अमेरिका में आगामी नवंबर में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव में पर्यावरण का मुद्दा चुनाव को सबसे अधिक प्रभावित करने वाला विषय बन गया है। इसका एक बड़ा कारण है कि इस प्रतिष्ठित चुनाव में अमेरिका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस का राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में शामिल होना। चुनावी विशेषज्ञों का आकलन है कि यह चुनाव वास्तव में अब हैरिस के लिए एक कड़ी परीक्षा बन गया है। विशेषकर उनके ग्रीन न्यू डील प्रास्तव के चलते उनके सामने यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि इस विषय पर अमेरिकी मतदाताओं से किस प्रकार से बात करें। ध्यान रहे कि अमेरिकी सीनेट में कमला हैरिस ने एक व्यापक जलवायु योजना का समर्थन किया था और युवा जलवायु कार्यकर्ता अब चाहते हैं कि वह इसे फिर से अपनाएं।
सीनेट में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने ग्रीन न्यू डील प्रस्ताव रखा था, जिसमें उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि जलवायु परिवर्तन कार्रवाई के लिए अर्थव्यवस्था में बड़े बदलावों की आवश्यकता होगी। लेकिन यह प्रास्तव 2019 में सीनेट में अधिक समर्थन नहीं मिलने के कारण गिर गया था।
पिछले अमेरिकी चुनाव में जब उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने राष्ट्रपति के रूप में व्हाइट हाउस पहुंचने की कोशिश की थी, तब उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर आक्रामक रुख अपनाया हुआ था, जिसमें उन्होंने कार्बन प्रदूषण पर कर और ग्लोबल वार्मिंग से लड़ने के लिए 10 ट्रिलियन डॉलर खर्च करने की मांग की थी। लेकिन उनकी यह मांग वर्तमान में हो रहे राष्ट्रपति के चुनाव में अब एक बोझ भी बन गई है। 2019 में एक सीनेटर के रूप में कमला हैरिस ने ग्रीन न्यू डील का प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव के अनुसार जलवायु परिवर्तन के लिए अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव की आवश्यकता है। इस प्रस्ताव में इस दशक में इलेक्ट्रिक ग्रिड को 100 प्रतिशत स्वच्छ ऊर्जा में बदलने का आह्वान किया गया था और साथ ही स्वच्छ हवा, स्वच्छ पानी और स्वस्थ भोजन को बुनियादी मानवाधिकार घोषित किए जाने की बात कही गई थी। इसके अलावा इसमें सभी अमेरिकियों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल और किफायती आवास की बात भी कही गई थी। हैरिस का प्रस्ताव तेजी से यूरोप और अमेरिका के प्रगतिशील हलको में फैल गया था। और इसे मैसाचुसेट्स के डेमोक्रेट सीनेटर एडवर्ड जे. मार्के और न्यूयॉर्क के डेमोक्रेट प्रतिनिधि अलेक्जेंड्रिया ओकासियो कोर्टेज द्वारा भी समर्थन मिला था।
ध्यान रहे कि हैरिस 2019 में जब वह राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के रूप में नामांकन की मांग कर रहीं थीं तब न्यू हैम्पशायर में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, “जलवायु परिवर्तन वास्तविक है और यह मानव होने के नाते यह हमारे लिए अस्तित्व का खतरा पैदा करता है। इसके बारे में कुछ करना हमारी एक बड़ी जरूरत है। साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि मैं ग्रीन न्यू डील का समर्थन कर रही हूं। वहीं दूसरी ओर रिपब्लिकन पार्टी ने ग्रीन न्यू डील को ऐसे प्रस्ताव के रूप में पेश किया जिसमें कहा गया कि यह देश को दिवालिया बना देगा। मार्च 2019 में सीनेट में इस विषय पर हुई थी वोटिंग और यह प्रस्ताव एक बड़े अंतर से गिर गया था। ऐसी स्थिति में उस समय जब जो बाइडेन 2020 में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार बने और हैरिस को अपने साथी के रूप में यानी उप राष्ट्रपति के रूप में चुना। हालांकि उन्होंने उनके ग्रीन न्यू डील प्रस्ताव से स्वयं को दूर कर लिया। ऐसी हालात में हैरिस ने भी यही किया।
अब जबकि वे राष्ट्रपित चुनाव के पूरी तरह से उम्मीदवार बन चुकी हैं तो ऐसे में युवा जलवायु कार्यकर्ता उम्मीद कर रहे हैं कि हैरिस अपने प्रगतिशील अतीत की ओर झुकेंगी। ऐसे में नेशनल रिपब्लिकन सेनेटोरियल कमेटी ने हैरिस को ग्रीन न्यू डील के समर्थन के आधार पर “कट्टरपंथी” करार दिया है। इस पर कैलिफोर्निया सैन डिएगो विश्वविद्यालय में नवाचार और सार्वजनिक नीति के प्रोफेसर डेविड विक्टर ने कहा, “हैरिस को अब एक महीन रेखा पर चलना होगा।” उन्होंने कहा कि ग्रीन न्यू डील शब्द कई उदारवादी और स्वतंत्र लोगों के बीच भी जहरीला हो गया है। वह कहते हैं कि आप जलवायु परिवर्तन के बारे में प्रेरणादायक बातें कर सकते हैं, लेकिन इन सबको ग्रीन न्यू डील कहना अमेरिका के स्विंग स्टेट्स में खतरे की घंटी है।
