
आम बजट 2025-26 में मध्य वर्ग के लिए की गई घोषणाएं आज के समाचार की प्रमुख सुर्खियों में से एक है। ठीक इसी तरह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट 2024-25 में पहली जॉब वालों को 15,000 रुपए देने के साथ-साथ रोजगार संबंधी पांच योजनाओं की घोषणा ने खूब वाहवाही लूटी थी। क्या आप जानते हैं कि इस योजना का क्या हुआ?
लेकिन इससे पहले जानते हैं कि आज यानी 1 फरवरी 2025 को जारी बजट में रोजगार के लिए क्या घोषणाएं की गई है। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के लिए 32,646 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है, जो साल 2023-24 के वास्तविक बजट के मुकाबले लगभग तीन गुणा अधिक है।
साल 2023-24 का वास्तविक बजट 11,385.62 करोड़ रुपए था। जबकि बजट 2024-25 में अनुमानित बजट लगभग दोगुणा बढ़ाते हुए 22531.47 करोड़ कर दिया गया, लेकिन चूंकि योजनाएं शुरू नहीं हो पाई तो संशोधित बजट घटाकर 18307.22 करना पड़ा। अब एक बार फिर रोजगार का मोर्चा हासिल करने के लिए श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के बजट में अभूतपूर्व वृद्धि की गई है।
इस बजट में भी एक नई रोजगार सजृन योजना के लिए 20 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इस मद में पिछले साल के बजट में 10 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था, जिसे बाद में संशोधित करके 6799.43 करोड़ रुपए कर दिया गया।
इसके अलावा कौशल विकास, श्रम एवं रोजगार मद के बजट में भी लगभग दोगुणा वृ्द्धि की गई है। इस मद पर जहां 2023-24 का वास्तविक बजट लगभग 10,729 करोड़ रुपए था, उसे पिछले साल जुलाई महीने में पेश आम बजट में बढ़ा कर 19627.44 करोड़ रुपए (अनुमानित) कर दिया गया, लेकिन जब संशोधित बजट आया तो उसमें इसे घटाकर लगभग 15,870 करोड़ कर दिया गया। अब बजट 2025-26 में इस मद में 28,717.72 करोड़ रुपए यानी संशोधित बजट के मुकाबले लगभग 80 फीसदी की वृ्द्धि की गई है।
क्या थी पिछले साल की घोषणाएं
आइए जानते हैं कि 23 जुलाई 2024 को संसद में अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्या कहा था? वित्त मंत्री ने कहा था कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री के पैकेज के हिस्से के रूप में एम्प्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव (रोजगार संबंधी प्रोत्साहन) के लिए तीन योजनाओं को लागू करेगी। ये योजनाएं कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफओ) में नामांकन पर आधारित होंगी और पहली बार रोजगार पाने वाले को पहचान दिलाने में मदद करेंगी साथ ही रोजगार देने वाले तथा रोजगार प्राप्त करने वाले का सहयोग करेंगी।
योजना ए: पहली बार रोजगार पाने वाले
यह योजना सभी प्रमुख औपचारिक कार्य क्षेत्रों में कामगार के रूप में शामिल होने वाले नये युवाओं को एक महीने का वेतन उपलब्ध कराएगी। इससे दो वर्ष तक 2.1 करोड़ युवा लाभांवित होंगे। इस योजना में शामिल होने के लिए पात्रता की सीमा वेतन के रूप में एक लाख रुपये प्रतिमाह तक होगी। कर्मचारी भविष्य निधि- ईपीएफओ में पंजीकृत हुए पहली बार रोजगार पाने वाले लोगों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से एक महीने का वेतन 15 हजार की तीन किस्तों में दिया जाएगा और यह अधिकतम होगा। इस योजना से 210 लाख युवाओं के लाभान्वित होने की आशा है।
योजना बी: विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन
इस योजना में विनिर्माण क्षेत्र में अतिरिक्त रोजगार को प्रोत्साहन दिया जाएगा, जो पहली बार रोजगार पाने वाले कामगारों के रोजगार से जुड़ा हुआ है। योजना के अंतर्गत पहली बार रोजगार पाने वाले 30 लाख युवाओं और उनके नियोक्ताओं के लाभान्वित होने की आशा है।
मुख्य रूप से कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों को सीधे तौर पर एक विनिर्दिष्ट पैमाने पर रोजगार के पहले चार वर्षों में ईपीएफओ में उनके अंशदान के संबंध में प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराई जाएगी। यदि पहली बार रोजगार पाने वाले कामगार की सेवाएं उसकी नियुक्ति के 12 महीनों के अंदर समाप्त कर दी जाती है तो सब्सिडी नियोक्ता के द्वारा लौटाई जाएगी।
योजना सी: नियोक्ताओं को सहायता
रोजगार देने वाले नियोक्ताओं पर केंद्रित इस योजना में सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार को शामिल किया जाएगा। इसमें एक लाख रुपए प्रतिमाह के वेतन के भीतर सभी अतिरिक्त रोजगारों की गणना की जाएगी। सरकार, प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के संबंध में नियोक्ताओं को ईपीएफओ अंशदान के लिए उन्हें 2 वर्षों तक 3,000 रुपये प्रतिमाह की प्रतिपूर्ति करेगी। इस योजना से 50 लाख व्यक्तियों को अतिरिक्त रोजगार प्रोत्साहन मिलने की आशा है।
चौथी योजना
अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा था कि प्रधानमंत्री पैकेज के अंतर्गत चौथी योजना के रूप में राज्य सरकारों और उद्योग जगत के सहयोग से कौशल प्रशिक्षण के लिए केंद्र द्वारा प्रायोजित एक नई योजना की घोषणा की जा रही है। इस योजना के तहत 5 वर्षों की अवधि में 20 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा और इसके लिए 60 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
पांचवी योजना
वित्त मंत्री ने कहा था कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री पैकेज के अंतर्गत 5वीं योजना के रूप में 500 शीर्ष कंपनियों में 5 वर्षों के दौरान एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण (इसमें कंपनियों की भागीदारी स्वैच्छिक होगी) प्राप्त करने के अवसर प्रदान करने के लिए एक व्यापक योजना की शुरूआत करेगी। इस योजना के तहत 5,000 रुपये प्रतिमाह का प्रशिक्षण भत्ता और 6,000 रुपये की एकबारगी सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
इन योजनाओं का क्या हुआ?
आज के बजट डॉक्यूमेंट के साथ 2024-25 की बजट घोषणाओं के कार्यान्वय की स्थिति का ब्यौरा भी दिया गया है। जो बताता है कि इम्प्लॉयमेंट इंसेंटिव स्कीम के लिए मंत्रिमंडल नोट (कैबिनेट नोट) का ड्राफ्ट विचाराधीन है। यह ड्राफ्ट श्रम एवं रोजगार मंत्रालय तैयार कर रहा है। यानी अभी तक योजना को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलना तो दूर कैबिनेट नोट तक तैयार नहीं हुआ है।
विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन के लिए श्रम एवं रोजगार मंत्रालय एवं कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (सीआईआई) के बीच कई बैठकें जरूर हो चुकी हैं।