा संसाधनों से लगभग 50 प्रतिशत विद्युत शक्ति स्थापित क्षमता हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो 2070 तक नेट-जीरो तक पहुंचने के भारत के दीर्घकालिक लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह अनुमान लगाया गया है कि 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में लगभग 30 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।

देश में समुद्र का बढ़ता स्तर

बढ़ते समुद्र स्तर को लेकर सदन में पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए आज, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में कहा कि विभिन्न मौसमी व जलवायु कारकों के कारण समुद्र के स्तर में साल-दर-साल बड़े बदलाव होते रहते हैं। समुद्र के स्तर में वृद्धि अपनी औसत स्थिति से धीमी गति से होती है और इसलिए, इसे मापने के लिए बहुत लंबी अवधि, आम तौर पर कम से कम 30 साल की अवधि की जरूरत पड़ती है।

इसलिए, समुद्र के स्तर में वृद्धि को मापने के लिए पांच साल की अवधि पर्याप्त नहीं है। हालांकि प्रकाशित वैज्ञानिक अध्ययनों के आधार पर, पिछली शताब्दी (1900-2000) के दौरान हिंद महासागर में समुद्र का स्तर लगभग 1.7 मिमी सालाना की दर से बढ़ रहा था और 1993-2015 के बाद से उत्तरी हिंद महासागर में लगभग 3.3 मिमी सालाना की दर से और भी तेजी से बढ़ रहा है। हाल के शोध से पता चलता है कि भारतीय तटों पर समुद्र के स्तर में वृद्धि की दर में काफी भिन्नता है।

गैर-जीवाश्म ईंधन ऊर्जा

आज, सदन में उठाए गए एक सवाल का जवाब देते हुए, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और बिजली राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने लोकसभा में बताया कि 30 नवंबर, 2024 तक देश में कुल 213.70 गीगावाट बिना जीवाश्म ईंधन वाली ऊर्जा क्षमता स्थापित की जा चुकी है। भारत सरकार ने 2030 तक 500 गीगावाट बिना जीवाश्म वाली ऊर्जा क्षमता की प्रतिबद्धता को साकार करने के लिए देश में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को बढ़ावा देने और गति देने के लिए कई कदम और पहल की हैं।

तेलंगाना में चूना पत्थर क्षेत्र का आरक्षण

सदन में पूछे गए एक और प्रश्न का उत्तर देते हुए आज, कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने लोकसभा में कहा कि तेलंगाना सरकार ने 11 मार्च, 2024 को तेलंगाना राज्य खनिज विकास निगम लिमिटेड (टीएसएमडीसीएल) के पक्ष में तेलंगाना के विकाराबाद जिले में 680 हेक्टेयर और 753 हेक्टेयर क्षेत्र में चूना पत्थर ब्लॉकों के आरक्षण के लिए दो प्रस्ताव भेजे थे।

देश में पशुओं के स्वास्थ्य की स्थिति

देश में पशुओं के स्वास्थ्य के संबंध में उठाए गए एक सवाल के जवाब में, राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री ने राज्यसभा में बताया कि पशुपालन एवं डेयरी विभाग पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत, सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को पशुधन उत्पादकता बढ़ाने और रोगनिरोधी टीकाकरण, क्षमता निर्माण, रोग निदान, अनुसंधान एवं नवाचार, प्रशिक्षण आदि जैसी पहलों के माध्यम से पशुधन स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ाने के लिए सहायता कर रहा है।

देश में खुरपका एवं मुंहपका रोग (एफएमडी), ब्रुसेलोसिस, पेस्ट डेस पेटीज रूमिनेंट्स (पीपीआर) और क्लासिकल स्वाइन फीवर (सीएसएफ) के खिलाफ कुल टीके की खुराक क्रमशः 99.17 करोड़, 4.36 करोड़, 18.40 करोड़ और 0.61 करोड़ दी गई है।

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