युवा नेतृत्व वाले जलवायु समूह की प्रवक्ता स्टीवी ओ हैनलॉन ने कहा कि उनके सदस्य चाहते हैं कि हैरिस अपनी 2020 में कही गई बातों को फिर से दोहराएं। ओ हैनलॉन ने कहा, “इस तथ्य से हैरिस को अब भागने का कोई फायदा नहीं है क्योंकि उन्होंने बकायदा आम लोगों के बीच ग्रीन न्यू डील का समर्थन किया है। ऐसे में रिपब्लिकन इस विषय पर उन पर हमला करने जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में उनके पास वास्तव में इसका बचाव करने और इसे परिभाषित करने व इस बारे में बात करने का एक सुनहरा अवसर है कि वह लोगों को बताएं कि यह वास्तव में कामकाजी लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की योजना कैसे बन सकती है।”
बाइडेन प्रशासन ने अपने पिछले चार साल के कार्यकाल के दौरान कई बार प्रमुख जीवाश्म ईंधन परियोजनाओं को विकसित करने की अनुमति देकर पर्यावरणविदों को निराश किया है। अमेरिका ने पिछले साल इतिहास में किसी भी अन्य देश की तुलना में सबसे अधिक मात्रा में कच्चे तेल का उत्पादन किया और प्राकृतिक गैस का प्रमुख निर्यातक है। अब उपराष्ट्रपति को बाइडेन प्रशासन की जलवायु नीतियों का बचाव करने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि वह अपना रास्ता खुद तय करने की कोशिश कर रही हैं। ओ हैनलॉन ने कहा कि हम आने वाले दिनों में ध्यान से देख रहे हैं कि क्या और कैसे वह खुद को राष्ट्रपति बाइडेन से अलग रूप में प्रस्तुत करती हैं। अमेरिका के जलवायु कार्यकर्ताओं ने अभी तक किसी भी पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का समर्थन नहीं किया है। कई डेमोक्रेटिक सांसदों, यहां तक कि ग्रीन न्यू डील का समर्थन करने वालों ने भी कहा कि हैरिस को बाइडेन प्रशासन में अपनी उपलब्धियों, विशेष रूप से मुद्रास्फीति न्यूनीकरण अधिनियम पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। मुद्रास्फीति न्यूनीकरण अधिनियम स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन में कर प्रोत्साहन और सब्सिडी में 370 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश कर रहा है। अब तक इसने सौर पैनलों, पवन टर्बाइनों, इलेक्ट्रिक वाहन बैटरियों और चार्जिंग स्टेशनों में निजी निवेश में लगभग 488 बिलियन डॉलर का निवेश किया है। इसने एक लाख से अधिक नौकरियां पैदा हुईं। समूह ने पाया है कि स्वच्छ ऊर्जा में मिला रोजगार अब अमेरिका में हर साल जोड़े जाने वाले सभी नए रोजगारों का 3 प्रतिशत से अधिक का हिस्सा है और लगभग किसी भी अन्य क्षेत्र की तुलना में अधिक नौकरियां पैदा करता है।
ध्यान रहे कि पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने इस कानून को निरस्त करने का आह्वान किया है, वे अधिक कोयला, तेल और गैस उत्पादन को प्रोत्साहित करना चाहते हैं। इन जीवाश्म ईंधनों का जलना जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारण है।
नेचर में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार ग्रीन न्यू डील को तब द्विदलीय समर्थन मिला था जब इसे पहली बार एक व्यापक विचार के रूप में प्रस्तावित किया गया था। येल प्रोग्राम ऑन क्लाइमेट चेंज कम्युनिकेशन द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में पाया गया कि 64 प्रतिशत रिपब्लिकन मतदाताओं ने शुरू में जलवायु कार्रवाई और नई स्वच्छ ऊर्जा में नौकरियों के लिए बने खाका का समर्थन किया था।
ट्रंप अब सभी जलवायु नीति को ग्रीन न्यू स्कैम के रूप में प्रस्तुत करते हैं। केंटकी के रिपब्लिकन सीनेटर मिच मैककोनेल के पूर्व ऊर्जा सलाहकार और ट्रंप द्वारा नियुक्त संघीय ऊर्जा नियामक आयोग के पूर्व अध्यक्ष नील चटर्जी ने कहा कि स्विंग राज्यों में रिपब्लिकन इसका पूरा इस्तेमाल करने का इरादा रखते हैं। अगर वह ग्रीन न्यू डील को अपनाते हैं तो इससे उन राज्यों में उन्हें नुकसान होगा, लेकिन अगर वह इससे पीछे हटते हैं तो वह उन युवा जलवायु कार्यकर्ताओं से दूर हो जाएंगे, जिनकी मतदाता के रूप में जरूरत है।
हैरिस द्वारा रखे गए कई अन्य भी प्रस्ताव भी अब उनके चुनाव में उतरने के बाद उनके लिए एक मुसीबत बन सकते हैं। जैसे कि उन्होंने कम मांस की खपत को प्रोत्साहित करने के लिए संघीय आहार दिशानिर्देशों को बदलने का आह्वान किया था। ध्यान रहे कि मांस और डेयरी उत्पादन वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का लगभग 14 प्रतिशत है।
सेंटर फॉर बायोलॉजिकल डायवर्सिटी एक्शन फंड नामक पर्यावरण समूह के राजनीतिक निदेशक पैट्रिक डोनेली ने कहा कि वह चाहेंगे कि हैरिस जलवायु परिवर्तन पर अपने साहसिक कमदों से पीछे न हटे और इस पर मजबूती से डटे रहें, हां इस बात का उन्हें जरूर ध्यान रखना होगा उनका इस मामले में उनका नजरिया पूरी तरह से व्यावहारिक होना चाहिए। साथ ही डोनेली ने कहा कि उन्हें वामपंथ के सुदूरवर्ती क्षेत्रों की चापलूसी करने की आवश्यकता नहीं है।