मध्यप्रदेश के सबसे बड़े गेहूं उत्पादक जिले होशंगाबाद में परिवहन व्यवस्था फेल

खरीदी केंद्र के प्रबंधकों ने प्रशासन और सहकारिता विभाग को पत्र लिखकर अपनी समस्याएं बताते हुए 28 अप्रैल से खरीदी का काम रोक दिया है
होशंगाबाद में गेहूं संग्रह करने वाला सायलो गोदाम। फोटो: मनीष चंद्र मिश्र
होशंगाबाद में गेहूं संग्रह करने वाला सायलो गोदाम। फोटो: मनीष चंद्र मिश्र
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मध्यप्रदेश में लॉकडाउन की वजह से पहले ही देरी से शुरू हुई गेहूं खरीदी का काम प्रभावित हो रहा है। होशंगाबाद में गेहूं खरीदी केंद्र से गोदाम तक अनाज का परिवहन न होने से कई केंद्रों पर खरीदी का काम रुका हुआ है।

होशंगाबाद जिले के सोमलवाड़ा खेड़ी खरीदी केंद्र पर मंगलवार को एमएमएस मिलने के बाद किसान अपनी उपज लेकर पहुंचे। वहां पहुंचकर उन्हें पता चला कि केंद्र ने एक नोटिस चस्पा कर रखा है जिस पर लिखा है, परिवहन व्यवस्था न होने की वजह से गेहूं खरीदी का काम आगामी आदेश तक बंद रहेगा। सोमलवाड़ा की तरह कमोबेश होशंगाबाद के अधिकतर खरीदी केंद्र का यही हाल है। देखते ही देखते केंद्रों के आगे किसानों के ट्रैक्टर ट्रॉलियों की भीड़ लग गई। 

होशंगाबाद के सिवनी मालवा क्षेत्र के खरीदी केंद्र के प्रबंधकों ने जिला प्रशासन और सहकारिता विभाग को पत्र लिखकर अपनी समस्याएं बताते हुए 28 अप्रैल से खरीदी का काम रोक दिया है। यहां 81 केंद्रों पर 15 अप्रैल को खरीदी शुरू हुई थी। प्रबंधकों के मुताबिक, परिवहन न होने से गेहूं धूप में सूखने लगा है और वजन में कमी आ रही है। दो दिन पहले बारिश होने से भी खुले में रखा अनाज खराब हो रहा है। पिपरिया के कई केंद्रों पर परिवहन न होने से हम्मालों (गेहूं ढोने वाले) और कई अन्य मजदूरों को पिछले 12 दिनों से मजदूरी नहीं दी गई है। कई केंद्रों पर लॉकडाउन की वजह से हम्माल मिल भी नहीं रहे इसलिए परेशानी बढ़ रही है।

परिवहन की समस्या कलेक्टर के उपार्जन की समीक्षा बैठक में भी सामने आई। 28 अप्रैल को बैठक में कलेक्टर धनंजय सिंह ने डीएम नागरिक आपूर्ति निगम के उपज परिवहन के काम पर नाराजगी जताते हुए कारण बताओ नोटिस दिया। उन्होंने वेयर हाउस प्रबंधक को निर्देशित किया कि भंडारण व्यवस्था के बेहतर करें तथा गोदामों को अधिक समय तक खोले एवं गोदामों में श्रमिकों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित कराएं। कलेक्टर ने सभी उपार्जन संबंधी नोडल अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से समन्वय स्थापित कर परिवहन के मैपिंग कार्य की समीक्षा करें एवं परिवहन कार्य का सुचारू करें।

जिला प्रशासन के मुताबिक होशंगाबाद में 27 अप्रैल तक 32,569 किसानों से 2,27,417 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है। होशंगाबाद जिला पिछले कई वर्षों से मध्यप्रदेश में सबसे अधिक गेहूं उत्पादन करता है। इस वर्ष जिले से 8 से 10 लाख मीट्रिक टन उपज की उम्मीद है। 

होशंगाबाद के अलावा कई दूसरे जिलों में भी किसानों को खरीदी केंद्र पर एसएमएस मिलने के बाद कई-कई दिन इंतजार करना पड़ रहा है।

सरकार का दावा, हुई रिकॉर्ड खरीदी

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दावा किया है प्रदेश में 23 लाख मीट्रिक टन गेहूं की रिकॉर्ड खरीदी का काम हो चुका है। वह कहते हैं, “एक माह पूर्व किसानों को यह चिंता थी कि खरीदी होगी अथवा नहीं। राज्य में गेहूं खरीदी का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है।”

भंडारण में आ रही समस्याओं पर मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के कारण जूट के बारदानों की उपलब्धता की समस्या आई थी, जिसे दूर किया गया है। मध्यप्रदेश सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में इस वर्ष रबी उपार्जन में 28 अप्रैल तक 4,75,000 से 23 लाख मीट्रिक टन गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा चुकी है। खरीदी के लिये 1,360 करोड़ रुपए की राशि भुगतान के लिये स्वीकृत हुई है, जिसमें से 258 करोड़ रुपए 41 हजार किसानों के खातों में भेज दिए गए हैं। कुल उपार्जित गेहूं में से 17 लाख 50 हजार मीट्रिक टन का गोदामों में सुरक्षित परिवहन किया जा चुका है। 

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